अपनी धरती को लेकर वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है. साइंटिस्ट्स ने कहा है कि अगले कुछ लाख सालों में पृथ्वी पर जानवरों समेत कोई भी जीव जिंदा नहीं बच पाएगा. धरती का संपूर्ण विनास होगा. वैज्ञानिकों ने तबाही की तारीख भी बताई है.
News18 हिंदीLast Updated :October 16, 2024, 10:18 ISTWritten byNiranjan Dubey
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हर चीज का अंत जरूर होता है. पृथ्वी पर पहले प्राणी की शुरुआत की तरह, आखिरी प्राणी का अंत भी एक न एक दिन होगा. ऐसे में अपनी धरती पर एक दिन ऐसा आएगा, जब सभी जीवित चीज़ें नष्ट हो जाएंगी.
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हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है कि एक दिन इंसान और जानवर समेत कोई भी जीव-जंतु अपनी पृथ्वी पर जिंदा नहीं रह पाएगा और धरती पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी.
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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके यह शोध किया, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि अगले 250 मिलियन वर्षों के बाद पृथ्वी पर जलप्रलय आने की संभावना है.
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वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर मनुष्य सहित सभी जीवित चीजें गायब हो जाएंगी. उस समय पृथ्वी का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. ऐसे वातावरण में पृथ्वी पर कोई भी जीव-जंतु या इंसान जीवित नहीं रह सकता है. गर्मी के कारण सब कुछ नष्ट हो जाएगा.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस दर से हम पृथ्वी पर कार्बन की मात्रा बढ़ा रहे हैं, उसके कारण यह विलुप्ति जल्द ही होने की संभावना है. ऐसी ही एक घटना 66 मिलियन वर्ष पहले हुई थी और कहा जाता है कि डायनासोर खत्म हो गए थे.
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रिसर्च करने वाली टीम के प्रमुख अलेक्जेंडर फ़ार्नस्वर्थ ने कहा, 'उस समय यानी 66 मिलियन वर्ष पहले, दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अब की तुलना में दोगुनी थी. इससे शरीर गर्म हो जाता है और लोग मर जाते हैं. फिर पृथ्वी के सभी महाद्वीपों का विलय होकर सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया अल्टिमा का निर्माण हुआ.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पहले गर्म होगी, फिर सूख जायेगी और अंततः रहने लायक नहीं रह जायेगी. इसके अलावा, ज्वालामुखी तब फूटते हैं जब वे गर्मी सहन नहीं कर पाते हैं और ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी का अधिकांश भाग ज्वालामुखियों से ढका हुआ है. ऐसे में धरती जैसे-जैसे गर्म होगी, वैसे-वैसे ज्वालामुखी भी फूटेंगे और जीवन खत्म होता जाएगा.
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ज्वालामुखी के फटने से कार्बन डाईऑक्साइड भी काफी मात्रा में हमारे वायुमंडल में मिल जाएगा, जिससे सांस लेना मुश्किल होगा. लोग ऑक्सिजन की कमी के कारण तड़प-तड़प कर मर जाएंगे. अन्य दूसरे जीवों के साथ भी ऐसा ही होगा. धीरे-धीरे सारी जीवित चीजें खत्म हो जाएंगी.