Comparison between Russian and US bombers: यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने के लिए सोमवार रात (भारतीय समयानुसार) जब वाशिंगटन में विश्व शक्तियों की बैठक होने वाली थी. तब रूस भी ध्यान लगाकर इस बैठक के नतीजों पर निगाह गड़ाए हुए थे. मीटिंग शुरू होने से पहले रूस ने अपने संहारक बमवर्षक को हवा में उड़ाया और उसका वीडियो भी जारी कर दिया. यह साफ तौर पर रूस की चेतावनी थी कि अगर यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं होता है और युद्ध जारी रखता है तो रूस उसे पूरी तरह बर्बाद करने को तैयार है. जब रूस ने अपने इस महाबली को उड़ाया तो दुनिया दंग रह गई. इसका फर्क बैठक के नतीजों पर भी पड़ा और ट्रंप के दबाव में जेलेंस्की संघर्षविराम की मांग छोड़कर त्रिपक्षीय बैठक को राजी हो गए.
मीटिंग से पहले रूस ने कौन सा महाबली उड़ाया?
अब सवाल उठता है कि रूस ने अपना कौन सा महाबली हवा में उड़ाया था, जिसकी मार से यूक्रेन ही नहीं बल्कि यूरोपीय देश भी सहम गए. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की ओर से उड़ाए बमवर्ष का नाम Tu-95MS है. इसे रूस में "बेयर" (Bear) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक लंबी दूरी का रणनीतिक बमवर्षक विमान है, जो सोवियत संघ द्वारा डिज़ाइन किया गया था. वर्तमान में रूसी वायु सेना भी इस प्लेन का इस्तेमाल कर रही है. इस प्लेन को टुपोलेव डिज़ाइन ब्यूरो की ओर से विकसित किया गया था. यह मुख्य रूप से परमाणु और पारंपरिक हथियारों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है.
अब हम आपको बताते हैं कि रूस का Tu-95MS और यूएस के बमवर्षक B-52 में कौन ज्यादा शक्तिशाली है. असल में Tu-95MS (रूस) और B-52 Stratofortress (संयुक्त राज्य अमेरिका) दोनों शीत युद्ध युग के रणनीतिक बमवर्षक हैं, जो लंबी दूरी, भारी हथियार क्षमता और रणनीतिक मिशनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. दोनों विमानों ने आधुनिकीकरण के माध्यम से अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है, लेकिन उनके डिज़ाइन, प्रौद्योगिकी और परिचालन दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण अंतर हैं.
रूसी-अमेरिकी बमवर्षक में तुलना
ये दोनों विमान बड़े और लंबी दूरी के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. B-52 का विंगस्पैन और वजन थोड़ा अधिक है, जो इसे अधिक पेलोड क्षमता प्रदान करता है. Tu-95MS का टर्बोप्रॉप डिज़ाइन इसे विशिष्ट बनाता है, जबकि B-52 टर्बोजेट इंजनों का उपयोग करता है.
Tu-95MS टर्बोप्रॉप इंजनों के कारण ईंधन-कुशल है, लेकिन धीमा है. B-52H के टर्बोजेट इंजन इसे तेज़ गति और उच्च उड़ान ऊंचाई प्रदान करते हैं. B-52 की रेंज थोड़ी अधिक है, लेकिन दोनों विमान हवाई ईंधन भरने के साथ अंतरमहाद्वीपीय मिशन कर सकते हैं. Tu-95 की विशिष्ट प्रोपेलर ध्वनि इसे आसानी से पहचाने जाने योग्य बनाती है, जबकि B-52 अपेक्षाकृत शांत है.
कौन ज्यादा हथियार ले जा सकता है?
B-52H की पेलोड क्षमता Tu-95MS से अधिक है, जिससे यह भारी और विविध हथियार ले जा सकता है. Tu-95MS मुख्य रूप से क्रूज़ मिसाइलों पर केंद्रित है, जबकि B-52H पारंपरिक बमों, परमाणु हथियारों और स्टैंड-ऑफ मिसाइलों सहित व्यापक हथियार ले जा सकता है. Tu-95MS में रक्षात्मक तोप लगी हैं, जबकि B-52H आधुनिक संस्करण में इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर पर निर्भर करता है.
दोनों विमानों को आधुनिक एवियोनिक्स के साथ उन्नत किया गया है, लेकिन B-52H का CONECT प्रोग्राम इसे अधिक उन्नत डिजिटल संचार और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमता प्रदान करता है. Tu-95MS की प्रणालियां मिसाइल-केंद्रित मिशनों के लिए अनुकूलित हैं, लेकिन B-52H की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां अधिक परिष्कृत मानी जाती हैं.
किस तरह के मिशन में आते हैं काम?
Tu-95MS में अधिक चालक दल की आवश्यकता होती है, जो इसके पुराने डिज़ाइन और जटिल प्रणालियों को दर्शाता है. B-52H ने आधुनिकीकरण के साथ चालक दल को कम किया है.
दोनों विमान रणनीतिक मिशनों के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन B-52H का उपयोग अधिक विविध और वैश्विक रहा है, जिसमें सामरिक बमबारी और सहयोगी मिशन शामिल हैं. Tu-95MS का उपयोग मुख्य रूप से रूस की रणनीतिक शक्ति प्रदर्शन और लंबी दूरी की मिसाइल प्रक्षेपण के लिए होता है.
स्टील्थ क्षमता की दोनों में कमी
दोनों विमान पुराने डिज़ाइन के बावजूद आधुनिकीकरण के कारण लंबे समय तक सेवा में हैं. Tu-95MS की टर्बोप्रॉप तकनीक इसे ईंधन-कुशल लेकिन धीमा बनाती है, जबकि B-52H की जेट तकनीक और व्यापक हथियार विकल्प इसे अधिक बहुमुखी बनाते हैं. दोनों स्टील्थ क्षमता की कमी से जूझते हैं, जिसके लिए वे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और स्टैंड-ऑफ मिसाइलों पर निर्भर करते हैं.
Tu-95MS लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइल प्रक्षेपण और क्षेत्रीय गश्त के लिए अनुकूल है, जबकि B-52H अपनी गति, पेलोड और मिशन लचीलेपन के कारण अधिक बहुमुखी है. दोनों विमान आधुनिक युद्ध में स्टील्थ की कमी से सीमित हैं, लेकिन उनके आधुनिकीकरण और स्टैंड-ऑफ हथियार उन्हें प्रासंगिक बनाए रखते हैं.