Last Updated:January 10, 2025, 20:39 IST
दिल्ली में बीजेपी बड़ी उम्मीद के साथ चुनावी मैदान में है. लेकिन बीते तीन विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि उसके सामने 40 फीसदी वोट की एक दीवार खड़ी है, जिसे वह पार नहीं कर पाती. फिर बीजेपी के उत्साह के पीछे वजह क्या...और पढ़ें
दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का बड़ा प्लान तैयार है. (File Photo)
दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी पूरी ताकत लगा रही है. हर वो दांव खेल रही है, जिससे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को मात दी जा सके. लेकिन ये इतना आसान नहीं है. वैसे तो बीजेपी 26 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, लकिन बीते तीन विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो बीजेपी के सामने 40% की एक दीवार है, जिससे पार पाना हर बार मुश्किल हो जाता है. बीजेपी लोकसभा में तो कमाल का प्रदर्शन करती है, लेकिन बात जब विधानसभा चुनाव की आती है तो बीजेपी उतना भरोसा नहीं जीत पाती. लेकिन इस बार पार्टी को इतनी ज्यादा उम्मीद क्यों है?
महाराष्ट्र-हरियाणा चुनाव में बंपर जीत ने बीजेपी की शक्ति को कई गुना बढ़ा दिया है. बीजेपी लीडरशिप को लगता है कि जिस रास्ते से उन्होंने महाराष्ट्र-हरियाणा पर कब्जा जमाया, वही तरीका अपनाकर दिल्ली फतह भी कर लेंगे. इसलिए बीजेपी काफी आक्रामक भी है. उसके पास अरविंद केजरीवाल के सामने कोई सीएम फेस नहीं है, लेकिन उसे लगता कि जिस तरह आप नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उससे दिल्ली की जनता का मोहभंग हो गया है. इसीलिए बीजेपी स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार से लेकर एमसीडी तक आम आदमी पार्टी काबिज है.
लोकसभा में टॉप, विधानसभा में फेल, देखिए आंकड़े
विधानसभा चुनाव में BJP का वोट शेयर | लोकसभा चुनाव में BJP का वोट शेयर |
2013 | 33% | 2014 | 46% |
2015 | 32% | 2019 | 56% |
2020 | 38% | 2024 | 54% |
स्रोत-चुनाव आयोग |
बीजेपी को इस बार जीत की उम्मीद क्यों?
1. बीजेपी का फोकस पहले तो अपने कैडर को मजबूत करना, उसे साथ लाना है, जो बिछड़ गया है. इस काम में आरएसएस बिल्कुल उसी तरह काम कर रहा है, जैसा उसने हरियाणा और महाराष्ट्र में किया.
2. बीजेपी ने केजरीवाल की हर योजना को लपक लिया है और उससे बड़ा ऐलान कर रही है. डबल इंजन सरकार का वादा किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि सरकार किसी की भी हो, चलेगी केंद्र से ही.
3.हिन्दुत्व का कार्ड सबसे बड़ा दांव है. बीजेपी उन चेहरों को आगे कर रही है, जो हिन्दुत्व पर खुलकर बात करते हैं. इनके अलावा पीएम मोदी का चेहरा, एक हैं तो सेफ हैं का नारा, उसके लिए टॉनिक बन गया है.
4. पूर्वांचलियों का मुद्दा सबसे बड़ा है. केजरीवाल का एक बयान उनके गले की फांस बन गया है. बीजेपी इसे हर घर तक ले जा रही है. इतना ही नहीं, बिहार से भी बीजेपी को टॉनिक मिल रहा है.
5. एक और बड़ा दांव बीजेपी ने खेला है. अरविंद केजरीवाल, आतिशी समेत सभी बड़े नेताओं के सामने कद्दावर नेताओं को उतार दिया है, ताकि वे अपनी ही सीट बचाने में फंसे रहें और दूसरी सीटों पर ध्यान न जाए.