मुंबई. बात 2015 की है. 26/11 हमले की तर्ज पर ही आठ पाकिस्तान नांव लेकर कराची से चले. उनका मकसद भारत में प्रवेश करना था. वो काफी हद तक अपने मनसूबों में कामयाब भी हो जाते लेकिन भारतीय कोस्ट गार्ड की मुस्तैदी से सभी को गुजरात में ही समय रहते धर दबोचा गया. सभी की चैकिंग हुई तो उनके पास एक ऐसी चीज मिली, जिसे देखने के बाद खुद जज साहब ने भी आठों पर नरमी बरतने से इनकार कर दिया. इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 20 साल कारावास की सजा सुनाई. यह मामला ड्रग्स की तस्करी से जुड़ा है.
इन पाकिस्तानी तस्करों के पास से छोटा मोटा नहीं बल्कि 200 किलोग्राम से ज्यादा ड्रग्स बरामद हुआ था. भारत को नशे के नर्क में धकेलकर खूब पैसा कमाने का मनसूबा लेकर आए इन युवकों पर कड़ा एक्शन लिया गया. इस ड्रग्स की कीमत करीब 7 करोड़ रुपये थी. एनडीपीएस कोर्ट के जज शशिकांत बांगर ने आठ लोगों को मादक पदार्थ विरोधी कानून के तहत किए गए अपराधों के लिए दोषी ठहराया. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट में अधिकतम 20 साल कारावास का प्रावधान है. सभी को अधिकतम सजा ही दी गई.
11 ड्रम में लाए थे हेरोइन
कोर्ट ने हर दोषी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. 2015 में भारतीय कोस्ट गार्ड ने गुजरात तट से 6.96 करोड़ रुपये की 232 किलोग्राम हेरोइन ले जा रही एक नाव को पकड़ा था. इसमें कुल आठ लोग सवार थे. प्रॉसिक्यूशन के अनुसार इस नाव पर 11 ड्रम थे, जिनमें 20 प्लास्टिक पाउच मिले. अंदर गेहुंआ भूरे रंग का पाउडर था. हर पैकेट की जांच हुई, जिसमें अंदर हेरोइन होने का पता चला.
सैटेलाइट फोन लेकर आए थे तस्कर
इन आठ पाकिस्तानी नागरिकों के पास से तीन सैटेलाइट फोन, जीपीएस नेविगेशन चार्ट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए थे. बाद में उन्हें दक्षिण मुंबई में येलो गेट पुलिस को सौंप दिया गया. प्रॉसिक्यूशन ने आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि यह केस अन्य ड्रग तस्करों के लिए मिसाल बनना चाहिए. हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने नरम रुख अपनाने की बात कही. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने नरम रुख अपनाने से इनकार कर दिया और आठ आरोपियों को अधिकतम सजा सुनाई.
Tags: Drugs case, Pakistan news, World news
FIRST PUBLISHED :
January 1, 2025, 15:12 IST