Last Updated:April 21, 2025, 09:49 IST
हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय आठ से अधिक यात्रियों के एक साथ बैठने वाले वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. यह बदलाव अगले साल अप्रैल से लागू होने जा रहा है...और पढ़ें

सड़क परिवहन मंत्रालय कर रहा है तैयारी.सांकेतिक फोटो.
हाइलाइट्स
20 मार्च को जारी हुए नोटिफिकेशन में सुझाव और आपत्तियों के लिए दिया गया था एक माह का समयतमाम सुझाव और आपत्तियां आई हैं मंत्रालय इन्हें शामिल करने की करेगा कोशिशनई दिल्ली. देश में होने वाले सड़क हादसे का कारण कई बार मानवीय भूल होने की बात सामने आती है. यानी ड्राइवर की गलती की वजह से एक्सीडेंट हो जाता है. इस तरह के हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय आठ से अधिक यात्रियों के एक साथ बैठने वाले वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. यह बदलाव अगले साल अप्रैल से लागू होने जा रहा है.
देश में हर साल करीब 4.80 लाख सड़क हादसे होते हें, जिनमें 1.80 लोगों की मौत होती है और लगभग 4 लाख लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं. इन हादसों में सबसे अधिक प्रभावित दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्री शामिल होते हैं. इनमें 63 हजार से अधिक दोपहिया वाहन चालक शिकार होते हैं, जिनमें 25 हजार से अधिक की मौत होती है_
20 हजार पैदल यात्री हादसों के चपेट में हर साल
वहीं पैदल यात्री 20 हजार से अधिक हादसों की चपेट में आते हैं 10 हजार से अधिक मौते होती हैं. बात ट्रक और बसों से होने वाले हादसों से करें तो हर साल 18 हजार के करीब हादसे इन वाहनों से होती है, जिनमें सात हजार से अधिक लोगों की मौत होती है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इन हादसों को कम करने की कोशिश कर रहा है. वहीं लक्ष्य 2030 तक दुर्घटना दर को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है.
क्या है तैयारी
मंत्रालय मानवीय भूल से होने वाले हादसों को कम करने के लिए आठ से अधिक बैठने वाले वाहनों में एडवांस इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम लगाने जा रहा है. इन्हें अगले साल अप्रैल से वाहनों में अनिवार्य किया जा रहा है. यानी जो वाहन अप्रैल 2026 से रोड पर आएगा, इस सिस्टम से लैस होगा.
सुझाव पर मंथन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार इस संबंध में तमाम सुझाव आए हैं. मंत्रालय इन सुझाव को शामिल करने के लिए मंथन करेगा. इसके बाद गजट जारी करते समय इन्हें शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. मंत्रालय के अनुसार इस तकनीक में किसी तरह से ट्रायल की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि तमाम देशों में यह तकनीक पहले से वाहनों में लागू है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 21, 2025, 09:49 IST