Last Updated:May 15, 2025, 22:54 IST
India And Pakistan News: भारतीय वायुसेना (IAF) के हमलों का पाकिस्तान के पास कोई जवाब नहीं था. F-16, JF-17 जैसे फाइटर जेट्स का दम भरने वाले पाकिस्तानी एयरफोर्स आखिर कुछ कर क्यों नहीं पाई? दिग्गज एविएशन एक्सपर्ट ...और पढ़ें

MAXAR के सैटेलाइट फोटो में दिखी पाकिस्तान में मची तबाही. (Pic : Maxar Technologies)
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में जो छोटा सा ‘युद्ध’ हुआ, उसने PAK की मिलिट्री मशीनरी को एक्सपोज कर दिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने आतंकी ढांचों को तो उड़ाया ही, पाकिस्तान की पारंपरिक लड़ाकू क्षमता को भी लगभग पंगु कर दिया. इस ऑपरेशन पर दिग्गज मिलिट्री एविएशन एनालिस्ट और इतिहासकार टॉम कूपर ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को इस हद तक कमजोर कर दिया कि वह भारत के पारंपरिक हमलों से खुद को बचा नहीं सका और पलटवार करने की स्थिति में नहीं था. अंत में उसे सीजफायर पर मजबूर होना पड़ा.’ ANI से बातचीत में, कूपर ने कहा कि पाकिस्तान की हार की जड़ें केवल ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं हैं.
कूपर के अनुसार, पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी है उसके हथियारों की ‘बेमेल जोड़ी’. उसके अमेरिकी रडार, तुर्की कमांड सिस्टम, चीनी मिसाइलें और घरेलू तकनीक एक-दूसरे से समन्वित नहीं हैं. वे कहते हैं, ‘यह पूरा सिस्टम अलग-अलग हिस्सों से बना है, लेकिन ये सब मिलकर एक ऑपरेशनल सिस्टम नहीं बन पाते. अमेरिकी रडार और चीनी मिसाइलें आपस में मेल नहीं खातीं.’
चलाने वाले भी दमदार नहीं!
पाकिस्तानी सेना जिस तरह अलग-अलग स्रोतों से हथियार जुटा रही है. कभी चीन से, कभी तुर्की से, और कभी अमेरिका से. इस वजह से उसमें तकनीकी तालमेल की गंभीर कमी है. कूपर का कहना है कि HQ-9 और HQ-16 जैसे चीनी सिस्टम शायद अपनी मूल क्षमताओं से कहीं कमजोर परफॉर्म कर रहे हैं, खासकर पाकिस्तानी हाथों में. इसकी एक बड़ी वजह ट्रेनिंग और ऑपरेशनल कमांड का अभाव है.
#WATCH | Vienna, Austria | “…Turkish government is in a similar position to the Pakistani. At present, the Turkish government is a crazy Islamist in power who is misusing the religion for his purpose… Pakistan has been bankrupt for decades, always kept alive by some sponsor,… pic.twitter.com/tdi506blvq
— ANI (@ANI) May 15, 2025
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक दिवालियेपन की हालत में है और हमेशा किसी न किसी बाहरी मदद के भरोसे जिंदा रहा है. कभी सऊदी अरब, कभी चीन और अब कतर… ऐसे में उसकी सैन्य संरचना दिखने में भले ही भारी-भरकम लगे, लेकिन असल में वह ‘रंग-रोगन से ढकी जर्जर दीवार’ जैसी है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
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