हॉस्पिटल में ऐसा क्‍या हुआ, एक के बाद एक दम तोड़ते रहे मरीज, डॉक्‍टर बने बुत

6 hours ago

Last Updated:July 28, 2025, 07:53 IST

Jalandhar Civil Hospital News: जालंधर के सिविल हॉस्पिटल में एक ऐसी घटना हुई है, जिससे अस्‍पताल प्रशासन के साथ ही लोकल एडमिनिस्‍ट्रेशन और पुलिस के भी होश उड़ गए. अब इसकी चौंकाने वाली वजह सामने आई है.

हॉस्पिटल में ऐसा क्‍या हुआ, एक के बाद एक दम तोड़ते रहे मरीज, डॉक्‍टर बने बुतजालंधर के सिविल हॉस्पिटल में एक के बाद एक 3 मरीजों की मौत से सनसनी फैल गई.

हाइलाइट्स

जालंधर के सिविल अस्‍पताल में 3 मरीजों की मौत से सनसनीऑक्‍सीजन प्‍लांट में गड़बड़ी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी हैअस्‍पताल प्रशासन ने जांच के लिए 9 सदस्‍यों की कमेटी बनाई

जालंधर. हॉस्पिटल में गड़बड़ी की वजह से अक्‍सर ही बड़े हादसे होने की खबरें सामने आती रहती हैं. एक बार फिर से ऐसी ही खबर सामने आई है. जालंधर के सिविल अस्‍पताल में गड़बड़ी की वजह से बड़ा हादसा हो गया. महज 35 मिनट के अंतराल में एक के बाद एक तीन मरीजों की मौत हो गई. डॉक्‍टर से लेकर अन्‍य स्‍टाफ तक बुत बनकर देखते रहे. अब इसकी वजह भी सामने आई है, जिसके बाद हॉस्पिटल एडमिनिट्रेशन ने 9 सदस्‍यों की एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी न केवल इस मामले की छानबीन करेगी, बल्कि इसके जिम्‍मेदारों का पता लगाकर जवाबदेही भी तय करेगी.

दरअसल, जालंधर सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात एक झकझोर देने वाली घटना में वेंटिलेटर पर मौजूद तीन मरीजों की 35 मिनट के भीतर मौत हो गई. शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस दौरान अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी गड़बड़ी आने की बात सामने आई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए बैकअप सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय था.

मृतक मरीजों की पहचान

मृतकों की पहचान 15 साल की अर्चना, 26 वर्षीय अवतार चंद और 45 साल के राजू के रूप में हुई है. अर्चना को 17 जुलाई को सांप के काटने के बाद भर्ती किया गया था, अवतार को 25 जुलाई को नशे की गंभीर हालत में लाया गया था, जबकि राजू को 24 जुलाई को टीबी और किडनी की गंभीर समस्याओं के चलते भर्ती किया गया था. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, अर्चना की मौत शाम 7:15 बजे हुई, अवतार की 7:40 बजे और राजू की 7:50 बजे मौत हो गई.

मची अफरा-तफरी

इन मौतों के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और चर्चा होने लगी कि ऑक्सीजन प्लांट में किसी तरह की खराबी आई थी. हालांकि, अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राज कुमार बादल ने देर रात बताया कि ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी की जानकारी मिली है, लेकिन अस्पताल के पास एक पूर्ण बैकअप सिस्टम मौजूद था, जिसमें एक वैकल्पिक ऑक्सीजन प्लांट और ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल हैं.

गंभीर सवाल

डॉ. राज कुमार बादल ने आगे बताया कि इस मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उन्‍होंने कहा कि यह जानना जरूरी है कि उसी वार्ड में वेंटिलेटर पर दो और मरीज थे, जिन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ. इससे यह भी संकेत मिलता है कि मौतें मरीजों की गंभीर स्थिति के कारण भी हो सकती हैं. अगर किसी कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल अस्पताल प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग मामले की गहन जांच में जुटे हैं. मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से जवाबदेही तय करने की मांग की है. इस घटना ने अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था की निगरानी और मेंटेनेंस पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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