खुले आसमान तले ऑपरेशन थियेटर, बीच समंदर 3 घंटे सर्जरी, बलूच की मददगार बनी नेवी

1 day ago

Last Updated:April 06, 2025, 15:06 IST

INDIAN NAVY MEDICAL ASSISTANCE: नौसेना अरब सागर मे हर छोटी से छोटी जानकारी को बड़े ही ध्यान ने मॉनिटर करती है. यह पहली बार नहीं है कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी मछुवारो या ईरान की मछली पकड़ने वाली बोट की मदद क...और पढ़ें

खुले आसमान तले ऑपरेशन थियेटर, बीच समंदर 3 घंटे सर्जरी, बलूच की मददगार बनी नेवी

बीच समंदर नेवी ने किया पाक बलूच मछुवारे का ऑपरेशन

हाइलाइट्स

भारतीय नौसेना ने घायल बलूच मछुवारे की मदद की.INS त्रिकंद ने बीच समंदर में सर्जरी की.नौसेना ने खुले आसमान तले ऑपरेशन थियेटर बनाया.

INDIAN NAVY MEDICAL ASSISTANCE: भारतीय नौसेना के वॉरशिप पूरे अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिन्द महासागर में मिशन डिप्लॉयमेंट के तहत तैनात है. कोई भी हादसा समंदर में पेश आता है तो फर्स्ट रेस्पॉंडर के तौर पर नेवी हमेशा तैयार रहती है. भारतीय नौसेना यह नहीं देखती को बोट किस देश की है, कौन से देश के लोग उस पर सवार है. मदद के लिए कोई भी हाथ बढ़ाता है तो तुरंत वॉरशिप को मदद के लिए उस ओर मोड़ दिया जाता है. ऐसा ही एक वाक्या अरब सागर में ओमान की खाड़ी के 350 नॉटिकल मील ईस्ट में पेश आया. ईरान की एक मछली पकड़ने वाली बोट में मदद की गुहार लगाई गई. उस इलाके में तैनात भारतीय नौसेना के स्टेल्थ फ्रीगेट INS त्रिकंद को सूचना मिली और फिर शुरू हो गया ऑपरेशन शुरू.

बीच समंदर में सर्जरी
मिशन डिप्लॉयमेंट के तहत स्टेल्थ फ्रीगेट INS त्रिकंद ओमान की खाड़ी में गश्त कर रहा था.नौसेना को यह जानकारी मिली की एक ईरानी मछली पकड़ने वाली बोट पर मेडिकल इमर्जेंसी है. यह मदद ईरानी डाव अल ओमीदी से आई थी. इंजन में काम करते वक्त एक मछुवारे की उंगली में गंभीर चोट आई. घायल मछुवारे को दूसरी मछली पकड़ने वाली बोट अब्दुल रहमान हंजिया से ईरान के लिए रवाना कर दिया. मदद के लिए नौसेना ने तुरंत वॉरशिप को उस और मोड़ दिया गया. इस बोट पर 16 मछुवारे सवार थे. इनमें 9 बलूचिस्तान से थे तो 2 पाकिस्तान सिंध प्रांत से बाकी 5 ईरान से थे. इनमें से जो घायल था वह बलूच नागरिक था. जो कि हाथ में फ्रैक्चर और कई गंभीर चोट से ग्रसित था. खून भी काफी बह चुका था. त्रिकंद बोट के पास पहुंचते ही मरीन कमांडो और INS त्रिकंद के मेडिल अफसर की एक टीम ईरानी बोट पर पहुंची. घायल की हाल को देखते हुए बोट पर ही खुले आसमान के नीचे एक मिनी ऑपरेशन थियेटर बना दिया. घाटल को लोकल एनेस्थीसिया दिया गया और शुरू हुई सर्जरी. चोटीली उंगली पर तीन घंटे तक प्रोसिजर चलता रहा. आखिरकार ऑपरेशन सफल रहा. बहता खून बंद हो गया गैंगरीन से उंगली गवाने की नौबत को नौसेना ने दूर कर दिया गया.

नौसेना मौजूद है हर जगह
भारतीय नौसेना ने इस मुश्किल को हल करने के लिए 2017 में मिशन डेप्लायमेंट की शुरुआत की. इस मिशन डेप्लायमेंट के तहत भारतीय व्यापरिक जहाजों की समुद्री लुटेरों से सुरक्षा देना, समंदर के जरिए आतंकवाद पर लगाम लगाना और ड्रग्स की तस्करी की रोकथाम करना है. साथ ही अगर कोई दुर्घटना या फिर किसी को समंदर में मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है तो उनकी मदद करना होता है. दुनिया में भारतीय नौसेना के कुल 6 मिशन डेप्लायमेंट के तहत हमेशा भारतीय जंगी जहाज़ मौजूद रहते है. पहला है अरब सागर में स्ट्रेट ऑफ हॉरमूज के पास जहा फारस और ओमान की खाड़ी के इलाके में तैनाती है. यहा से भारत का 80 फीसदी एनर्जी ट्रेड आता है. दूसरा अदन की खाड़ी में एनर्जी ट्रेड के अलवा 90 फ़ीसदी अन्य व्यापार होता है जो कि स्वेज कैनाल से रेड सी और अदन की खाड़ी से होते हुए 80 फीसदी ट्रेड अरब सागर के रास्ते भारत पहुंचता है. यह सबसे बडा पायरेसी का इलाका है. समुद्री व्यापार का यह सबसे छोटा रूट है. इसलिए यहां पर ट्रैफिक बाकी जगह से कहीं ज्यादा है. इसी वजह से यहा पर समुद्री डाकू का खतरा बना रहता है. तीसरा मिशन डेप्लायमेंट है शेसेल्स के पास जो की केप ऑफ गुड होप रूट से आने वाले या फिर उस इलाके में होने वाली समुद्री डकैती को रोकने के लिए तैनात है. चौथा मिशन डेप्लायमेंट
मालदीव के पास, पांचवा अंदमान निकोबार के पास और छठा म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा के पास बंगाल की खाड़ी में है.

First Published :

April 06, 2025, 15:06 IST

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