DNA: आंखों में आंसू लिए परिजनों से लिपट पड़े ... 738 दिन बाद हमास की कैद से छूटे इजरायली बंधक

3 hours ago

डोनाल्ड ट्रंप आज इजरायल में थे. वहां से उन्होंने ईरान के साथ दोस्ती के संकेत दिए. हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी कि इसके लिए ईरान को आतंकवाद का साथ छोड़ना होगा. उन्होंने ईरान को इजरायल से भी दोस्ती करने के लिए कहा. ट्रंप ने ईरान को हमास का उदाहरण देकर समझाया. उन्होंने कहा कि हमास के फैसले से गाजा में शांति होगी. क्योंकि इजरायल ने हमला रोक दिया है. अभी अभी ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने बमबारी नहीं की होती तो गाजा Peace डील नहीं होती.

लंबी तबाही के बाद गाज़ा में भी शांति की उम्मीद बढ़ रही है. लेकिन इस बीच एक ऐसी ख़बर आई, जिससे वहां फिर से अशांति की आहट पैदा कर दी. वहां रहने वाले लोग फिर से डर गए हैं.इसलिए हम गाज़ा के भाग्य में लिखी अशांति का विश्लेषण करेंगे. मगर उससे पहले आपको एक दृश्य देखना चाहिए..जो इजरायल से आया है. एक मां 738 दिनों के बाद अपने बेटे से मिल रही है. मतान उनमें से एक लड़का था, जिसे हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर 2023 को अगवा कर लिया था. मतान की मां 2 साल से अपने बेटे की प्रतीक्षा कर रही थी. आज जब वो प्रतीक्षा पूर्ण हुई तो भावुकता की सारी सीमाएं टूट गईं. 

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Yosef-Chaim Ohana is reunited with his father after two long years. As soon as his father sees him, he shouts, “Shema Israel!” pic.twitter.com/rFhrglmRsl

— MustWatch HQ (@mustwatchHQ) October 13, 2025

परिजनों से लिपटकर रो पड़े हमास से छूटे बंधक 
अब ये दूसरा दृश्य देखिए. ये लड़का भी हमास के चंगुल से छूटकर आया है. जब परिवार से मिला तो भावनाओं का ज्वार उमड़ आया. एक-दूसरे से लिपटकर हर कोई रोने लगा. ये उनलोगों के लिए असाधारण पल है, जिनके अपनों को हमास के लड़ाकों ने बंधक बना लिया. इजरायल के लिए आज खुशी का दिन है. ऐसे 20 इजरायली बंधकों को हमास ने आज छोड़ दिया. वो सब सुरक्षित घर लौटे हैं. जिन्हें इजराइल-हमास के बीच युद्धविराम के तहत रिहा किया गया है.

अभी सिर्फ 20 बंधकों की हुई रिहाई
रिहाई के बाद इन बंधकों के आने की प्रतीक्षा में सुबह से ही उनके परिवार के लोग तेल अवीव में इकट्ठा  हुए थे. तेल अवीव में उत्सव जैसा माहौल था. संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास को उन सभी 48 इजराइली बंधकों को छोड़ना है. मगर अभी 20 जिंदा बंधकों की रिहाई हुई है. जब तेल अवीव में जश्न का माहौल है. और जिस वक्त दो साल बाद इजरायली बंधक वापस लौट रहे हैं. तब डोनाल्ड ट्रंप तेल अवीव में ही थे. उन्होंने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया. ट्रंप ने कहा कि इससे शांति आएगी. उन्होंने इसे युद्ध के अंत के साथ-साथ विश्वास और उम्मीदों के युग की शुरुआत कहा.

ट्रंप का संसद में हुआ विरोध
ट्रंप जब इजराइल के संसद में भाषण दे रहे थे, ठीक उसी दौरान दो सांसदों ने उन्हें बैनर दिखाया.फिलिस्तीन को मान्यता देने की अपील की. इस पर हंगामा हो गया. दोनों सांसदों को बाहर निकाल दिया गया. मित्रों, पिछले 2 साल के भीषण युद्ध में 67 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई. लाखों लोग बेघर हो गए. अब जाकर इजरायल की तरफ से पूरी तरह हमले बंद हो गए हैं. जो समझौता हुआ है, उसके तहत इजरायल 2 हजार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर रहा है. लोगों को नई उम्मीद दिख रही है. लेकिन इस बीच एक ऐसा अशुभ समाचार आया, जिसने गाज़ा के लोगों को और अधिक परेशान कर दिया है.

इजरायल के हमलों के रुकने के बाद नई मुश्किलों में फंसा गाजा?
इजरायल के हमले रुकने के बाद गाजा एक नई मुश्किल में फंसता नजर आ रहा है. गाजा शहर में हमास सुरक्षा बलों और दुघमुश कबीले के सशस्त्र सदस्यों के बीच भीषण झड़प हुई है. गाजा के जॉर्डनियन अस्पताल के पास ये खूनी झड़प हुई है. इसमें दोनों ओर के कम से कम 27 लोग मारे गए हैं. हमास के 8 लड़ाके मरे हैं. जबकि दुघमुश कबीले के 19 लड़ाके मारे गए हैं. इजराइली अभियान रुकने के बाद से यह संघर्ष अब तक के सबसे हिंसक आंतरिक संघर्षों में से एक है. मित्रों,  दुघमुश परिवार गाजा के सबसे प्रमुख कबीलों में से एक है. ये तुर्की मूल का कबीला है. दुघमुश परिवार का हमास के साथ लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहा है. इससे पहले भी दोनों गुटों में झड़पें होती रही हैं.

साल 2007 में हमास ने गाजा पर किया था कब्जा
हमास ने 2007 में जिस फतह को हराकर गाजा पर नियंत्रण हासिल किया, उससे दुघमुश कबीला जुड़ा था. 2008 में हमास ने  दुघमुश कबीला पर हमला किया था जिसमें 10 कबीले के सदस्य मारे गए. जब इजरायल के साथ हमास का युद्ध चल रहा था तब 2024 में  कबीले के नेता सालेह दुघमुश को हमास ने इसलिए मार दिया था क्योंकि उस पर इजरायल की मदद का आरोप लगा था. अब इजरायल और हमास में शांति समझौता हो गया है. मगर जिस तरह हमास और दुघमुश कबीले के बीच टकराव बढ़ा है, उससे गाजा को लोगों के डर को बढ़ा दिया है.

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