करनाल. ये कहानी हरियाणा के क्रिकेटर अंशुल कंबोज के संघर्ष की कहानी है. कई किमी रोजाना सफर के बाद वह प्रैक्टिस के लिए करनाल आते थे. हालांकि, जब दिक्कत होने लगी तो परिवार यहीं शिफ्ट हो गया. अब बेटे ने भी इतिहास चर दिया है.
दरअसल, हरियाणा के करनाल जिले के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज ने रणजी ट्रॉफी में एक पारी में दस विकेट लिए हैं और उसके बाद से वह चर्चा में हैं. अंशुल कंबोज मूल रूप से करनाल के इंद्री के फाजिलपुर गांव के रहने वाले हैं. बुधवार को करनाल में एकेडमी में पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत हुआ.
रणजी ट्रॉफी में एक ही पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा करने वाले वह हरियाणा के पहले और रणजी क्रिकेट में तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं. अंशुल ने रोहतक के लाहली में चौधरी बंसीलाल स्टेडियम में केरल की टीम के बल्लेबाजों को धराशाई कर दिया. इससे पहले अंशुल अंडर-19 , आईपीएस और दिलीप ट्रॉफी खेल चुके हैं.
12 साल के थे तब से क्रिकेट खेलना शुरू किया
अंशुल ने करनाल में 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया. वह काफी दूसर से करनाल आते थे. लेकिन फिर माता-पिता यहीं शिफ्ट हो गए. बीते साल अंशुल ने मुंबई इंडियंस की तरफ से आईपीएल मैच खेले थे. इस दौरान उन्होंने ट्रेविस हेड को भी क्लीन बोल्ड किया था, लेकिन वह गेंद नो बॉल करार दी गई थी. वह एक ऑलराउंडर हैं. एकेडमी पहुंचे अशुंल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्राथ उनके आदर्श हैं. उनकी कोशिश रहती है कि मैग्रा की तरह गुड लाइन और लैंथ पर गेंदबाजी करें.
एके-47 के नाम से चर्चित
अंशुल को, उनके साथी AK 47 के नाम से पुकारते हैं. साथ ही उनकी जर्सी का नंबर 47 है. अब वह मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने मुंबई जाएंगे.उधर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने भी अंशुल और उसके परिवार और कोच को बधाई दी. अंशुल ने बताया कि उन्होंने राणा ब्रदर्स की एकेडमी में प्रेक्टिस की थी. टीम इंडिया में शामिल होने के सवाल पर कहते हैं कि अच्छा प्रदर्शन करना है और मुझे अपना बेस्ट देना है.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 12:25 IST