नई दिल्ली. पड़ोसी पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. सरकारी खजाना खाली हो चुका है और फिलहाल यह देश विश्व बैंक, आईएमएफ से लेकर हर किसी के पास हाथ फैलाता नजर आ रहा है. लेकिन, अगर आपसे पूछा जाए कि पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्जा कौन देता है, तो ज्यादातर का जवाब आईएमएफ या विश्व बैंक होगा. कुछ लोगों का यह भी अनुमान होगा कि पाकिस्तान को सबसे ज्यादा मदद इस्लामिक देशों से मिलती है, लेकिन सच्चाई इन सभी से परे है
विश्व बैंक ने हाल में जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले में चीन सबसे आगे है. चीन ने करीब 29 अरब डॉलर (2.46 लाख करोड़ रुपये) का कर्ज दिया है. वहीं सऊदी अरब करीब 9.16 अरब डॉलर के कर्ज के साथ दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि पाकिस्तान के कुल विदेशी ऋण में चीन की हिस्सेदारी घटी है. यह 2023 में 25 प्रतिशत थी जो अब घटकर 22 प्रतिशत पर आ गई है. सऊदी अरब की हिस्सेदारी 2023 में दो प्रतिशत से बढ़कर 2024 में सात प्रतिशत पर आ गई.
2024 में सबसे ज्यादा कर्ज लिया
विश्व बैंक की ओर से जारी अंतरराष्ट्रीय ऋण रिपोर्ट 2024 के अनुसार पाकिस्तान इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले शीर्ष तीन देशों में भी शामिल रहा. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का निर्यात और राजस्व के अनुपात में कुल ऋण कमजोर राजकोषीय स्थिति का संकेत है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का कुल वैश्विक ऋण (आईएमएफ से प्राप्त ऋण सहित) 2023 में 130.85 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो इसके कुल निर्यात का 352 प्रतिशत और सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 39 प्रतिशत है.
भारत पर कितना है कर्ज
विश्व बैंक ने भारत पर लदे कुल विदेशी कर्ज का भी आंकड़ा दिया है. यह साल 2023 में 31 अरब डॉलर बढ़कर 646.79 अरब डॉलर हो गया. अगर इसे रुपये में देखा जाए तो 54.94 लाख करोड़ होगा. विश्व बैंक रिपोर्ट कहती है कि 2023 में भारत का ब्याज भुगतान बढ़कर 22.54 अरब डॉलर हो गया जो एक साल पहले 15.08 अरब डॉलर था. इसका मतलब है कि भारत को हर साल अपने कर्ज पर 1.91 लाख करोड़ रुपये का ब्याज चुकाना पड़ता है.
लांग टर्म का कर्ज भी 7 फीसदी बढ़ा
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत का दीर्घकालिक ऋण 7 प्रतिशत बढ़कर 498 अरब डॉलर हो गया जबकि अल्पकालिक ऋण मामूली रूप से घटकर 126.32 अरब डॉलर पर आ गया है. बीते साल निर्यात के प्रतिशत के रूप में भारत का बाह्य ऋण हिस्सेदारी 80 प्रतिशत थी, जबकि ऋण सेवा उसके निर्यात का 10 प्रतिशत थी. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 के दौरान शुद्ध ऋण प्रवाह 33.42 अरब डॉलर रहा, जबकि शुद्ध इक्विटी प्रवाह 46.94 अरब डॉलर से अधिक रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
December 8, 2024, 21:09 IST