Last Updated:August 23, 2025, 13:33 IST
CPI Leader Sudhakar Reddy passes away: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव और नलगोंडा से दो बार सांसद रहे सुरवरम सुधाकर रेड्डी का शुक्रवार को हैदराबाद में निधन हो गया. वे मजदूरों की आवाज और वामपंथी एकता...और पढ़ें

CPI Leader Sudhakar Reddy passes away: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी का शुक्रवार रात हैदराबाद में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. वह 83 वर्ष के थे. सुधाकर रेड्डी 2012 से 2019 तक एबी बर्धन के बाद भाकपा के महासचिव रहे. सुधाकर रेड्डी नलगोंडा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार (1998 और 2004) सांसद रहे. उनके परिवार में उनकी पत्नी बी.वी. विजयलक्ष्मी और दो बेटे, निखिल और कपिल हैं. विजयलक्ष्मी भी एटक की वरिष्ठ नेता थीं.
अपने साथी कॉमरेड सुधाकर रेड्डी के बारे में सीपीआई के वर्तमान महासचिव डी राजा ने एक्स पर लिखा, “कॉमरेड सुधाकर ने अपना जीवन मजदूर वर्ग के संघर्षों के लिए समर्पित कर दिया. जनता के लिए आजीवन संघर्षरत रहने के नाते, उन्हें उनकी विनम्रता, स्पष्टता और सीपीआई एवं वामपंथी आंदोलन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा.” राजा ने कहा, “सुधाकर रेड्डी एक प्रमुख नेता थे जिन्होंने कम्युनिस्ट पार्टियों को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.” राजा ने बताया कि उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव प्रकाश करात और सीताराम येचुरी, दोनों के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता था.
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रविवार को होगा अंतिम संस्कार
उनका अंतिम संस्कार रविवार (24 अगस्त, 2025) को होगा क्योंकि उनके बड़े बेटे के अमेरिका से आने की उम्मीद है. रेड्डी का पार्थिव शरीर रविवार सुबह 10 बजे से जनता के दर्शनार्थ भाकपा के राज्य कार्यालय, मखदूम भवन में रखा जाएगा. दोपहर में अंतिम संस्कार होगा, जिसके बाद उनकी इच्छा पूरी करते हुए उनके पार्थिव शरीर को शोध हेतु गांधी मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया जाएगा. उनकी आंखें सरोजिनी देवी नेत्र चिकित्सालय को दान कर दी जाएंगी.
मजदूरों के कल्याण के लिए किया काम
सुधाकर रेड्डी नलगोंडा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार (1998 और 2004) सांसद रहे और श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे. जहां उन्होंने असंगठित श्रमिकों के लिए कल्याण विधेयक का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. 2008 में वे भाकपा के उप-महासचिव बने और 2012 में पटना अधिवेशन में पार्टी के 9वें महासचिव चुने गए. वे पुडुचेरी (2015) और कोल्लम (2018) में पुनः निर्वाचित हुए. 2019 में खराब स्वास्थ्य के कारण, उन्होंने पद छोड़ दिया.
पिता थे स्वतंत्रता सेनानी, चाचा संपादक
25 मार्च, 1942 को संयुक्त महबूबनगर ज़िले के कोंद्रेवुपल्ली में जन्मे सुरवरम सुधाकर रेड्डी एक ऐसे परिवार से थे जिसकी बौद्धिक और सुधारवादी विरासत मजबूत थी. वे गोलकुंडा पत्रिका के प्रसिद्ध संपादक और तेलंगाना सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत सुरवरम प्रताप रेड्डी के भतीजे थे. उनके पिता वेंकटराम रेड्डी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. सुधाकर रेड्डी ने अपनी स्कूली शिक्षा कुरनूल में पूरी की. उस्मानिया डिग्री कॉलेज, कुरनूल से इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. बाद में उस्मानिया विश्वविद्यालय लॉ कॉलेज, हैदराबाद से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहते हुए वे अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसएफ) और अखिल भारतीय युवा संघ (एआईवाईएफ) के शीर्ष पदों तक पहुंचे. अंततः दोनों संगठनों के अखिल भारतीय महासचिव बने और देशव्यापी छात्र एवं युवा संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 23, 2025, 13:33 IST