Last Updated:January 14, 2025, 13:05 IST
Bihar Politics News:पीएम नरेंद्र मोदी, यूपीए सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जैसे नेता आज सियासत के केंद्र में हैं तो ये अपनी कार्य करने की ऊर्जा के लिए भी जाने जाते हैं. इसी बीच मकर संक्रांति के अवसर पर बिहार में ऐसा वाकया...और पढ़ें
हाइलाइट्स
मकर संक्रांति के अवसर पर चिराग पासवान से पहले ही लोजपा कार्यालय पहुंचे सीएम नीतीश कुमार.लोजपा के प्रवक्ता ने बताया कि चिराग पासवान रास्ते में थे तभी नीतीश कुमार लोजपा ऑफिस पहुंच गए.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सक्रियता और ऊर्जा को लेकर फिर बिहार की राजनीति में चर्चा में आए.पटना. पत्नी को कब तक निहारोगे…लार्सन एंड टूब्रो (Larsen & Toubro (L&T) के अध्यक्ष एसएन सुब्रमण्यम के सप्ताह में 90 घंटे काम की बात को लेकर देश में बहस जारी है. कॉरपोरेट वर्ल्ड से उनके बयान पर कई प्रतिक्रियाएं सामने आईं तो सियासतदानों ने भी तीखे रिएक्शन्स दिये. कॉरपोरेट और राजनीति का एक अन्य वर्ग भी है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत जोड़ो यात्रा करने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की कर्मठता और पंक्चुएलिटी के कसीदे गढ़ते रहे. इसी क्रम में बिहार की राजनीति से एक खबर आई जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसी बहस की कड़ी से जोड़ दिया. चर्चा 74 वर्ष की उम्र में भी उनके एक्टिवनेस को लेकर है, क्योंकी उनके सामने उनसे आधी उम्र के चिराग पासवान की ‘लेट लतीफी’ सामने आ गई.
दरअसल, मौका मकर संक्रांति के अवसर पर लोग जान शक्ति पार्टी (रामविलास) के पार्टी दफ्तर में आयोजित भोज का था. चिराग पासवान के आमंत्रण पर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीम 10:15 के आसपास लोजपा कार्यालय पहुंच गए, लेकिन तब तक पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान नहीं पहुंचे थे. मुख्यमंत्री वहां कार्यकर्ताओं से मिले लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं. दिवंगत रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की और मुख्यमंत्री थोड़ी देर में ही लोजपा कार्यालय से निकल गए. बता दें कि चिराग पासवान ने ही मुख्यमंत्री को भोज का आमंत्रण दिया था, लेकिन वह स्वयं कार्यालय उस वक्त मौजूद नहीं थे जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां पहुंचे.
नीतीश कुमार की सक्रियता और ऊर्जा बना उदाहरण
हालांकि, बाद में लोजपा के प्रवक्ता राजू तिवारी ने इस बात पर सफाई दी कि चिराग पासवान रास्ते में ही थे और मुख्यमंत्री जी समय से थोड़ा पहले आ गए थे. लोजपा के नेता ने बताया कि कार्यक्रम 11:00 बजे का था, लेकिन मुख्यमंत्री 10:15 बजे ही पहुंच गए. ऐसा हो भी सकता है और यह कोई मुद्दा भी नहीं है. लेकिन, जानकार इसको अलग दृष्टि से देखते हैं. वह कहते हैं कि यह इतना भर हो जाना ही बड़ी बात है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर तमाम चर्चाएं और विवाद हो रहे हों उस दौर में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक्टिवनेस काबिले तारीफ है. यह बताता है कि नीतीश कुमार की एक्टिवनेस और पंक्चुएलिटी बताती है कि अभी बिहार के सीएम नीतीश कुमार सियासत के बहुत दौर देखने का माद्दा है.
नीतीश कुमार हर दिन सेट कर रहे Example!
अभी हाल में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर निकले हैं तो अमूमन हर दिन उनका कार्यक्रम पटना से बाहर के जिलों में रहता है. वह कई बार सड़क मार्ग से जाते हैं कई बार हेलीकॉप्टर से भी जाते हैं. जनता से रूबरू होते हैं कई कई किलोमीटर तक कार्यस्थलों का निरीक्षण भी करते हैं. निश्चित तौर पर आज के दौर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जो सक्रियता और ऊर्जा है, वह जबरदस्त है.कड़ाके की ठंड के बीच बिहार यात्रा और मकर संक्रांति के अवसर पर नीतीश कुमार की सक्रियता ने उनकी ऊर्जा और कार्य करने की क्षमता को एक बार फिर स्थापित किया है. यह राजनेताओं के उस दौर की कहानी कहता है जिस दौर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के जैसे नेता आते हैं.
उस दौर और इस दौर के नेताओं की चर्चा!
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी कहा जाता है कि उन्होंने जब से प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है तब से एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है. उनके सोने का भी समय बेहद कम, करीब चार घंटे से भी कम का होता है. इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ भी जुड़ते हैं जिनकी सक्रियता अभी महाकुंभ के आयोजन में साफ दिख रही है. वह टेंट में अपना कार्यालय बनाकर महाकुंभ स्थल पर स्वयं मौजूद रहते हैं. कांग्रेस सासंद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपनी जिजीविषा और जीवटता का उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसकी प्रशंसा होती है.
बड़ी लकीर खींच रहे नीतीश कुमार
वहीं, दूसरी ओर चिराग पासवान का मुख्यमंत्री के आने के समय तक लोजपा कार्यालय नहीं आना भले बड़ी बात राजनीति के लिहाज से नहीं हो, लेकिन आज के दौर के नेताओं और पुराने दौर के नेताओं की सक्रियताओं को लेकर नई बहस तो जरूर छेड़ दी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लेकर भी कई बार सवाल उठते रहे हैं वह अपने विधानसभा क्षेत्र में भी कभी-कभार ही दिखते हैं. उनको ‘ट्विटर वाला नेता’ की संज्ञा भी कई बार बिहार की राजनीति में दी जाती है. बहरहाल, बहस तो बहुत हो सकती है, लेकिन जानकारों की नजर में इस उम्र में भी नीतीश कुमार बड़ी लकीर खींचते नजर आ रहे हैं.
First Published :
January 14, 2025, 13:05 IST