Bahraich Wolf Attack: सच में भेड़‍िया देखना है? तो दिल्‍ली में यहां जाएं

2 weeks ago

उत्‍तर प्रदेश के बहराइच, कौशांबी और सीतापुर आदि जिलों के कई गांवों में पिछले कुछ दिनों से भेड़‍ियों ने आतंक काट रखा है. आदमखोर और नरभक्षी हो चुके इन भेड़‍ियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं. अभी तक भेड़‍ियों के हमले में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 से ज्‍यादा लोग घायल हो चुके हैं. भेड़‍ियों के हमले से करीब दर्जनभर गांवों में दहशत का माहौल है और लोग रात-रात भर जागकर लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं. रात के अंधेरे में ये भेड़‍िए झुंड में आते हैं और कभी इंसानों तो कभी जानवरों पर हमला कर देते हैं.

हालांकि यूपी से आ रहीं इन खबरों के बीच अगर आप भी असलियत में भेड़‍िए देखना चाहते हैं या अपने बच्‍चों को दिखाना चाहते हैं तो दिल्‍ली में एक ऐसी जगह है जहां भेड़‍िया रहता है. यहां न केवल आप उसे देख सकते हैं बल्कि महज 15-20 मीटर की दूरी में मौजूद भेड़‍िए से नजरें भी मिला सकते हैं. इसके साथ ही भेड़‍ियों के संबंध में पूरी जानकारियां हासिल कर सकते हैं.

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आपको बता दें कि दिल्‍ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क यानि दिल्‍ली चिड़‍ियाघर में एक भेड़‍िया मौजूद है. जब से यूपी में भेड़‍िया का कहर बढ़ा है, बीट नंबर 8 में मौजूद इस भेड़‍िया को देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आ रहे हैं.

दिल्‍ली जू में रेंज ऑफिसर सौरभ वशिष्‍ठ ने बताया कि आज से करीब 7 साल पहले दिल्‍ली चिड़‍ियाघर में एक्‍सचेंज प्रोग्राम के तहत ग्रे वुल्‍फ लाया गया था. आमतौर पर भारत में भेड़‍ियों की यही नस्‍ल मिलती है. यह भेड़‍िया अब करीब 8 साल का हो चुका है. इस भेड़‍ियों को आप बाड़े के करीब से देख सकते हैं.

वशिष्‍ठ ने बताया कि जब से यूपी में भेड़ियों का आतंक फैला है, तब से दिल्‍ली जू में भी भेड़‍िया को देखने के लिए सैलानियों की भीड़ लगी हुई है. कुछ लोग आकर पूछते भी हैं कि क्‍या यहां भेड़‍िया भी दिख सकता है. जू के जो कर्मचारी इसे खाना देते हैं, यह भेड़‍िया उन्‍हें अच्‍छी तरह पहचानता है और हिंसक नहीं है.

गोद भी ले सकते हैं भेड़‍िया

वशिष्‍ठ ने बताया कि दिल्‍ली चिड़‍ियाघर में वन्‍यजीवों को गोद लेने का प्रोग्राम चल रहा है. इसमें आप भेड़‍िया सहित शेर, हाथी, गैंडा, तेंदुआ, काला हिरण, नीलगाय, उल्लू जैसे सभी वन्यजीवों को गोद ले सकते हैं. ऐसा करके आप इनके संरक्षण में मदद कर सकते हैं.

चिड़ियाघर के वन्यजीवों को गोद लेने के लिए अलग-अलग कीमत तय है और इन्‍हें 1 से 2 साल के लिए गोद लिया जा सकता है. चिड़ियाघर में मौजूद एशियाई शेर, सफेद बाघ, बंगाल बाघ, गेंडा, हाथी और बिलाव को गोद लेने का सालाना खर्च 60 हजार है. जो सबसे ज्यादा है वहीं सबसे कम खर्च वाले जानवरों में जेबरा फिंच है जिसको गोद लेने का खर्च 700 रुपये है. इसके साथ ही तेंदुए को 1 साल के लिए गोद लेने का खर्च 2,25000 रुपये, भारतीय गौर 80,000 रुपये, भेड़िया का सालाना खर्च 1,20,000 रुपये है.

इंडियन जैकाल 2,40, 000 रुपये, धारीदार लकड़बग्घा 3,00000 रुपये, भारतीय सियार 1,20,000 रुपये, उल्लू 12,000 रुपये, पहाड़ी सांप 10,000 रुपये, काला हिरण व हिरण 40,000 रुपये इसके अलावा नीलगाय और सांबर को गोद लेने के लिए सालाना खर्च 40,000 रुपये आयेगा.

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FIRST PUBLISHED :

September 5, 2024, 12:37 IST

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