Last Updated:August 24, 2025, 13:02 IST
Defence Deal News: दुनिया में इस समय दो युद्ध चल रहे हैं. पहला, इजरायल और हमास के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है और दूसरा रूस-यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग तमाम प्रयासों के बावजूद खत्म नहीं हो रही है.

Defence Deal News: दुनिया में सामरिक हालात लगातार बदल रहे हैं. रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच जारी जंग ने विश्व को दो खेमों में बांट दिया है. एक तरफ अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश हैं, तो दूसरी तरफ रूस और चीन जैसे देश हैं. वहीं, भारत में पहलाम अटैक के बाद सुरक्षा हालात काफ बदल गए हैं. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के सैन्य एयरबेस को भी निशाना बनाकर उन्हें व्यापक नुकसान पहुंचाया गया. इस दौरान भारत के कई वेपन की ताकत को पूरी दुनिया ने देखा. पहलगाम अटैक के बाद पैदा हुए हालात के बाद भारत ने अपने सिक्योरिटी मेकेनिज्म को अपग्रेड करने के साथ ही उसे और विस्तार देने में जुट गया है. तेजस फाइटर जेट के साथ ही भारत 5th जेनरेशन का फाइटर जेट स्वदेशी तकनीक से डेवलप करने के लिए AMCA प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. एयर और लैंड के साथ ही भारत मैरीटाइम सिक्योरिटी को भी आधुनिक तकनीक से अपग्रेड कर रहा है. भारत ने अब सबमरीन फ्लीट (पनडुब्बी बेड़े) को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ के तहत 6 सबमरीन खरीदे जाएंगे और बाकी को भारत में ही डेवलप किया जाएगा. मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड यानी (MDL) नोडल एजेंसी होगी.
लगभग छह महीने से अटकी पड़ी प्रोजेक्ट 75 इंडिया सबमरीन डील को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है. यह पूरा प्रोजेक्ट तकरीबन ₹70000 करोड़ का होने वाला है. रक्षा मंत्रालय और MDL को अब जर्मन कंपनी ThyssenKrupp Marine Systems के साथ छह उन्नत पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर बातचीत शुरू करने की अनुमति मिल गई है. रक्षा मंत्रालय ने इसी साल जनवरी में MDL को इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए चुना था. इन पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे वे पानी के भीतर तीन हफ्ते तक रह सकेंगी. ऐसे में दुश्मनों को पानी के अंदर से ही तबाह किया जा सकेगा. इसके लिए राफेल, F-35 जैसे फाइटर जेट या फिर ब्रह्मोस क्रूज जैसी घातक मिसाइलों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
भारत ने घरेलू स्तर पर सबमरीन डेवलप करने वाले प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है.
6 महीनों में फैसला लेने का निर्देश
सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने अब रक्षा मंत्रालय और MDL को बातचीत शुरू करने की मंजूरी दे दी है. उम्मीद है कि यह प्रक्रिया इसी महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी. सूत्रों की मानें तो हईलेवल बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों ने देश की भविष्य की सबमरीन रणनीति पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया. रक्षा मंत्रालय और नेवी की योजना है कि अगले छह महीनों के भीतर अनुबंध वार्ताएं (Contract Negotiation) पूरी कर ली जाएं और अंतिम मंजूरी प्राप्त की जाए. इस डील का उद्देश्य भारत में ट्रेडिशनल पनडुब्बियों के डिजाइन और निर्माण की स्वदेशी क्षमता विकसित करना है.
न्यूक्लियर अटैक सबमरीन
सरकार पनडुब्बी निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने के विकल्प भी तलाश रही है. वर्तमान में भारतीय उद्योग, लार्सन एंड टुब्रो और सबमरीन बिल्डिंग सेंटर की साझेदारी में दो परमाणु हमलावर पनडुब्बियां भी विकसित कर रहा है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब चीन की नौसेना तेजी से आधुनिक हो रही है. इसके जवाब में भारत ने हाल के वर्षों में परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह की कई सबमरीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों का मुकाबला करने के लिए अपनी क्षमताओं को तेज़ी से विकसित करना होगा. भारतीय नौसेना अगले एक दशक में अपनी करीब 10 पुरानी पनडुब्बियों को चरणबद्ध तरीके से हटाएगी, जिनकी जगह लेने के लिए नई सबमरीन की तत्काल आवश्यकता है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 24, 2025, 12:56 IST