Last Updated:January 14, 2025, 15:55 IST
PM Narendra Modi News: पीएम नरेंद्र मोदी एक पॉडकास्ट में साफ कबूल किया कि वो कोई देवता नहीं हैं इंसान हैं और उनसे भी गलतियां होती हैं. अपने इस बयान के बाद उन्होंने एक तरह से अपने राजनीतिक विरोधियों को करारा जवाब दे दिया है....और पढ़ें
हाइलाइट्स
पीएम मोदी ने कहा, "मैं मनुष्य हूं, देवता नहीं, गलतियां हो सकती हैं."पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की.मोदी ने ईमानदार लोगों से मिशन के साथ राजनीति में आने का आह्वान किया.नई दिल्ली. ‘मैं मनुष्य हूं, देवता नहीं और मनुष्य से गलतियां हो सकती हैं.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्वीकार कर खुद के जमीन से मजबूती से जुड़े होने का सीधा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने यह बात अपने पहले पॉडकास्ट में मानी है. यह पॉडकास्ट निखिल कामत ने रिकॉर्ड किया है. इसका टीजर नौ जनवरी को जारी किया गया और तुरंत ही यह वायरल भी हो गया. एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि ‘जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मेरा एक भाषण था. मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि मैं भी मनुष्य हूं देवता नहीं हूं. गलतियां मुझसे भी होती रहती है.’
हर काम और बयान के लिए मोदी की सिर्फ और सिर्फ आलोचना करने वाले उन्हें ‘महा-मानव’ मानने को तैयार नहीं होते हैं, तो अब खुद मोदी ने ही स्वयं के मनुष्य होने की घोषणा कर दी है, तो विरोधियों को जवाब मिल गया होगा कि वे वाकई महा-मानव नहीं, मानव ही हैं. दूसरी बात यह है कि अक्सर किसी को महापुरुष या महा-मानव की संज्ञा अमूमन उसके बाद के कालखंड में ही दी जाती है. महात्मा गांधी जैसे नाम कम ही याद आते हैं, जिन्हें जीते-जी महा-मानव घोषित किया गया हो या जिनकी मान्यता महा-पुरुष के रूप में जीवन काल में ही की जाने लगी थी. मोदी भारत की राजनीति के महा-मानव हैं या नहीं, यह देश का भविष्य ही तय करेगा.
पीएम मोदी का पहला पॉडकास्ट
इस पहले पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने ऐसी बहुत सी बातें की हैं, जिन्हें जानने की जिज्ञासा कम से कम उन्हें कारगर और दबंग नेता मानने वालों के साथ ही उन लोगों को भी होगी, जो उनके धुर-विरोधी हैं. यह पॉडकास्ट सामने आने के बाद सभी लोगों की जिज्ञासाओं का शमन हो जाएगा. हो सकता है कि 24 घंटे मोदी विरोधी चश्मा लगा कर रखने वालों को भी उन पर प्रहार करने के लिए कुछ सामग्री हर बार की तरह मिल जाए, लेकिन इतना जरूर है कि मोदी की खुद के मनुष्य होने की सहज अभिव्यक्ति उन्हें जमीन से जुड़ा खांटी नेता जरूर साबित करती है.
पीएम मोदी का जमीन से जुड़ाव
दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के नेतृत्व मोदी को उनके कद या उससे भी ऊपर के स्तर का नेता मानते हैं, तो इसके लिए उनका जमीन से जुड़ा होना ही सबसे बड़ा आधार भी है. साल 2014 के बाद से देश के विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लगातार बढ़ते दबदबे ने यह बात साफ की ही है कि पीएम मोदी का विजन बहुआयामी है. उनके लोकल टू ग्लोबल मिशन बहुत से क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया है.
देश को ताकतवर बनाने की कई योजनाएं
चाहे जन-धन बचत खातों की बात करें या फिर महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए बनाई गई तमाम योजनाएं हों, युवाओं को ताकतवर बनाने के लिए स्टार्टअप समेत कई योजनाओं के कामयाब क्रियान्वयन की बात हो या फिर देश के सभी बुजुर्गों के इलाज के लिए पीएम आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने की बात, छोटे-मंझोले कारोबारियों के हित साधने के लिए बनाई गई मोदी सरकार की योजनाएं हों या फिर बड़े उद्योगों को समृद्धि के शिखरों पर पहुंचाने के लिए बनाई गई योजनाओं की बात, शिक्षा और शोध और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने की बात हो या किसानों की समृद्धि बढ़ाने की बात, देश के हर तबके की खुशहाली के लिए मोदी सरकार ने जमीनी स्तर पर बहुत काम किया है. ये सारे काम करने के लिए किसी नेता का जमीन से जुड़ा होना बेहद जरूरी है. केवल हवा-हवाई बातें करने से देश विकास की राह पर इस तरह नहीं चल सकता कि उसकी अर्थव्यवस्था ऊंची छलांगें लगा कर दुनिया की पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाए और चौथे नंबर पर पहुंचने की प्रबल संभावना भी बनती जा रही हैं.
दुनिया के संघर्षों से भारत तटस्थ नहीं
निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट के टीजर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भी कह रहे हैं कि दुनिया में जारी संघर्षों के प्रति भारत तटस्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है. यानी शांति का पक्षधर होना तटस्थ होना नहीं होता. यह संदेश पीएम मोदी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दे चुके हैं. इस महीने ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद संभालने वाले हैं और इससे पहले ही उन्होंने दुनिया को आक्रामक तेवर अपनाने का संकेत दे दिया है. ऐसे में पीएम मोदी ने शांति को शक्ति संतुलन के मुख्य पक्ष के रूप में रेखांकित कर साफ कर दिया है कि जिस तरह उन्होंने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय बातचीत में शांति का संदेश दिया था, उसी तरह वे बिना किसी हिचक के ट्रंप को भी शांति का संदेश देने से नहीं चूकेंगे.
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ईमानदार लोगों को राजनीति में आना चाहिए
युवाओं को राजनीति से जोड़ने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि ईमानदार लोगों को लगातार राजनीति में आना चाहिए, लेकिन उन्हें मिशन के मोड में राजनीति से जुड़ना चाहिए, न कि किसी एंबीशन यानी महात्वाकांक्षा के साथ. हम जानते ही हैं कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने का संकल्प लिया था, जो किसी भी स्तर पर राजनीति से नहीं जुड़े हैं. जाहिर है कि पीएम मोदी ने युवाओं को राजनीति से जोड़ने की मंशा जाहिर की है, तो वे सक्षम युवाओं को भारतीय जनता पार्टी से ही जोड़ना चाह रहे हैं. ऐसे में बीजेपी की भविष्य की राजनीति में युवा सोच का महत्व बहुत बढ़ जाएगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
January 14, 2025, 15:52 IST