Last Updated:March 25, 2025, 17:13 IST
IMA: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अंत: भारतीय सैन्य अकादमी लागू करने जा रही है. 92 साल के इहितास में पहली बार महिला अधिकारी कैडेट्स को अकादमी में शामिल किया जा रहा है.

महिला कैडेट अधिकारियों के लिए खुले आईएमए के दरवाजे. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
92 साल पुरानी सैन्य अकादमी ने बदले अपने नियम.महिला अफसरों के लिए खुले आईएमए के दरवाजे.18 महिला कैडेट्स में से 8 ने चुनी भारतीय सेना में सेवा.Women in Army: सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 92 साल पुरानी सैन्य अकादमी अपना नियम बदलने जा रही है. जी हां, देहरादून में स्थित 92 साल पुरानी भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जुलाई 2025 में पहली बार महिला अधिकारी कैडेट्स को शामिल करने जा रही है. ये महिलाएं खडकवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक होने के बाद आईएमए में आएंगी. एनडीए ने तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोले थे.
अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी है कि एनडीए में अभी छठे और आखिरी सत्र की ट्रेनिंग ले रही 18 महिला कैडेट्स में से 8 ने सेना में सेवा देने का फैसला किया है. ये अगले साल अधिकारी बनने से पहले आईएमए में एक साल की ट्रेनिंग लेंगी. एनडीए की पहली महिला कैडेट्स का बैच मई में तीन साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पास होगा. इन्होंने अगस्त 2022 में इस अकादमी में दाखिला लिया था. एनडीए में अभी 126 महिला कैडेट्स अलग-अलग चरणों में ट्रेनिंग ले रही हैं.
सीनियर अधिकारी के अनुसार, लगभग 93 साल में पहली बार आईएमए में महिलाएं शामिल होंगी. यह इसके इतिहास में बड़ा बदलाव है. अभी यह देश की इकलौती सैन्य अकादमी है जो महिलाओं को ट्रेनिंग नहीं देती. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में सरकार को आदेश दिया था कि महिलाओं को एनडीए प्रवेश परीक्षा देने की इजाजत दी जाए. इसके बाद अगले साल पहला बैच शामिल हुआ था. यह फैसला तब आया जब महिलाओं को तीनों सेनाओं में चुनिंदा शाखाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारी बनने की अनुमति मिले 30 साल हो गए थे.
साथ ही, 18 महीने पहले कोर्ट ने कहा था कि एसएससी के जरिए सेना में आईं महिलाओं को स्थायी कमीशन और कमांड की भूमिकाएं भी मिल सकती हैं. आईएमए में महिला कैडेट्स के लिए अलग रहने की व्यवस्था की गई है, लेकिन वे पुरुष कैडेट्स के साथ अलग-अलग कंपनियों में ट्रेनिंग लेंगी. अधिकारी ने बताया कि आईएमए के अधिकारियों ने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए), दुंडीगल की वायु सेना अकादमी और एझिमाला की नौसेना अकादमी का दौरा किया. वहां से महिलाओं की ट्रेनिंग और उनकी खास जरूरतों के बारे में जानकारी ली गई है.
आपको बता दें कि एनडीए और नौसेना अकादमी की परीक्षा 12वीं कक्षा के दौरान दी जा सकती है. यह परीक्षा यूपीएससी आयोजित करती है. पास करने वाले उम्मीदवारों को पांच दिन की सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की कठिन प्रक्रिया से गुजरना होता है. फिर मेडिकल टेस्ट के बाद अंतिम मेरिट लिस्ट बनती है. एनडीए में तीन साल (छह सत्र) की ट्रेनिंग के बाद कैडेट्स अपनी पसंद की सेना के हिसाब से दूसरी अकादमियों में जाते हैं. अभी सेना में महिलाएं नई भूमिकाओं में हिस्सा ले रही हैं. करीब 60% महिला कमांडिंग ऑफिसर ऑपरेशनल इलाकों में यूनिट्स संभाल रही हैं.
दो साल पहले कमांड की भूमिकाएं खुलने के बाद 145 से ज्यादा महिलाओं को कर्नल का पद मिला है, जिनमें से 115 अपनी यूनिट्स संभाल रही हैं. हालांकि, इसमें कुछ समस्याएं भी आई हैं. पिछले साल एक जनरल ने पूर्वी सेना कमांडर को पत्र लिखकर महिला कमांडरों से जुड़ी शिकायतें की थीं. लेकिन फिर भी, सेना में महिलाएं पुरुषों के बराबर अहम भूमिकाएं निभा रही हैं. वे फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं, युद्धपोतों पर सेवा दे रही हैं, और एनडीए में ट्रेनिंग ले रही हैं. हालांकि, टैंक और पैदल सेना में लड़ाई की भूमिकाएं अभी उनके लिए बंद हैं.
First Published :
March 25, 2025, 17:13 IST