सिंधु जल संधि से बाहर निकल भारत ऐसे बंद करेगा हुक्का पानी? ये 5 प्रोजेक्ट हैं

3 hours ago

Last Updated:April 24, 2025, 15:14 IST

Indus Water Treaty: भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. मगर, सवाल उठता है कि भारत इन नदियों के पानी को कैसे कंट्रोल करेगा? तो जान लीजिए कि भारत इसके लिए पहले से ही तैयार बैठा है. भारत ...और पढ़ें

सिंधु जल संधि से बाहर निकल भारत ऐसे बंद करेगा हुक्का पानी? ये 5 प्रोजेक्ट हैं

पाकिस्तान जाने वाली नदियों की पानी भारत कैसे रोकेगा? इन प्रोजेक्ट के बारे में जानते हैं.

Indus Water Treaty: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सबसे पहले 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को रद्द कर दिया. आम लोगों के बीच ये सवाल उठता है कि आखिर भारत पाकिस्तान जाने वाली इतनी नदियों का पानी कैसे रोकेगा? इतना पानी कहां जाएगा? इस निलंबन से भारत को क्या फायदा होगा या फिर इन नदियों का पानी कहां जाएगा? भारत सरकार ने ऐसे समस्या से निपटने के लिए पहले से क्या तैयारी की है? मगर बता दें कि भारत ने इस परियोजना को लेकर पहले से तैयारी पहले से कमर कस ली है. मगर इसके बारे में शायद ही किसी को पता हो. भारत ने 5 ऐसे प्रोजेक्ट तैयार कर रखे हैं, जिसको एक बार चालू कर दे तो पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद हो जाएगा.

मंगलवार 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों के हमले के बाद भारत ने सबसे पहले सिंधु जल संधि समझौते को रद्द कर दिया. इसके अलावा भी भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए कई सख्त कदम उठाए. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि यह निलंबन तब तक लागू रहेगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता. लेकिन यह केवल शुरुआत है.भारत ने पिछले कई वर्षों में जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के जरिए पाकिस्तान पर शिकंजा कसने की रणनीति पहले ही तैयार कर ली है.

पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदी का पानी कैसे रोकेंगे?
आपको बता दें कि भारत ने सिंधु नदी जल संधि पर सालों की मेहनत से अपनी स्थिति मजबूत की है. भारत ने कई ऐसी परियोजनाओं के विकसित किया है, जिससे पाकिस्तान में जाने वाली सारी नदियों की पानी को रोक दिया जाए.

किशनगंगा जलविद्युत परियोजना (झेलम की सहायक नदी): 2018 में शुरू की गई इस परियोजना में 23 किलोमीटर लंबी सुरंग के जरिए किशनगंगा नदी का पानी झेलम नदी बेसिन में डायवर्ट किया जाता है. 330 मेगावाट की यह परियोजना पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय रही है. इससे नीलम-झेलम परियोजना पर असर पड़ता है. 2013 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय ने भारत को न्यूनतम 9 क्यूमेक्स पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ने की शर्त के साथ इसे मंजूरी दी थी. रातले जलविद्युत परियोजना (चेनाब नदी): यह परियोजना 2021 में दोबारा (एडवांसमेंट) के साथ शुरू हुई. इस 850 मेगावाट की परियोजना पर पाकिस्तान ने पानी के प्रवाह में हेरफेर की आशंका जताई. भारत ने इसे टेक्निकल बताया है. तटस्थ विशेषज्ञ (न्यूट्रल एक्सपर्ट) की नियुक्ति की मांग की, जबकि पाकिस्तान कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन चाहता है. जनवरी 2025 में भारत के पक्ष को सही माना गया. तुलबुल नेविगेशन परियोजना (झेलम नदी): 1987 में पाकिस्तान के विरोध के बाद निलंबित कर दिया था. मगर, इस परियोजना को 2016 के उरी हमले के बाद फिर से शुरू किया गया. यह परियोजना वुलर झील के मुहाने पर नेविगेशन लॉक और कंट्रोल स्ट्रक्चर के जरिए पाकिस्तान जाने वाली पानी को नियंत्रित करती है. पाकिस्तान इसे संधि का उल्लंघन मानता है, लेकिन भारत ने इसे दरकिनार करते हुए जारी रखा. शाहपुरकांडी बांध (रावी नदी): 2018 में मंजूरी मिलने के बाद 2024 में पूरा हुआ यह बांध रावी नदी के अधिशेष पानी को पाकिस्तान में जाने से रोकता है. यह परियोजना जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 32,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए है. हाल ही में, इस बांध ने रावी का प्रवाह पूरी तरह रोक दिया, जिससे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भी पानी पहुंचेगा. ऊझ बहुउद्देशीय परियोजना (रावी की सहायक नदी): 2020 में घोषित इस परियोजना का उद्देश्य जल भंडारण, सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन है. यह परियोजना पाकिस्तान की ओर पानी के प्रवाह को कम करेगी और पंजाब व उत्तरी पहाड़ी राज्यों को लाभ पहुंचाएगी.

भारत अब कई और कदम उठा सकता है:

जलाशयों की सफाई: भारत किशनगंगा के पानी साफ करने या गाद हटाने का समय तब चुनेगा, जिससे पाकिस्तान की सिंचाई प्रभावित हो सकती है. डेटा साझा न करना: भारत अब वास्तविक समय में जल-वैज्ञानिक डेटा साझा करने के लिए बाध्य नहीं है. इंक्वायरी पर रोक: पाकिस्तानी टीमें अब जम्मू-कश्मीर में जल परियोजनाओं का निरीक्षण नहीं कर सकेंगी. अंतर-बेसिन हस्तांतरण: शाहपुरकांडी और ऊझ बांधों के जरिए पश्चिमी नदियों का पानी पूर्वी नदियों में डायवर्ट किया जा सकता है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 24, 2025, 15:14 IST

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