सबूत देना होगा या माफी मांगनी होगी... राहुल गांधी को ECI की चुनौती

2 days ago

Election Commission News: बिहार एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर सड़क से संसद तक घमासान है. राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर सियासी बम फोड़ा है. अब इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग खुद सामने आया है. जी हां, राहुल गांधी की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग (ECI) आज यानी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस यानी संवाददाता सम्मेलन कर रहा है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा या तो वोट चोरी के सबूत देने होंगे या फ‍िर देश से माफी मांगनी होगी. आरोप लगाकर कोई भाग नहीं सकता. सच सच होता है और सूरज पूरब में ही उगता है किसी के कहने पर पश्चिम में नहीं उगता.

चुनाव आयोग और मतदाताओं पर चोरी का आरोप लगाते हैं तो ग्रेडिंग का फर्क है: CEC
अगर आप किसी क्षेत्र के मतदाता नहीं है और शिकायत करना चाहते है तो ERO के सामने शपथ लेना होगा : CEC

SIR में जल्दी क्यों ? ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब
चुनाव से पहले मतदाता सूची शुद्ध करना चाहिए या बाद में
ये चुनाव आयोग नहीं कह रहा है बल्कि RP एक्ट में कहा गया है…
बिहार में 2003 में 14 जुलाई से 14 अगस्त तक SIR हुआ था…तब भी सफल हुआ था और अब भी सफलतापूर्वक हो रहा है

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 56 घंटे के अंदर सूची जिले स्तर पर दे दी है : CEC
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के BLAs के स्तर पर बूथ स्तर पर ये सूची साझा की थी : CEC
चुनाव आयोग पारदर्शिता का स्वागत करता है : CEC

क‍िसी के कहने से आपको वोट नहीं कटेगा
मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, व्यक्ति एक, वोटर कार्ड अनेक… ये समस्या सुलझाई जा रही है…हमने बताया चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा है…किसी के कहने से आपका वोट काट नहीं कटेगा.

मशीन readable मतदाता सूची और searchable मतदाता सूची में फर्क
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा, मशीन readable मतदाता सूची और searchable मतदाता सूची में फर्क समझना होगा …
चुनाव आयोग से मतदाता सूची को डाउनलोड किया जा सकता और सर्च किया जा सकता है.
मशीन रीडेबल मतदाता सूची से निजता का हनन हो सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है. मशीन रीडेबल वर्जित है. ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. किसी के फोटो को बदला जा सकता है…कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.

राहुल गांधी को शपथ पत्र क्‍यों देना होगा? चुनाव आयोग ने इस सवाल का भी द‍िया जवाब
मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा क‍ि पीपुल्‍स ऑफ रिप्रजेंटेट‍िव एक्‍ट में समय रहते शिकायत करने का पूरा मौका है…आप फॉर्म भर सकते हैं…आपको उस विधानसभा क्षेत्र का निर्वाचक होना चाहिए
लेकिन आप उस क्षेत्र के निर्वाचक नहीं है और भ्रम फैला रहे हैं..आपके पास कानून में विकल्प है कि आप एक witness के तौर पर शिकायत कर सकते हैं…ये कानून यहां बैठे सभी लोगों के जन्म के पूर्व बना है…

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने साफ-साफ शब्‍दों में कहा क‍ि वोट चोरी का आरोप झूठा है. चुनाव आयोग पर कंलक लगाया जा रहा है. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, डबल वोटिंग के आरोप लगाए गए, ऐसे मिथ्या आरोप से चुनाव आयोग नहीं डरता है. चुनाव आयोग निडरता के साथ सभी गरीब अमीर बुजुर्ग महिला और सभी वर्ग के मतदाताओं के साथ चट्टान के साथ खड़ा है और खड़ा रहेगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, मतदाता सूची की एक प्रक्रिया होती है जिसके बाद ड्राफ्ट तैयार होता है और ड्राफ्ट मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर करने के लिए दावे और आपत्ति होते हैं. इसके बाद अधिकारी निर्णय लेता है, और इसके बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होती है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, वोट चोरी जैसे गलत शब्द का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए तो ये भारत के संविधान का अपमान है .
मशीन रिडेबल मतदाता सूची न साझा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ये मतदाता के निजता का उल्लंघन है. लेकिन फ‍िर भी कुछ दलों की ओर से ये क‍िया गया.

चीफ इलेक्‍शन कमिश्नर ने कहा, सभी मतदाता और राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची से त्रुटियों को हटाने में योगदान द रहे हैं. मतदाताओं ने 28 हजार दावे और आपत्तियां की हैं.
एक अगस्त से एक सितंबर का समय ड्राफ्ट सूची में दावे और आपत्ति के लिए समय है
अभी भी पंद्रह दिन बाकी है, सभी राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची की त्रुटि को फॉर्म के तहत जमा करें
चुनाव आयोग के दरवाजे सबके लिए समान रूप से खुले हैं
जमीन पर मतदाता, राजनीतक दल और BLOs मिलकर जमीन पर कम कर रहे है
चिंता का विषय है कि राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष और BLAs के सत्यापन या तो राष्ट्रीय दल तक पहुंच नहीं पा रहा है या भ्रम फैलान की कोशिश की जा रही है
बिहार के 7 करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं
तो चुनाव आयोग की साख पर सवाल नहीं उठ सकता

भ्रम फैलाने की कोश‍िश हो रही
चुनाव आयुक्‍त ने कहा क‍ि पिछले दो दशक से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग करते रहे हैं. इसी मांग को पूरा करने के लिए बिहार से SIR की शुरुआत की गई है. SIR की प्रक्रिया में सभी मतदाता, BLO और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित BLAs ने एक प्रारूप सूची तैयार की है. ड्राफ्ट सूची को सभी राजनीतिक दलों के BLas ने सत्यापित किया है.

वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा क‍ि हमारे ल‍िए न तो कोई पक्ष है, न तो कोई विपक्ष है, सब समकक्ष हैं. हर राजनीत‍िक दल का जन्‍म चुनाव आयोग से हुआ है, तो हम उनसे भेदभाव कैसे कर सकते हैं. वोट चोरी का आरोप संव‍िधनान का अपमान है.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, चुनाव आयोग मतदाताओं के नाम संदेश देना चाहता है क‍ि भारत के संविधान के मुताबिक भारत का कोई भी नागरिक जो 18 साल पूरा कर चुका है उसे मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना चाहिए.
* चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल बराबर
* चुनाव आयोग के लिए न तो कोई पक्ष है और न विपक्ष.. सभी दल समकक्ष है
* चुनाव आयोग अपने दायित्व से पीछे नहीं हटेगा

किसी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चुनाव आयोग की ओर से औपचारिक तौर पर संवाददाता सम्मेलन बुलाना अपने आप में एक असामान्य बात है. बिहार एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग अब तक बयान जारी कर जवाब देता था. यह पहली बार है जब वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस का विषय अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि यह निर्वाचन आयोग पर लगे आरोपों से संबंधित है.

दरअसल, कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बार-बार निर्वाचन आयोग पर मतदाता से जुड़े डेटा में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ हुई है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता से उन लोगों के नाम प्रस्तुत करने को कहा है, जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा गया या हटाया गया है. साथ ही एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र भी प्रस्तुत करने को कहा है. निर्वाचन आयोग ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अपने आरोपों के समर्थन में कोई हलफनामा देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें माफी मांगनी होगी.

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने के निर्वाचन आयोग के कदम को लेकर भी विपक्षी दल सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि इस कदम से करोड़ों पात्र नागरिक कागजों के अभाव में मताधिकार से वंचित हो जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्वाचन आयोग से बिहार में मतदाता सूची में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों का विवरण, उन्हें शामिल न करने के कारणों सहित, प्रकाशित करने को कहा है. एक ओर जहां राहुल गांधी की आज बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू हो रही है तो उसी वक्त चुनाव आयोग यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है. अब देखने वाली बात है कि क्या-क्या चीजें सामने आती हैं.

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