Bangladesh: बांग्लादेश की हवा में तैर रहा जहर, अचानक सुपरबग्स के अटैक से हिली यूनुस सरकार, दवा का भी नहीं असर

3 hours ago

Bangladesh News: बांग्लादेश की हवा अचानक बहुत ज्यादा जहरीली हो गई है. डेली स्टारी की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका के अस्पतालों में एक अदृश्य खतरा मंडरा रहा है. हवा में मौजूद दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया (ड्रग-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया) मरीजों और स्टाफ के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. हाल ही में की गई एक स्टडी में इस गंभीर समस्या का खुलासा किया है. जिसके बाद से बांग्लादेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

ब्रिटिश वैज्ञानिक जर्नल नेचर में प्रकाशित इस स्टडी में ढाका के चार बड़े अस्पतालों की हवा में खतरनाक स्तर के मल्टीड्रग-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया का पता चला है. स्टडी को लीड करने वाले वैज्ञानिक अब्दुस सलाम ने बताया कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है. इस खतरनाक बैक्टीरिया के कारण अस्पताल में भर्ती मरीज और स्टाफ दोनों संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. इन संक्रमणों का इलाज करना बेहद मुश्किल है.

कैसे की गई स्टडी?

स्टडी "Antibiotic resistance of bioaerosols in particulate matter from indoor environments of the hospitals in Dhaka, Bangladesh" नामक शोध के तहत फरवरी से जून 2023 के बीच की गई. ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी, ख्वाजा बदरुद्दुजा मॉडर्न अस्पताल और मोन्नो मेडिकल कॉलेज अस्पताल से सैंपल लिए गए. इन अस्पतालों की हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) में बैक्टीरिया की जांच की गई. हवा में पाए गए 11 तरह के बैक्टीरिया में स्टैफिलोकोकस ऑरियस, ई. कोलाई और स्यूडोमोनास एरुजिनोसा जैसे बैक्टीरिया शामिल थे.

कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं ये बैक्टिरिया

ये बैक्टीरिया निमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और रक्त संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं. सबसे खतरनाक बात यह है कि अधिकांश बैक्टीरिया कई एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी पाए गए. स्टडी में पाया गया कि अस्पतालों की हवा में PM2.5 और PM10 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से कई गुना अधिक था. ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में PM2.5 का स्तर 220.60 µg/m³ तक पहुंच गया. जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों से बहुत ज्यादा है. ये सूक्ष्म कण फेफड़ों के जरिए खून में पहुंच सकते हैं और पूरे शरीर को प्रभावित कर सकते हैं.

वैश्विक समस्या का हिस्सा

विश्व स्तर पर एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) एक गंभीर समस्या बन चुका है. संयुक्त राष्ट्र इसे मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए "मूलभूत खतरा" मानता है. हर साल एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण करीब 8 लाख मौतें होती हैं. स्टडी में पाया गया कि भीड़भाड़, खराब वेंटिलेशन और पुराने फर्नीचर व इमारतें बैक्टीरिया के प्रसार को बढ़ावा देती हैं.

कैसे दूर की जाए समस्या?

अस्पतालों में संक्रमण को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने होंगे. एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल पर सख्त निगरानी रखनी होगी. पर्यावरण में AMR की निगरानी के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी. ढाका के अस्पतालों में हवा में तैरता यह खतरा केवल स्थानीय समस्या नहीं है. बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट का हिस्सा है. अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो यह अदृश्य दुश्मन और भी खतरनाक रूप ले सकता है.

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