सबकी निगाह सोने पर, बाजी मार ले गया कोई और, 2025 में ताबड़तोड़ हो रहा निवेश

3 days ago

Last Updated:March 28, 2025, 12:23 IST

Gold vs Silver : ऐसे समय में जब दुनियाभर के निवेशकों की निगाह गोल्‍ड पर टिकी है तो चांदी एक गोल्‍डन एसेट बनकर उपभर रही है. निवेशकों के अलावा अब तो कई देशों के केंद्रीय बैंक भी चांदी को अपने रिजर्व में शामिल करन...और पढ़ें

सबकी निगाह सोने पर, बाजी मार ले गया कोई और, 2025 में ताबड़तोड़ हो रहा निवेश

सिल्‍वर ईटीएफ की लांचिंग लगातार बढ़ती जा रही है.

हाइलाइट्स

चांदी की बढ़ती मांग से निवेशकों का रुझान बढ़ा.केंद्रीय बैंक भी चांदी को रिजर्व में शामिल कर रहे हैं.2025 तक चांदी की कीमत 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है.

नई दिल्‍ली. शेयर बाजार में गिरावट देख निवेशक सोने की तरफ भागे और नतीजा ये रहा कि सोने की कीमत में ताबड़तोड़ उछाल आना शुरू हो गया. ऐसे समय में जब सभी की निगाह सोने पर टिकी थी, तो निवेश का एक और विकल्‍प बाजार में आ गया और लोगों का पसंदीदा एसेट बनता जा रहा है. न, न सिर्फ लोगों का ही नहीं, रिजर्व बैंक का ध्‍यान भी इस पर बखूबी टिका है और उसने भी अपने भंडार में इस एसेट को बढ़ाना शुरू कर दिया है. मार्केट एक्‍सपर्ट का कहना है कि ऐसा ही रहा तो दिसंबर यह एसेट बवाल काट देगा और लोगों को सबसे ज्‍यादा रिटर्न देने वाला विकल्‍प बन जाएगा.

इस समय सिर्फ आम निवेशकों के बीच ही नहीं, बाजार के एक्‍सपर्ट के बीच भी बात हो रही तो सिर्फ सिल्‍वर की. यह मेटल सोने को भी पार करने की तैयारी में है. सिल्‍वर की बढ़ती डिमांड और कीमतों की वजह से निवेशकों ने इसके एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) पर जमकर दांव खेलना शुरू कर दिया है. बाजार ने भी निवेशकों के इस ट्रेंड को पकड़ा और लगातार नए-नए ईटीएफ लांच करने शुरू कर दिए हैं. उनका मानना है कि जिस तरह से आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है, इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं कि सोने और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ती ही जाएं.

ये भी पढ़ें – 122 करोड़ के घोटाले में फंसे कोऑपरेटिव बैंक ने प्रीति जिंटा को दी थी खास छूट! अभिनेत्री ने लिया था लोन

क्‍यों है सिल्‍वर की इतनी डिमांड
सबसे पहली बात तो यह है कि सोने की तरह ही चांदी को भी सेफ ऐसेट माना जाता है. आम आदमी के अलावा उद्योगों में चांदी की बढ़ती डिमांड इसकी कीमतें बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है. इसी मौके का फायदा उठाने के लिए कंपनियां सिल्‍वर एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड लांच कर रही हैं. भारत में सिल्वर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. फरवरी 2025 के अंत तक, सिल्वर ETFs की संख्या बढ़कर 12 हो गई और इनका एयूएम 14,017.53 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह पिछले साल के 11 ETFs द्वारा रखे गए ₹4,069.90 करोड़ से तीन गुना से भी अधिक है. यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है, क्‍योंकि मार्च में दो और ईटीएफ लॉन्च हुए. एक जेरोधा फंड हाउस से और दूसरा 360 वन एसेट से. इसका मतलब है कि इन ईटीएफ में लोगों का निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है.

कहां बढ़ रही इसकी मांग
ऐसा नहीं है कि सिल्‍वर का इस्‍तेमाल सिर्फ ज्‍वैलरी बनाने या आम आदमी के निवेश करने के लिए हो रहा है. यह काफी अच्‍छा कंडक्‍टर भी है, यहां तक कि एल्युमिनियम से भी बेहतर, जिससे यह अगली पीढ़ी के उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह धातु सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी, चिकित्सा उपकरण और जल शुद्धिकरण तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण है. रूस के केंद्रीय बैंक ने पहली बार अपने भंडार में चांदी जोड़ने का ऐलान किया है, सोना, प्लैटिनम और पैलेडियम से परे है. विश्लेषकों का मानना है कि अन्य केंद्रीय बैंक भी अपने भंडार में इसे शामिल कर सकते हैं.

क्या सोने को पीछे छोड़ देगी चांदी?
चांदी की इस रफ्तार को देखकर बहुत से निवेशकों के मन में यह सवाल घूमने लगा है कि क्‍या सोने को पीछे छोड़कर चांदी आगे निकल जाएगी. इसका अंदाजा सोने-चांदी के अनुपात से पता चलता है कि एक औंस सोना खरीदने के लिए कितने औंस चांदी की जरूरत होगी. फिलहाल यह अनुपात 90:1 पर है, जिससे संकेत मिलता है कि सोना चांदी की तुलना में थोड़ा महंगा हो सकता है. ऐसे समय में जब केंद्रीय बैंक अपने भंडार को डाइवर्सिफाई करने के लिए सोने से आगे देख रहे हैं तो चांदी कीमती एसेट बनकर उभर सकती है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च के अनुसार, चांदी का ग्‍लोबल मार्केट लगातार चौथे साल घाटे में रहने की संभावना है. इसका मतलब है कि चांदी की डिमांड की सप्‍लाई से ज्‍यादा ही रहेगी.

कहां तक जाएंगे दाम
इस साल की शुरुआत से अब तक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सिल्‍वर में 13% की बढ़ोतरी हुई है और पिछले साल यह 32% बढ़ी थी. पिछले साल 22 मार्च को चांदी 73,890 प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी, जो 24 मार्च तक बढ़कर 97,209 रुपये हो गई. ICICI डायरेक्ट का अनुमान है कि यह तेजी जारी रहेगी और साल 2025 खत्‍म होने तक चांदी की कीमत 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है. यह सिर्फ अभी के अनुमान हैं, अगर ईवी और सोलर एनर्जी जैसे उद्योगों की डिमांड बढ़ती है तो चांदी का भाव और ऊपर तक जा सकता है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 28, 2025, 12:23 IST

homebusiness

सबकी निगाह सोने पर, बाजी मार ले गया कोई और, 2025 में ताबड़तोड़ हो रहा निवेश

Read Full Article at Source