Last Updated:March 28, 2025, 07:43 IST
Justice Yashwant Verma Cash Recovery Supreme Court Live Updates: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ कैश कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना सुनवाई करेंगे. जस्टिस वर्मा के आवास से ...और पढ़ें

जस्टिस यशवंत वर्मा मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. (News18)
हाइलाइट्स
जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज.जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से नकदी मिलने पर FIR की मांग.जस्टिस वर्मा ने कैश कांड पर अपने खिलाफ साजिश की बात कही थीJustice Yashwant Verma Cash Recovery Supreme Court Live Updates: कैश कांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रहे यशवंत वर्मा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना सुनवाई करेंगे. जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा. जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आग लगने की घटना के बाद कथित तौर पर वहां से बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट से FIR दर्ज करने की मांग की गई है. यह घटना 14 मार्च 2025 की रात को हुई थी, जब उनके आवास के स्टोररूम में आग लगी, और वहां से अधजले नोटों की बोरियाँ बरामद हुईं थीं.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले की जाँच के लिए तीन जजों की एक समिति गठित की थी, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी.एस. संधावालिया, और कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं. इस समिति ने 25 मार्च को जस्टिस वर्मा के आवास का दौरा भी किया था और लगभग 45 मिनट तक वहाँ रहकर उस कमरे की जाँच की, जहाँ नकदी मिली थी.
जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ साजिश बताया है. उनका कहना है कि न तो उनके परिवार ने और न ही उन्होंने स्टोररूम में कोई नकदी रखी थी. दूसरी ओर, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके खिलाफ FIR और CBI जाँच की मांग की है, साथ ही उनके तबादले का विरोध भी किया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पहले ही जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी, लेकिन जाँच पूरी होने तक उन्हें किसी भी न्यायिक कार्य से हटा दिया गया है. आज की सुनवाई में यह तय हो सकता है कि इस मामले में FIR दर्ज होगी या नहीं, और आगे की जाँच का रास्ता क्या होगा. यह मामला न्यायपालिका की पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
First Published :
March 28, 2025, 07:43 IST