पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद भी उनके कथित तौर पर एक कमजोर प्रधानमंत्री होने को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. भाजपा उनको एक कमजोर प्रधानमंत्री बताती है. मनमोहन के पीएम रहते भाजपा के कद्दावर नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी ने तो उन्हें भारतीय इतिहास का सबसे कमजोर पीएम करार दिया था. विपक्ष के इन आरोपों के साथ-साथ कई पत्रकार यह दावा करते हैं कि यूपीए की सरकार के वक्त असल ताकत सोनिया गांधी के पास थी. मनमोहन सिंह को काम करने के लिए फ्री हैंड नहीं मिला था.
इसी संदर्भ में जानेमाने पत्रकार नीरजा चौधरी का एक बयान वायरल हो रहा हैं. उसमें वह दावा कर रही हैं कि सोनिया गांधी अपने राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए मनमोहन सिंह को संदेश भिजवाती थीं. इसी क्रम में उन्होंने मनमोहन सिंह के पास संदेश भिजवाया कि डॉक्टर साहब आप अपने प्रशासन पर ध्यान दीजिए. हमारी राजनीति में आप हस्तक्षेप मत कीजिए. नीरजा चौधरी के इस दावे पर अहमद पटेल की बेटी बौखला गई हैं. अब अहमद पटेल भी इस दुनिया में नहीं हैं. कोरोना काल में उनका निधन हो गया था.
बेटी ने लगाई क्लास
अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने एक्स पर रिएक्ट करते हुए लिखा है कि नीजरा चौधरी से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह अहमद पटेल और मनमोहन सिंह की यह बातचीत सुन रही थीं. अगर नहीं तो वह क्यों डॉक्टर साहेब की एक कमजोरी प्रधानमंत्री की छवि बनाने में लगी हैं. यह विपक्ष का एजेंडा है. वह कांग्रेस और गांधी परिवार की छवि खराब करने में लगा है. नीरजा विपक्ष के हाथों खेल रही हैं.
नीरजा चौधरी के इस दावे पर खूब कॉमेंट आ रहे हैं. पत्रकार पल्वी घोष ने लिखा कि वह अहमद पटेल के बारे में इस दावे से सहमत नहीं हैं. वह इस टाइप के इंसान नहीं थे. सोनिया गांधी भी ऐसी नहीं हैं. वह जानते थे कि सोनिया गांधी इस तरह की चीजें पसंद नहीं करेंगी. वह पब्लिकली ऐसा कर ही नहीं सकते थे. कई अन्य यूजर्स ने भी लिखा है कि नीरजा चौधरी जैसे पत्रकार टीआरपी के भूखे हैं. वह कुछ भी लिख सकते हैं. हालांकि कई एक्स यूजर्स नीरजा चौधरी से दावे से सहमत हैं. वे कह रहे हैं कि मनमोहन सिंह स्वतंत्र रूप से फैसले नहीं ले पाते थे.
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FIRST PUBLISHED :
December 31, 2024, 14:29 IST