15 साल से विवादों में अटका है परी चौक का जाम, बन नहीं पा रही 1.5 किलोमीटर सड़क

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Last Updated:April 29, 2025, 18:26 IST

Pari Chawk Traffic Jam : ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर कई साल से लगने वाले जाम से छुटकारा पाने के लिए अथॉरिटी सड़क का निर्माण कराने जा रही है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, क्‍योंकि टी-सीरीज ...और पढ़ें

15 साल से विवादों में अटका है परी चौक का जाम, बन नहीं पा रही 1.5 किलोमीटर सड़क

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और टी-सीरीज में विवाद से परी चौक पर जाम लग रहा.

हाइलाइट्स

परी चौक पर 15 साल से जाम की समस्या बनी हुई है.टी-सीरीज और अथॉरिटी के बीच जमीन विवाद जारी है.सड़क निर्माण के लिए 10 एकड़ जमीन पर सहमति नहीं बनी.

नई दिल्‍ली. ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर लगने वाला जाम 15 साल से विवादों में अटका है. अथॉरिटी को इसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही तो 1.5 किलोमीटर की सड़क बनने का काम भी अधूरा पड़ा है. अब टी-सीरीज ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के उस दावे को चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि उसने एलजी चौक से नॉलेज पार्क-3 तक 1.5 किलोमीटर लंबी छह-लेन सड़क के लिए नमोली गांव में जमीन देने पर सहमति जता दी है.

जमीन के इसी विवाद की वजह से 31 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 15 साल से रोका गया है. इसका उद्देश्य परी चौक के महत्वपूर्ण जंक्शन को खोलना, शहर के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करना और नोएडा सेक्टर 146-147 और ग्रेटर नोएडा के बीच सीधा लिंक बनाना है. फिलहाल साल 2010 में बनी सिंगल लेन सड़क ही दोतरफा यातायात को संभाल रही है. इससे सुरक्षा को भी खतरा है और जाम की गंभीर समस्‍या भी बनी हुई है.

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अथॉरिटी पर लगाया आरोप
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उसने इस परियोजना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त कर ली है. इसके तहत तीन-तीन लेन वाली आधुनिक छह-लेन सड़क, सर्विस रोड, सेंट्रल वर्ज और ड्रेनेज सिस्टम बनाए जाएंगे. अब टी-सीरीज ने अथॉरिटी पर वादा तोड़ने और एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया है. उसने अथॉरिटी पर जनता और मीडिया को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अथॉरिटी का यह दावा पूरी तरह गलत है कि नमोली में कंपनी की जमीन के अधिग्रहण के लिए उसका समझौता हो गया है.

कंपनी ने रखी है शर्त
टी-सीरीज ने कहा कि उसने अथॉरिटी के साथ कुछ शर्तें रखी हैं. इसके तहत प्राधिकरण को केवल सड़क के लिए जरूरी 10 एकड़ जमीन का ही अधिग्रहण करना चाहिए. आसपास के क्षेत्र में समान आकार की वैकल्पिक जमीन आवंटित करनी चाहिए और शेष जमीन के लिए विकास योजना को मंजूरी देनी चाहिए. यह जमीन सूरजपुर-कासना रोड और एक्सपो मार्ट के बीच नॉलेज पार्क 3 में स्थित है और साल 1987 से ही टी-सीरीज के स्वामित्व में है. तब कंपनी के फाउंडर गुलशन कुमार ने विभिन्न जमीन मालिकों से लगभग 300 एकड़ जमीन खरीदी थी. इस पर तमाम प्रोडक्‍शन यूनिट लगी थी, जो अब बंद हो चुकी है.

2010 से शुरू हुआ विवाद
कंपनी ने दावा किया है कि अथॉरिटी ने साल 2010 में बिना जमीन का अधिग्रहण किए ही एलजी चौक से नॉलेज पार्क 3 तक एक सड़क का निर्माण शुरू कर दिया. जब कंपनी ने आपत्ति जताई तो अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें वैकल्पिक जमीन का आश्वासन दिया. अथॉरिटी ने इसके एवज में 12 एकड़ जमीन देने की बात कही थी, लेकिन बाद में इनकार कर दिया तो कंपनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया. कंपनी ने आरोप लगाया कि अथॉरिटी ने सिंगल लेन सड़क का निर्माण कराया और आसपास की जमीन को ज्‍यादा कीमत पर बेच दिया. इसमें से टी-सीरीज को मुआवजा भी नहीं दिया.

अथॉरिटी ने रखा समझौते का प्रस्‍ताव
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने टी-सीरीज के साथ विवाद निपटाने के लिए 29 मार्च को एक प्रस्‍ताव रखा था. इस प्रस्ताव के तहत 40% अविकसित जमीन कंपनी को वापस की जानी थी. शेष 60% जमीन प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित की जानी थी और मुआवजा वर्तमान सर्कल दरों पर दिया जाना था. टी-सीरीज के पास वर्तमान में लगभग 197 एकड़ जमीन है. हालांकि, कंपनी ने कहा है कि उसने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. हम केवल सड़क के लिए जरूरी 10 एकड़ जमीन देने के लिए तैयार हैं, उससे एक इंच भी अधिक नहीं. अथॉरिटी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर कंपनी से बातचीत विफल रहती है तो सार्वजनिक हित में वह आपातकालीन प्रावधानों को लागू कर सकते हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 29, 2025, 18:26 IST

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