एनडीए की रणनीति और नीतीश का दांव! इस बड़े फैसले का सियासी असर क्या होगा?

1 day ago

Last Updated:June 01, 2025, 16:45 IST

Bihar Politics: नीतीश सरकार ने सवर्ण, महादलित, एससी-एसटी और मछुआरा आयोग का गठन किया है. इन आयोगों के पदों पर जातिगत और सियासी समीकरणों का ध्यान रखा गया है. बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह एनडीए सरकार की ओर...और पढ़ें

एनडीए की रणनीति और नीतीश का दांव! इस बड़े फैसले का सियासी असर क्या होगा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई आयोगों का गठन किया.

हाइलाइट्स

नीतीश सरकार का बड़ा सियासी दांव, बिहार में कई नए आयोगों का गठन.नीतीश सरकार ने बनाए महादलित, एससी - एसटी और मछुआरा आयोग. आयोगों के गठन में जातिगत और सियासी समीकरणों का ध्यान रखा गया है.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव आगामी अक्टूबर-नवंबर में संभावित है और इसको लेकर राजनीतिक-प्रशासनिक स्तर पर तैयारी भी जारी है. बिहार में आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादलों की नई सूची दो-चार दनों के अंतर पर आ रही है. वहीं, नीतीश सरकार ने बड़ा सियासी दांव भी चल दिया है और इसी क्रम में हाल में ही सवर्ण आयोग के गठन करने की घोषणा की गई थी.इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना कदम और आगे बढ़ते हुए एक के बाद एक कई आयोगों के गठन की घोषणा कर दी है. बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अलग-अलग अधिसूचना जारी कर महादलित और एसस-एसटी आयोग और मछुआरा आयोग के गठन की भी घोषणा की है. उनके अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्यों के नाम जारी कर दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए यह फैसला लिया है.

दरअसल, बिहार में विभिन्न अयोगों के गठन की मांग लंबे समय से हो रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान जैसे नेताओं ने कई बार इस को लेकर अपनी बात सार्वजनिक तौर पर रखी थी. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से यही संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है कि उनकी मांगों को सुना गया है और एनडीए एकजुट है. बता दें कि बिहार में जो भी नये आयोग बने हैं उनमें जातिगत समीकरणों से लेकर सियासी गुणा-गणित का भी ध्यान रखा गया है. जाहिर है आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए सियासी और जातिगत समीकरण दुरुस्त करने के लिए तमाम आयोग के पदों को भरने का काम जारी है.

मछुआरा आयोग के अध्यक्ष बने ललन कुमार

महादलित आयोग में बिहार वैशाली के राम नरेश कुमार भोजपुर के राम ईश्वर रजक, पटना के अजीत कुमार चौधरी, मुंगेर के मुकेश मांझी को सदस्य बनाया गया है, जबकि राज्य अनुसूचित जाति आयोग में औरंगाबाद के ललन राम पटना के रूबल रविदास और नालंदा के संजय कुमार को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही मछुआरा आयोग का गठन भी किया गया है जिसको लेकर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अधिसूचना जारी की. इसमें पूर्वी चंपारण के चूड़ी हरवा टोला के ललन कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त पश्चिम चंपारण जिले के निवासी शैलेंद्र कुमार को राज्य अनुसूचित जन जाति यानी एसटी कमिशन का अध्यक्ष बनाया गया है.

बहुत बड़ा वोट बैंक है निषाद समाज

मछुआरा समाज के हितों को देखते हुए मछुआरा आयोग का गठन किया गया है जो मछुआरों के कल्याण, सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए काम करेगा. पूर्वी चंपारण के ललन कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि बक्सर के अजीत चौधरी को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त समस्तीपुर के विद्यासागर सिंह निषाद, पटना के राजकुमार और भागलपुर की रेणु सिंह को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. बता दें कि निषाद समाज में शामिल मछुआरों के सभी उपजातियों के समूह को मिलाकर करीब 8 से 9 प्रतिशत जनसंख्या बताई जाती है. इसका मतलब यह कि यह एक बहुत बड़ा वोट बैंक भी है.

सामाजिक संतुलन बनाने की कवायद

वर्तमान में विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी इसी निषाद समाज यानी मछुआरा समाज की राजनीति करते आए हैं और लगातार निषाद आरक्षण की मांग भी उठाते रहे हैं. मुकेश सहनी वर्तमान में महागठबंधन में हैं तो ऐसे में नीतीश सरकार का यह बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है जो कि मुकेश साहनी के राजनीतिक प्रभाव को कम करने के साथ ही मछुआरा समाज के विभिन्न समूहों को अपने (एनडीए) पाले में करने की कवायद है. इसके पहले नीतीश सरकार ने सवर्ण आयोग के साथ ही अनुसूचित जाति के लिए भी आयोग बनाए हैं और अब मछुआरा आयोग के जरिये सामाजिक और सियासी संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है.

भाजपा का ‘मछुआरा प्लान’ जानिये

बता दें कि मछुआरा समाज और मछुआरा वोट बैंक को लेकर भारतीय जनता पार्टी भी लगातार सक्रिय रही है. बीते दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस बात के संकेत दिए थे कि मछुआरा आयोग का गठन होने जा रहा है. इतना ही नहीं मछुआरा समाज को लेकर भाजपा ने बड़ा दांव चला है और जून-जुलाई में कई प्रमंडलों और जिलों में मछुआरा सम्मेलन भी करने का फैसला किया है. अभी तक के कार्यक्रम तय कार्यक्रम के अनुसार, आगामी 10 जून को मुजफ्फरपुर, 14 जून को कटिहार, 18 जून को दरभंगा, 22 जून को मोतिहारी, 26 जून को समस्तीपुर, 30 जून को खगड़िया और 10 जुलाई को पटना में मछुआरा सम्मेलन आयोजित किया जाना है.

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Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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