Last Updated:January 10, 2025, 19:13 IST
India Bangladesh Border: बांग्लादेश यह प्रोपेगेंडा फैलाने में लगा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने सीमा पर 5 किलोमीटर भारतीय जमीन का हिस्सा अपने कंट्रोल में कर लिया है, लेकिन बीएसएफ ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है. (फाइल फोटो)
कोलकाता. बांग्लादेश में जब से मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतिम सरकार आई है, उस वक्त से ही भारत के साथ पड़ोसी देश के रिश्ते खराब होते जा रहे हैं. बांग्लादेश में जहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के मामले सामने आए हैं, वहीं अब वहां की मीडिया ये प्रोपेगेंडा चला रही है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर भारतीय जमीन के पांच किलोमीटर के हिस्से पर कंट्रोल कर लिया है. हालांकि, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस खबर को सरासर गलत करार दिया और कहा कि उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपना वर्चस्व कायम रखा है.
बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है, “संबंधित क्षेत्र भारतीय सीमा में उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रणघाट गांव में है.” बीएसएफ ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय सीमा कोडालिया नदी के किनारे है, जिसे दोनों ओर संदर्भ स्तंभों द्वारा सीमांकित किया गया है. बीएसएफ का ड्यूटी पैटर्न दशकों से बिना किसी बदलाव के रहा है.” बीएसएफ ने उन दावों का भी खंडन किया कि बीजीबी के जवानों ने मोटर चालित नौकाओं और एटीवी का इस्तेमाल करके क्षेत्र में 24 घंटे गश्त शुरू कर दी है.
बीएसएफ ने बीते 8 जनवरी को कहा कि बीजीबी के साथ हाल के मतभेदों को ‘फ्लैग मीटिंग’ के जरिये सुलझाया जाएगा. बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने का काम बीजीबी की आपत्ति पर अस्थायी रूप से रो क दिया गया था और इसके बाद यह कार्य शांतिपूर्ण ढंग से फिर से शुरू हो गया है.
बीएसएफ की पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने पीटीआई को बताया, “क्षेत्रीय वर्चस्व कायम है और बीएसएफ मुस्तैदी से सीमाओं की रक्षा कर रही है. समय-समय पर जमीनी स्तर पर मतभेद होते हैं, लेकिन उन मुद्दों को ‘फ्लैग मीटिंग’ में सुलझा लिया जाएगा.”
मालदा के कालियाचक-तृतीय ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में बाड़ लगाने का काम 6 जनवरी को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था क्योंकि बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है. हालांकि, इस मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया और 7 जनवरी को बिना किसी रुकावट के काम फिर से शुरू हो गया. एडीजी गांधी ने मंगलवार को कहा, “बाड़ लगाने का काम अब बिना किसी समस्या के जारी है. बीजीबी जवानों और कमांडरों के बीच जमीनी स्तर पर गलतफहमी दूर हो गई है.”