Last Updated:January 12, 2025, 09:40 IST
Delhi Chunav 2025 and jaat politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और आप के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियां जाट समुदाय पर अपनी नजर टिकाए हुई हैं.
Delhi Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच शह मात का खेल चल रहा है. दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. ऐसे में एक मल्टीकल्चर सोसायटी होने के बावजूद दिल्ली भी जाति की राजनीति से अछूती नहीं है. पिछले दिनों आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इसकी शुरुआत जाट समुदाय के लिए आरक्षण की मांग से की. उन्होंने दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी के दायरे में लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उनके इस पत्र का स्पष्ट मतलब राजधानी के जाट मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करना था.
लेकिन, उनकी इस कोशिश का भाजपा ने शानदार तरीके से जवाब दिया है. पार्टी ने दिल्ली में जाट समुदाय के कई नेताओं को आगे किया है. पार्टी के एक बड़े नेता प्रवेश वर्मा खुद जाट समुदाय से आते हैं. जानकारों का कहना है कि दिल्ली में करीब आठ फीसदी जाट वोटर्स हैं. वे करीब 10 सीटों पर जीत हार को प्रभावित करते हैं. माना जा रहा है कि बीते दो विधानसभा चुनावों में जाट समुदाय ने खुलकर आप का समर्थन किया था. लेकिन, इस बार 2025 के विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग है. आप के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसके पास को बड़ा जाट चेहरा नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री रहे कैलाश गहलोत भाजपा में जा चुके हैं.
भाजपा की रणनीति
दिल्ली मूलतः एक शहरी प्रदेश है. लेकिन, यहां अब भी कुछ गांव बचे हैं. यहां कुल 364 गांव हैं जिसमें से 225 गांव जाट बहुल हैं. ऐसे में भाजपा इस एक बड़े वोटबैंक में सेंधमारी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इसकी झलक टिकट बंटवारे में भी देखने को मिली है. भाजपा ने शनिवार को उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की. इसमें कुल 29 उम्मीदवार हैं. इसमें से छह उम्मीदवार जाट समुदाय से हैं. यानी 20 फीसदी उम्मीदवार जाट हैं. इसमें पांच ब्राह्मण, दो गुर्जर और दो पंजाबी लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है. इससे पहले भी पार्टी ने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. इस तरह कुल 58 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. राजधानी में पांच फरवरी को वोट डाले जाएंगे. आठ फरवरी को वोटों की गिनती हैं.