Last Updated:August 17, 2025, 16:38 IST
Election Commission Press Conference: बिहार की मतदाता सूची विवाद पर चुनाव आयोग ने सफाई दी. चुनाव आयोग ने कहा, 22 लाख मृत मतदाता अचानक नहीं मिले, बल्कि 20 साल की पुरानी गलतियों को अब सुधारा गया है. आयोग ने निष्प...और पढ़ें

Election Commissions Press Conference: बिहार की मतदाता सूची को लेकर छिड़ा बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है. विपक्ष के आरोप हैं कि केवल छह महीने के भीतर लाखों मृत मतदाताओं के नाम सामने आए हैं और यह सब किसी साजिश का हिस्सा है. राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया कि “चुनाव आयोग वोट चोरी कर रहा है.” उनके इस बयान के बाद सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है. इन आरोपों के बीच आज रविवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले पर सफाई दी.
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि आयोग पूरी तरह निष्पक्ष है और मतदाता सूची को साफ करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि 22 लाख मृत मतदाता असल में पिछले 20 सालों में मरे थे, लेकिन रिकॉर्ड में अपडेट नहीं हो पाए थे. ये नाम अब Enumeration फॉर्म के जरिए सामने आए हैं, इसलिए अचानक से इतने आंकड़े दिखाई दिए.
उन्होंने साफ किया कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने आधिकारिक तौर पर दावे और आपत्तियां दर्ज नहीं की हैं. इसका मतलब है कि सभी दल इस प्रक्रिया में साथ शामिल रहे हैं और अब मिलकर ही मतदाता सूची को बेहतर बनाया जा सकता है.
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब
राहुल गांधी ने 7 अगस्त को बड़ा हमला बोलते हुए कहा था, “वोट चोरी हो रहे हैं. हमारे पास सबूत है कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है और भाजपा के लिए ऐसा कर रहा है.” इस पर ज्ञानेश कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग न तो किसी पार्टी के साथ है और न ही किसी के खिलाफ.
उन्होंने कहा, “जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जाता है, तब हमें साफ करना पड़ता है कि आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, महिला, युवा और बुजुर्ग हर मतदाता के साथ खड़ा है, खड़ा था और खड़ा रहेगा.”
वोटर लिस्ट को लेकर विपक्ष का हंगामा
बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है. विपक्षी दलों का कहना है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है. विपक्ष ने सवाल उठाया कि अगर 6 महीने में लाखों मृत मतदाताओं का नाम सामने आ सकता है तो इससे पहले चुनाव आयोग क्या कर रहा था?
हालांकि आयोग का कहना है कि यह सब गड़बड़ी अचानक की नहीं है बल्कि पिछले दो दशकों में जमी हुई गलतियों को अब सुधारा जा रहा है. बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई है और आगे ऐसी गड़बड़ियों की संभावना कम होगी.
आयोग की अपील: राजनीति से ऊपर उठें
चुनाव आयोग ने इस पूरे विवाद को राजनीतिक चश्मे से देखने पर चिंता जताई. चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि मतदाता सूची को साफ करना किसी एक दल या आयोग का काम नहीं बल्कि एक साझा जिम्मेदारी है. सभी राजनीतिक दलों को इसमें सक्रिय सहयोग करना चाहिए. उन्होंने विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को राजनीति का हथियार न बनाएं, बल्कि मिलकर मतदाता सूची को सही और पारदर्शी बनाने में मदद करें.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 17, 2025, 16:38 IST