Last Updated:April 24, 2025, 15:47 IST
Pahalgam Terror Attack Story: पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिसमें सूरत के शैलेश कलथिया और कश्मीरी युवक आदिल शामिल थे. आदिल की बहन ने आतंकियों से बदला लेने की बात कही. वहीं शीतल ने हमले के दौरान क्...और पढ़ें

शैलेश कलथिया 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई.आदिल की बहन ने आतंकियों से बदला लेने की बात कही.आतंकी ने हिंदुओं को अलग कर गोली मार दी.नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले में 26 लोगों की जान गई. अब हमले को लेकर कई तरह के खुलासे हो रहे हैं. सूरत शहर के वराछा इलाके के मूल निवासी शैलेश कलथिया 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी शीतल कलथिया कहती हैं, “गोलियों की आवाज सुनते ही हम छिपने के लिए भागे. लेकिन पूरा इलाका सीमा से घिरा हुआ था, इसलिए छिपने की कोई जगह नहीं थी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अचानक एक आतंकवादी हमारे सामने खड़ा था. उसने हिंदुओं को एक तरफ और मुसलमानों को दूसरी तरफ जाने का आदेश दिया. जब आतंकवादी ने हर व्यक्ति को ‘कलमा’ पढ़ने को कहा तो मुसलमानों ने ‘मुस्लिम’ कहकर जवाब दिया. फिर उसने हिंदू पुरुषों को अलग किया और उन सभी को गोली मार दी.
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कश्मीरी युवक आदिल की भी मौत
वहीं पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए गए कश्मीरी युवक आदिल के परिवार वालों से न्यूज 18 इंडिया की टीम ने बात की. रो-रो कर उनकी मां का बुरा हाल है उनकी बहन ने और उनके पिता ने न्यूज 18 से बात की. मृतक कश्मीरी युवक आदिल की बहन असमद ने कहा, हमला करने वाले अगर मिल जाते तो उन्हें भी हम ऐसे गोली मारते जैसे मेरे भाई को उन्होंने मारा है.’
पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए गए कश्मीरी युवक आदिल.
आदिल की बहन बोली- आतंकी हमें मिलते तो…
उन्होंने आगे कहा, ‘भैया सुबह 8:00 गया था, मैंने उसको बोला मत जाओ उसने कहा खाने के लिए घर में कुछ नहीं है तो क्या खाएंगे इसलिए वह गया. 2:00 बजे हमने फोन किया तो आदिल भैया ने फोन नहीं उठाया शाम तक हमारा बुरा हाल था. 6:00 7:00 बजे हमें पता चला कि आदिल भैया को चोट आई है, श्रीनगर लेकर गए वहां से लाया तो डेथ हो गई.’
असमद ने आगे बताया, ‘आदिल हम सब में सबसे बड़ा भाई था वही कमाता था. अगर एक फेर आदिल लगाता था तो 300 बन जाता अगर दो फेर लगता था तो 600 बन जाते थे, उसके जाने के बाद अब कौन देगा हमें तीन बहने हैं क्या खाएंगे क्या पीएंगे. ‘
उन्होंने आगे कहा, ‘जो यहां धूमने आए थे वो भी हमारे भैया थे .वह आए थे उन लोगों की भी अपनी खुशी थी उन लोगों को बचाने के लिए मेरे भैया ने अपनी जान दे दी पता नहीं वह कौन थे. अगर वह होते जिन्होंने गोली चलाई थी तो हम भी वैसे करते. टूरिस्ट अच्छे हैं वह आते हैं तो हमारा गुजारा होता है. भैया जैसे लोग जाते हैं कमाई होती है वहीं से कमा कर लाते हैं. हमें इंसाफ चाहिए मेरे भाई ने टूरिस्ट को बचाने की कोशिश की.
क्या कहा आदिल के पिता ने?
आदिल के पिता ने न्यूज़ 18 इंडिया से कहा, ‘मेरे जिगर का टुकड़ा गया है, लेकिन जवाब मेरी सरकार देगी. हमें तो पता है जिसने यह हरकत की चाहे वह कोई भी हो उसका पूरा बदला लेना चाहिए, हमारी सरकार को बदला लेना चाहिए. हमें इतना पता है कि हमारा बच्चा मजदूरी के लिए गया और फिर कफन बांधकर उसकी लाश आई. ऐसा वाकया हमने कभी देखा नहीं, जो सुना वह बहुत ज्यादा दर्दनाक है. मेरा तो लखते जिगर गया है लेकिन मेरी सरकार है वह खुद जवाब देगी मेरे बदले उनको जवाब देगी, मेरी गवर्नमेंट इनसे बदला लेगी. हमारे बच्चों ने ऐसा मुकाम हासिल किया उन लोगों को बचाया जो खुशी लेने यहां आए थे. लेकिन बदकिस्मती से उनकी लाशें वापस गई हमें दुख है. मुझे अपने बेटे पर फर्क है कि उसने कई लोगों की जान भी बचाई वह चला गया कुछ लोग भी चले गए.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 24, 2025, 15:46 IST