Last Updated:March 28, 2025, 10:45 IST
PM Narendra Modi Thailand visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-4 अप्रैल को थाईलैंड जा रहे हैं. थाईलैंड की पीएम पायतोंगटार्न शिनावात्रा ने विशेष न्योता भेजा है. इसके अलावा पीएम थाइलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन म...और पढ़ें

पीएम मोदी तीन से चार अप्रैल को थाईलैंड जा रहे हैं. (File Photo)
हाइलाइट्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-4 अप्रैल को थाईलैंड जाएंगे.पीएम मोदी थाईलैंड में BIMSTEC शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.थाईलैंड की पीएम के विशेष न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं.PM Narendra Modi Thailand visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने तीन और चार अप्रैल को थाईलैंड जा रहे हैं. इसके तुरंत बाद पीएम श्रीलंका की यात्रा करने के बाद वापस भारत लौटेंगे. विदेश मंत्रालय की तरफ से इस मामले में औपचारिक जानकारी दी गई. हालांकि इस बात पर अब भी सस्पेंस है कि वो बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस से उनकी मुलाकात होगी या नहीं. यूनुस पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं. मौजूदा हालातों में अभी भारत की तरफ से इसपर हामी नहीं भरी गई है.
विदेश मंत्रालय का कहना है कि थाइलैंड की पीएम पायतोंगटार्न शिनावात्रा के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं. पीएम वहां बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. थाईलैंड और श्रीलंका दौरे का मकसद क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना, द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारत की ‘नेबर फर्स्ट’ और “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” (Act East Policy) को आगे ले जाना है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी 3 से 4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड और 4 से 6 अप्रैल 2025 को श्रीलंका के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वे थाईलैंड में बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. बैंकॉक में आयोजित होने वाले बिम्सटेक यानी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन में भारत सहित कुल सात देश हैं, जिसमें श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. सम्मेलन का उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में व्यापार, कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाना है. भारत के लिए यह मंच दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण जरिया है.
थाईलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंध
पीएम मोदी थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा होगी. थाईलैंड भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक अहम हिस्सा है और यह दौरा दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत के प्रभाव को बढ़ाने में मदद करेगा. यह नीति भारत के पूर्वी पड़ोसियों और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है. थाईलैंड के साथ सहयोग से भारत ASEAN (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) क्षेत्र में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करना चाहता है.
श्रीलंका दौरे का मकसद
थाईलैंड के बाद 4-6 अप्रैल को श्रीलंका का दौरा करेंगे, जहां राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से उनकी मुलाकात होगी. इस दौरान एजेंडे पर आर्थिक सहयोग, मछुआरों के मुद्दे, और समुद्री सुरक्षा रहेगा. श्रीलंका हाल के वर्षों में आर्थिक संकट से जूझ रहा है, और भारत ने उसकी मदद के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि वित्तीय सहायता और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति. यह दौरा भारत की पड़ोसी पहले नीति के तहत श्रीलंका के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा.
First Published :
March 28, 2025, 10:31 IST