Last Updated:May 27, 2025, 21:38 IST
कश्मीर के बैसरन में आतंकी हमले में मारे गए 26 टूरिस्टों की याद में स्थायी स्मारक बनाने का ऐलान उमर अब्दुल्ला ने किया है. यह स्मारक कश्मीर की जिजीविषा और न्याय की पुकार का प्रतीक होगा.

पहलगाम में आतंकियों ने 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी थी.
हाइलाइट्स
पहलगाम में 26 टूरिस्टों की याद में स्मारक बनेगा.उमर अब्दुल्ला ने स्मारक बनाने का ऐलान किया.स्मारक कश्मीर की जिजीविषा और न्याय का प्रतीक होगा.कश्मीर की शांत वादियों में जब गोलियों की गूंज ने बैसरन को दहला दिया था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वहां सैर करने आए 26 टूरिस्टों की जिंदगी अचानक थम जाएगी. लेकिन आज, एक महीने बाद, उन्हीं मासूमों की याद में एक स्थायी स्मारक बनाने का ऐलान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा, ये स्मारक किसी भवन या पत्थर का टुकड़ा नहीं होगा. ये उन 26 जिंदगियों की मौजूदगी का अहसास कराएगा, जो हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा रहेंगी. यहां आने वाला हर टूरिस्ट, हर कश्मीरी उन्हें याद करेगा.
ये घोषणा सिर्फ एक भावनात्मक पल नहीं था, ये एक निजी और राजनीतिक जिम्मेदारी का एहसास भी था. बैसरन, जो पहलगाम का बेहद लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, अब एक श्रद्धांजलि स्थल के रूप में भी पहचाना जाएगा. उमर अब्दुल्ला ने यह ऐलान उस समय किया जब वे देशभर से आए टूर ऑपरेटर्स के साथ एक इंटरेक्टिव सेशन की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने इस संवाद में पर्यटन से जुड़े लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार टूरिस्टों की सुरक्षा और विश्वास की बहाली के लिए हरसंभव कदम उठा रही है.
भावनाओं की जमीन
उमर अब्दुल्ला ने कहा, पहलगाम सिर्फ पर्यटन का केंद्र नहीं, भावनाओं की जमीन है. हमने खोया है, लेकिन अब हमें मिलकर संवारना है. इस स्मारक का उद्देश्य सिर्फ श्रद्धांजलि देना नहीं बल्कि एक स्पष्ट संदेश देना है – कि कश्मीर आतंक से नहीं डरेगा, बल्कि हर जख्म को इज्जत में बदलेगा.
बैसरन हमला: एक दर्द जो कभी नहीं भुलेगा
बीते महीने हुए इस आतंकी हमले में, पर्यटकों से भरी एक टूरिस्ट बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे. यह हमला पर्यटन सीजन के बीच हुआ, जिसने सिर्फ परिवारों को नहीं, बल्कि कश्मीर की छवि को भी झकझोर कर रख दिया. बैसरन में बनने वाला यह मेमोरियल अब सिर्फ पत्थर नहीं, बल्कि कश्मीर की जिजीविषा और न्याय की पुकार का प्रतीक होगा. उमर अब्दुल्ला का यह कदम बताता है कि कश्मीर अब सिर्फ जख्म नहीं, जवाब भी देता है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Jammu and Kashmir