Last Updated:January 14, 2025, 14:37 IST
Manali News: हिमाचल प्रदेश के मनाली की उझी घाटी के गौशाल इलाके में 42 दिन तक शांति रहेगी. देव आदेश के चलते मंदिरों के कपाट भी बंद हो गए हैं, जोकि अब फरवरी में ही खुलेंगे. इन गावों में इस परंपरा को हजारों साल से मनाया जा रहा है.
मनाली. हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां पर देवी-देवताओं का वास है. कांगड़ा, शिमला, मंडी, बिलासपुर सहित तमाम जिले हैं, जहां पर कहीं-ना-कहीं, कोई-ना-कोई प्रसिद्ध शक्ति पीठ मौजूद है और हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु इन मंदिरों में पहुंचते हैं. प्रदेश के कुल्लू जिले में देव प्रथा का प्रचलन सबसे अधिक है और यहां पर इसी परंपरा के चलते मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन से 9 गांव में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. साथ ही शोर-शराबे पर रोक लगाई गई है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली में ऐसा इलाका है हैं, जहां पर आज भी लोगों ने अपनी प्राचीन संस्कृति को संजो कर रखा गया है. अब यहां पर गांववासी अब अगले 42 दिन तक ना टीवी चलाएंगे और ना ही मन्दिर में पूजा अर्चना होगी. रोचक बाद है कि इस दौरान पूरे गांव में मोबाइल फोन भी साइलेंट मोड पर रहेंगे और मोबाइल की घंटियां नहीं सुनाई देंगी. आप यह पढ़कर काफी जरूर हैरान होंगे, लेकिन यह सत्य है. देवी देवताओं के आदेशों के यह व्यवस्था यहां रहेगी. हर साल यह प्रथा निभाई जाती है.
जानकारी के अनुसार, मनाली के साथ लगते गांव गौशाल इलाके के आठ गांव में देव आदेश जारी हुए हैं. यहां पर टीवी, मोबाइल और मंदिर में घंटी बजाने तक रोक लग गई है. उझी घाटी के नौ गांव हजारों साल से चली आ रही इस देव परम्परा का 42 दिन तर पालन करेंगे. अहम बात है कि इस दौरान गांव में कोई व्यक्ति अब ऊंची आवाज तक में बात नहीं करेगा. साथ ही मन्दिर में पूजा भी नहीं होगी और घंटियों को भी बांद गया है. ग्रामीणों के अनुसार, आराध्य देवता गौतम ऋषि ,ब्यास ऋषि और नाग देवता की ओर से ये आदेश जारी हुए हैं.
मनाली के सिमसा में स्थित देवता कार्तिक स्वामी के मंदिर के कपाट भी बंद हो गए.
मान्यता है कि मकर संक्राति के बाद घाटी के आराध्य देवी-देवता अपनी तपस्या में लीन हो जाते हैं और ऐसे में देवी-देवताओं को शांत वातावरण चाहिए होता है और यह वजह से है कि टीवी, रेडियो और मोबाइल को बन्द कर दिया जाता है.
मनाली के सिमसा माता मंदिर की घंटी को बांध दिया गया है.
ग्रामीण वेद और जसवंत ठाकुर ने बताया कि मनाली के गौशाल,कोठी सोलंग,पलचान, रूआड़, कुलंग, शनाग, बुरूआ और मझाच में यह आदेश लागू हुए हैं. उधर, गौतम ऋषि के कारदार हरि सिंह ने बताया कि देव परम्परा को बखूबी निभाया जा रहा है और आज की युवा पीढ़ी भी सदियों से चली आ रही परम्परा का पालन कर रही है. यहां आने वाला पर्यटकों को भी परम्परा को निभाना होगा.
मंदिर के कपाट हुए बंद
मनाली के समीसा में स्थित देवता कार्तिक स्वामी के मंदिर के कपाट भी आज यानी 14 जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक बंद हो गए है, सिमसा गाँव के साथ साथ अन्य चार गाँव कन्याल, छियाल, मढ़ी, रांगड़ी में भी देव-आदेश के चलते किसी भी तरह के शोर पर प्रतिबंध लग गया है. देवता कार्तिक स्वामी मदिर के पुजारी मकरध्वज शर्मा ने कहा कि 12 फरवरी तक किसी भी तरह के शोर पर रोक लगाई गई है. इस दौरान कोई व्यक्ति ऊंची आवाज में भी बात नहीं करेगा. खेतों में काम भी बंद रेंगे. मन्दिर में पूजा और घंटी बजाने पर रोक रहेगा. उन्होंने बताया कि फ़ागली उत्सव के साथ मंदिर के कपाट खुलेंगे.
Location :
Manali,Kullu,Himachal Pradesh
First Published :
January 14, 2025, 14:29 IST