Last Updated:August 24, 2025, 11:41 IST
CBSE Sanskrit vs French: एजुकेशन सेक्टर में लगातार कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. नई शिक्षा नीति 2020 में हिंदी और इंग्लिश के साथ ही एक अन्य भाषा सीखने पर भी जोर दिया जा रहा है. सीबीएसई के ज्यादातर स्कूलों में क्ल...और पढ़ें

नई दिल्ली (CBSE Sanskrit vs French). ‘मम्मी, फ्रेंच आसान है या संस्कृत?’ – CBSE क्लास 5 में पढ़ने वाले बच्चे यह सवाल खूब पूछते हैं.. और माता-पिता सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर किसे चुनना बेहतर होगा. सीबीएसई के कई स्कूलों में क्लास 5 से बच्चों को संस्कृत और फ्रेंच में से एक विषय चुनने का ऑप्शन दिया जाता है. इतने छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं होता है. सही भाषा का चुनाव न सिर्फ उनके स्कूल रिजल्ट पर असर डालता है, बल्कि करियर की दिशा भी तय कर सकता है.
संस्कृत चुनने का मतलब है बच्चे को भारत की जड़ों, परंपरा और शास्त्रों से जोड़ना. यह भाषा सरल व्याकरण और स्कोरिंग नेचर के कारण बच्चों को अच्छे अंक भी दिलाती है. दूसरी तरफ, फ्रेंच चुनने का मतलब है बच्चे को इंटरनेशनल लेवल की नई दुनिया में एंट्री दिलाना. फ्रेंच बोलना आने वाले समय में विदेशी यूनिवर्सिटी, ट्रैवल और करियर के लिए रास्ते खोल सकता है. लेकिन यहां असली सवाल यह है – क्या हमें भविष्य देखकर भाषा चुननी चाहिए या बच्चे की रुचि देखकर? ऐसे में माता-पिता को थोड़ा बैलेंस बनाना पड़ता है.
फ्रेंच और संस्कृत में से कौन सा विषय बेहतर?
सीबीएसई क्लास 5 में विषय चुनने का ऑप्शन बच्चों के करियर के लिए बहुत फायदेमंद है. ऐसे में सही भाषा चुनना जरूरी है. दोनों ही भाषाओं की अपनी अलग पहचान और फायदे हैं. फ्रेंच सीखने से बच्चे को अंतरराष्ट्रीय अवसर मिलते हैं, जबकि संस्कृत उसकी नींव को मजबूत बनाकर बेहतर मार्क्स स्कोर करने में मदद करती है और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ती है. सही चुनाव बच्चे की रुचि, उसकी क्षमता और लॉन्ग टर्म प्लान को ध्यान में रखकर करना चाहिए. भाषा केवल एक विषय नहीं, बल्कि सोचने और दुनिया से जुड़ने का माध्यम भी है.
सीबीएसई में भाषा विकल्प की अहमियत
सीबीएसई सिलेबस में बच्चों को क्लास 5 से ही दूसरी/तीसरी भाषा चुनने का अवसर मिलता है. यह विकल्प केवल एक साल की पढ़ाई तक सीमित नहीं रहता बल्कि आगे की क्लासेस में भी उसी भाषा को जारी रखना होता है. इसलिए शुरुआती फैसले का असर लंबे समय तक पड़ता है.
संस्कृत पढ़ने के फायदे
फ्रेंच पढ़ने के फायदे
सबसे पहले समझें बच्चे की रुचि
भाषा सीखना तभी सफल होता है, जब बच्चे को उसमें मजा आए. अगर बच्चे को शास्त्र, इतिहास और संस्कृति में दिलचस्पी है तो संस्कृत उसे आकर्षित करेगी. वहीं, अगर बच्चे को नई जगहों और संस्कृतियों को समझने का शौक है तो फ्रेंच उसके लिए सही विकल्प है. इसके साथ ही समझिए दोनों भाषाओं के करियर विकल्प.
संस्कृत: यूपीएससी की विभिन्न परीक्षाएं, इंडोलॉजी (भारत विद्या), योग, आयुर्वेद या शिक्षा क्षेत्र में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए लाभकारी.
फ्रेंच: विदेश में पढ़ाई, होटल मैनेजमेंट, इंटरनेशनल बिजनेस और डिप्लोमैटिक सर्विसेज में रुचि रखने वालों के लिए बेहतर.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...
और पढ़ें
First Published :
August 24, 2025, 11:41 IST