Last Updated:April 29, 2025, 20:19 IST
NDA Convener News: बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार को एनडीए का संयोजक बनाने की मांग तेज हो गई है. जडेयू सांसद की मांग पर बीजेपी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान क्यों नहीं दिया है?

सीएम नीतीश कुमार को एनडीए संयोजक बनाने की मांग क्यों?
हाइलाइट्स
नीतीश कुमार को एनडीए संयोजक बनाने की मांग तेज.बीजेपी ने नीतीश पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया.बीजेपी का मिशन 200 सीटें जीतने का लक्ष्य.पटना. बिहार चुनाव से पहले क्या एनडीए के भीतर राजनीति गर्मा गई है? क्या नीतीश कुमार एनडीए के संयोजक बनने जा रहे हैं? बिहार चुनाव से ठीक पहले जेडीयू नेताओं की ओर से क्यों यह मांग उठ रही है? बता दें कि जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने नीतीश कुमार को एनडीए का संयोजक बनाने की वकालत की है. मंडल के इस बयान के बाद विपक्ष ने निशाना साधा है, जबकि एनडीए के नेता इस मांग का बचाव कर रहे हैं. हालांकि, इस मांग पर बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन नीतीश कुमार का पिछला इतिहास देखें तो 2024 में जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का संयोजक बनने की बात आई थी, तब उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं किया था. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार एनडीए के संयोजक बनेंगे? एनडीए के संयोजक बनने से नीतीश कुमार और गठबंधन को क्या फायदा मिलेगा?
बिहार को करीब से जानने वाले पत्रकारों की मानें तो संयोजक पद लेने से पहले नीतीश कुमार अपनी शर्तों और स्थिति को और मजबूत करना चाहेंगे. उनकी रणनीति हमेशा बिहार में अपनी सियासी ताकत को बनाए रखने की रही है. ऐसे में संयोजक बनना उनकी इस रणनीति में कितना फिट बैठता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. लेकिन बिहार चुनाव से पहले एक नए प्लान के तहत नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जा सकता है.
क्या नीतीश बनेंगे एनडीए के संयोजक?
बीजेपी का रुख बीजेपी के कई नेताओं जैसे बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बार-बार कहा है कि 2025 का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री और एलजेपी रामविलास पासवान के अध्यक्ष चिराग पासवान भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की वकालत कर चुके हैं. एनडीए का दावा है कि नीतीश के नेतृत्व में ही बिहार में 220-225 सीटों का लक्ष्य हासिल किया जाएगा. यह रणनीति बीजेपी की ओर से नीतीश को गठबंधन का चेहरा बनाए रखने की कोशिश को दर्शाती है, ताकि जेडीयू का वोट बैंक, खासकर कुर्मी-कोइरी या लव-कुश समीकरण, एनडीए के साथ बना रहे.
एनडीए का बिहार में मिशन -200
मिशन 200 और बीजेपी की तैयारी लेकिन जेडीयू ने नेताओं खासकर नीतीश कुमार के वफादार नेताओं को महाराष्ट्र जैसा हाल होने का डर सता रहा है. महाराष्ट्र में बीजेपी ने एकनाथ शिंदे की जगह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया, जिसके बाद जेडीयू में यह चिंता बढ़ी है कि बीजेपी बिहार में भी ऐसा कर सकती है. बीजेपी के कई नेताओं के बयानों से यह संकेत मिलता है कि पार्टी भविष्य में अपना मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति पर विचार कर रही है. हालांकि, बीजेपी अभी नीतीश को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहती, क्योंकि उनकी सियासी ताकत और वोट बैंक एनडीए के लिए महत्वपूर्ण हैं.
बीजेपी ने 2025 के लिए ‘मिशन 200’ नाम से अपनी रणनीति शुरू की है, जिसका लक्ष्य बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतना है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी लंबे समय में नीतीश पर निर्भरता कम करना चाहती है और सम्राट चौधरी जैसे नेताओं को आगे लाकर लव-कुश समीकरण को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है. लेकिन फिलहाल नीतीश के बिना चुनाव जीतना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उनकी सियासी विश्वसनीयता और प्रशासनिक छवि, खासकर सुशासन बाबू, अभी भी बिहार में प्रभावशाली हैं. ऐसे में बीजेपी और जेडीयू दोनों मिलकर विपक्ष, खासकर आरजेडी और तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं.
First Published :
April 29, 2025, 18:11 IST