Last Updated:July 02, 2025, 11:24 IST
Karnataka Covid Cases: कर्नाटक में एक महीने में 20 युवाओं की हार्ट अटैक से मौत से हड़कंप मच गया. जिसके बाद CM सिद्धारमैया ने वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए. हालांकि, ICMR और AIIMS की रिपोर्ट कुछ अलग ही दावा कर रही ...और पढ़ें

कर्नाटक में अचानक बढ़ीं हार्ट अटैक से मौत की संख्या.
हाइलाइट्स
कर्नाटक में एक महीने में 20 से ज्यादा युवाओं की हार्ट अटैक से मौत हुई.CM सिद्दारमैया ने कहा कि इसका कारण कोविड वैक्सीन भी हो सकता है.AIIMS और ICMR की स्टडी में दावा कुछ अलग ही सामने आया.कर्नाटक: कोई 25 साल का युवक बिल्कुल ठीक ठाक हो और एक दिन अचानक उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाए, तो क्या आप डरेंगे नहीं? अब सोचिए अगर ऐसा एक-दो नहीं, बल्कि 20 लोगों के साथ सिर्फ एक महीने में हो जाए, तो? कर्नाटक के हासन जिले में ऐसा ही कुछ हुआ है. मई के आखिरी हफ्ते से लेकर जून के आखिरी हफ्ते तक 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इनमें से 9 लोग 30 साल से भी कम उम्र के थे. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर को कोई पुरानी बीमारी नहीं थी और उन्हें कोई लक्षण भी नहीं दिखे थे. अब इन मौतों का कनेक्शन कोविड-19 की वैक्सीन से जोड़ा जा रहा है.
वैक्सीन से भी हो सकता है कनेक्शन: CM सिद्दारमैया
अचानक हुईं इन मौतों की संख्या ने कर्नाटक सरकार को चिंता में डाल दिया है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एक विशेषज्ञ समिति को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. सिद्दारमैया ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए एक चौंकाने वाली बात कही. उन्होंने संकेत दिए कि हो सकता है कि COVID-19 वैक्सीन का भी इन मौतों में कोई कनेक्शन हो. उन्होंने कहा, “हम यह नजरअंदाज नहीं कर सकते कि वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई और इसे बिना टेस्टिंग के लोगों को लगाया गया. अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में भी वैक्सीन और हार्ट संबंधी समस्याओं के कुछ लिंक सामने आए हैं.”
इतना ही नहीं, सिद्दारमैया ने फरवरी में भी विशेषज्ञ समिति को वैक्सीन के बाद युवाओं की मौतों पर राज्यव्यापी अध्ययन करने को कहा था. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा हमें दोष देने से पहले अपने जमीर से सवाल करे. यह स्वास्थ्य का मामला है, राजनीति का नहीं.”
केंद्र सरकार का दावा क्या है?
मुख्यमंत्री के इस बयान के एक दिन बाद ही केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बयान को “झूठा और भ्रामक” बता दिया और चेताया कि ऐसे दावे देश में वैक्सीन को लेकर झिझक (vaccine hesitancy) को बढ़ावा दे सकते हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो बड़ी वैज्ञानिक स्टडीज का हवाला देते हुए कहा कि COVID-19 वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है.
ICMR और AIIMS की स्टडी क्या कहती है?
सरकार ने अपील क्या की?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि COVID-19 वैक्सीन भारत में पूरी तरह सुरक्षित है और करोड़ों लोगों की जान बचाने में इसकी भूमिका रही है. गंभीर रिएक्शन के मामले बेहद ही कम हैं. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “इस तरह के अटकलें बिना वैज्ञानिक आधार के होती हैं और ये जनता के मन में वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करती हैं. हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, न कि अफवाहों पर.”
एक्सपर्ट्स की राय जानिए
कर्नाटक की इन मौतों ने आम लोगों में चिंता जरूर बढ़ाई है, खासकर तब जब पीड़ित युवा और सेहतमंद दिखने वाले थे. लेकिन एक्सपर्ट्स की राय है कि अचानक हृदयगति रुकना (Sudden Cardiac Arrest) जीवनशैली, खानपान, तनाव, अनियमित दिनचर्या, अनदेखी की गई जेनेटिक समस्याएं और समय पर मेडिकल चेकअप न करवाने जैसे कई कारणों से हो सकता है.
बता दें, बेंगलुरु और मैसूरु के जयदेव अस्पतालों में तो कार्डियक इमरजेंसी ओपीडी में मरीजों की संख्या 20% तक बढ़ गई है. यह दिखाता है कि जनता अब डर रही है, लेकिन यह डर जागरूकता में बदले– यह जरूरी है.