Explainer: क्यों पीएम मोदी और केंद्र को लेकर बदले हुए हैं उमर अब्दुल्ला के सुर

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Last Updated:January 14, 2025, 16:00 IST

Omar Abdullah: सोनमर्ग इलाके में जेड मोड़ टनल के उद्घाटन के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. यह तारीफ ऐसे समय में की गई है जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सहयोगी कांग्रेस की आलोचना कर रहे...और पढ़ें

हाइलाइट्स

उमर अब्दुल्ला ने जेड मोड़ सुरंग के उद्घाटन पर पीएम मोदी की तारीफ कीउमर ने सुरंग के साथ-साथ सीमा सुरक्षा कार्यों के लिए भी पीएम मोदी को सराहाउनके भाषण को इंडिया गठबंधन-कांग्रेस के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है

Omar Abdullah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीरवासियों से वादा किया था कि वो दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी को कम करने का पूरा प्रयास करेंगे. पीएम मोदी को यह वादा किए तीन साल हो गए हैं. पीएम मोदी भले ही इस दिशा में कुछ खास नहीं करते दिख रहे हों. लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कश्मीर को दिल्ली के करीब लाने के लिए इस दिशा में पुरजोर कोशिश करते दिख रहे हैं. उमर अब्दुल्ला ने इस कदम के तहत पीएम मोदी की जोरदार तरीके से तारीफ की. सोमवार को यह मौका था सोनमर्ग इलाके में जेड मोड़ टनल के उद्घाटन का. 

पीएम मोदी ने जेड मोड़ टनल का  उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे. उमर अब्दुल्ला का पीएम मोदी की तारीफ करना इसलिए भी अप्रत्याशित था कि उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) इंडिया ब्लॉक की सदस्य है. लेकिन इसका एक पक्ष यह भी है कि उमर अब्दुल्ला ने कुछ दिनों पहले ही इंडिया ब्लॉक को भंग करने का आह्वान किया था. 

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इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी जनता को संबोधित किया. उनके संबोधन ने न केवल कश्मीर की जनता का ध्यान खींचा, बल्कि इसकी आवाज दिल्ली तक पहुंची. उनका भाषण कांग्रेस के लिए दिल दुखाने वाला था. अपने संबोधन में उन्होंने पीएम मोदी की खूब तारीफ की. उन्होंने इस सुरंग के साथ-साथ पीएम मोदी के सीमा सुरक्षा के कार्यों को लेकर भी खूब तारीफें कीं.

इंडिया गठबंधन के लिए खतरे की घंटी
उनके संबोधन और हाल के दिनों के बयान को एक साथ जोड़ कर देखें तो इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजती दिख रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने गैर-बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी गठबंधन तोड़ दिया है, जो आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार शासन के संघीय ढांचे को कमजोर करने का काम कर रही है. ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ इसी तरह का हमला किया है.

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उमर पहले भी जता चुके हैं नरमी
उमर अब्दुल्ला का ये बयान पहला मौका नहीं है जब उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम मोदी के लिए नरमी का संकेत दिया हो. इसका मतलब है कि वह टकराव का रास्ता छोड़कर साथ चलने को तवज्जो दे रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जो बयान दिया था उसके भी अर्थ काफी गहरे थे. उस समय उमर अब्दुल्ला ने कहा था, ‘परिसीमन हो गया, अब चुनाव भी हो गए हैं. इसलिए केवल राज्य का दर्जा देना बाकी है जिसे जल्द ही बहाल किया जाना चाहिए.’ लेकिन यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र के बीच समन्वय कितना जरूरी है, इस पर उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली से टकराव से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता. 

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घाटी में एनसी, मैदान में बीजेपी
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में घाटी में एनसी की जीत हुई है, जबकि जम्मू के मैदानी इलाकों ने निर्णायक रूप से बीजेपी को वोट दिया है. चुनाव के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वह यह है कि एनसी के पास 42 सीटें हैं, लेकिन अन्य के साथ वो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 45 के आधे रास्ते के निशान से थोड़ा ऊपर है. जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस सिर्फ एक सीट हासिल कर सकी है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 सीटों पर चुनाव लड़कर 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 32 सीटों में से सिर्फ 6 सीटें जीत सकी. दूसरा तथ्य यह है कि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है और केंद्र, उपराज्यपाल (एलजी) के माध्यम से, सरकार के दैनिक कामकाज पर नियंत्रण रखता है. अब्दुल्ला ने चुनाव परिणाम आने के बाद अपनी टिप्पणी में कहा था, “हमें केंद्र के साथ समन्वय की जरूरत है. केंद्र के साथ लड़कर जम्मू-कश्मीर के कई मुद्दों का समाधान नहीं किया जा सकता है.” उन्होंने कहा, ”मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि आने वाली सरकार एलजी और केंद्र सरकार दोनों के साथ सहज संबंधों के लिए काम करे.”

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पीएम मोदी की तारीफ में काढ़े कशीदे
उमर अब्दुल्ला, जिनके नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने गत अक्टूबर में जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव जीता था, ने भी उत्तरी राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने इस राज्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा की, और वहां हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का हवाला दिया. अब्दुल्ला ने कहा, “आपने जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहा था कि बहुत जल्द चुनाव होंगे और लोगों को अपने वोट के जरिए अपनी सरकार चुनने का मौका मिलेगा. आपने अपना वादा निभाया और चार महीने के भीतर चुनाव हुए…” अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए और सबसे बड़ी बात यह रही कि कहीं भी किसी तरह की अनियमितता की शिकायत नहीं आई, सत्ता के दुरुपयोग की कोई शिकायत नहीं आई. इसका श्रेय आपको (पीएम मोदी), आपके सहयोगियों और भारत के चुनाव आयोग को जाता है. मेरा दिल कहता है कि बहुत जल्द आप (पीएम मोदी) राज्य का दर्जा बहाल करने का अपना वादा पूरा करेंगे. इस मौके पर मैं आपको इस ठंड में यहां आने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं… जम्मू-कश्मीर से आपका बहुत पुराना रिश्ता है. हमें उम्मीद है कि आप बार-बार यहां आएंगे, हमारे बीच रहेंगे और हमारी खुशियों में शामिल होंगे.”

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क्या उमर के दिल में कांग्रेस को लेकर बेचैनी
हाल ही में इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर की गई पीएम मोदी की टिप्पणियों के बाद अब्दुल्ला द्वारा की गई प्रशंसा ने न केवल विपक्षी गठबंधन के भीतर दरार को उजागर किया है, बल्कि कांग्रेस के प्रति उनकी बढ़ती बेचैनी की ओर भी संकेत दिया है. पिछले हफ़्ते अब्दुल्ला ने गठबंधन के सदस्यों के बीच स्पष्टता और समन्वय की कमी पर निराशा व्यक्त की, खासकर लोकसभा चुनावों के बाद. जबकि आप और कांग्रेस (इंडिया गठबंधन का हिस्सा) दोनों दिल्ली चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं, जिससे दोनों के बीच कटुतापूर्ण बहस हो रही है. अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि गठबंधन को भंग कर दिया जाना चाहिए.

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उमर ने यही समय क्यों चुना
अब्दुल्ला ने पिछले सप्ताह कहा था, “दिल्ली चुनाव के बाद गठबंधन की बैठक हो और दलों के बीच स्पष्टता होनी चाहिए. यदि यह केवल लोकसभा चुनाव के लिए था, तो गठबंधन समाप्त कर दिया जाना चाहिए. लेकिन, यदि इसे विधानसभा चुनाव के लिए भी जारी रखना है, तो हमें मिलकर काम करना होगा.” जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था, “कांग्रेस के साथ गठबंधन हमारे लिए सीटों के बारे में नहीं था. हम कांग्रेस के बिना भी सीटें जीत सकते थे, सिवाय शायद उनमें से एक को छोड़कर.” उमर अब्दुल्ला की बातों से साफ समझ में आता है कि आखिर उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करने के लिए यही समय क्यों चुना.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

January 14, 2025, 16:00 IST

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