China Drug Exports: अमेरिका ने चीन से आयात होने वाली दवाओं पर टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली है जिससे चीन की फार्मा कंपनियों की कमाई पर असर पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दवा की कीमतों को घरेलू स्तर पर कम करने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन उत्पादन को अमेरिका लाने और चीन पर निर्भरता घटाने के लिए ये टैरिफ जरूरी मान रहे हैं. इस वजह से चीन से आने वाली दवाओं की लागत बढ़ सकती है.
ज्यादा लागत नहीं झेल सकतीं..
असल में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कुछ स्थानीय एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया कि अमेरिकी कंपनियों को पहले से ही मामूली मुनाफा होता है इसलिए वे ज्यादा लागत नहीं झेल सकतीं. ऐसे में इन टैरिफ का बोझ चीन की कंपनियों पर डाला जा सकता है. चीन की कंपनियों को या तो दवाओं की कीमतें घटानी होंगी या फिर अपने प्लांट थाईलैंड और वियतनाम जैसे सस्ते देशों में शिफ्ट करने पड़ सकते हैं. इससे उनकी मुनाफे की दर और भी कम हो सकती है.
फार्मा इंडस्ट्री.. सबसे बड़ा बाजार
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि चीन अमेरिका को करीब 90% Active Pharmaceutical Ingredients (APIs) यानी दवाओं के कच्चे माल की सप्लाई करता है. 2024 में चीन ने अमेरिका को करीब 19 अरब डॉलर की दवाएं और मेडिकल उपकरण निर्यात किए जो उसके कुल फार्मा निर्यात का करीब 17.6% हिस्सा था. सिर्फ 2025 की पहली तिमाही में ही यह आंकड़ा 4.64 अरब डॉलर रहा. साफ है कि अमेरिका चीन की फार्मा इंडस्ट्री का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है.
API कंपनियों के लिए आगे बढ़ना मुश्किल
हालांकि चीन की फार्मा इंडस्ट्री काफी मजबूत मानी जाती है. उसके पास सस्ता उत्पादन मजबूत केमिकल चेन और जेनरिक दवाओं में विस्तार की क्षमता है. लेकिन अगर अमेरिका ने उत्पाद दर उत्पाद टैरिफ लगाना शुरू किया तो चीन की API कंपनियों के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में यह कदम चीन की फार्मा इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.