इंडिया के राफेल फाइटर पायलट्स ने दिखाया कैसे वो हैं बेजोड़,दुनिया ने माना लोहा

6 hours ago

इंडियन एय़र फोर्स को रॉफेल फाइटर जेट मिले मुश्किल से तीन साल भी नहीं हुए हैं लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह भारतीय फाइटर पायलट्स ने पाकिस्तान के खिलाफ जांबाजी दिखाई, उसके बाद कई देश मानने लगे हैं कि भारत के राफेल फाइटर पायलट दुनिया में बेस्ट हैं. उनकी क्षमता गजब की है. हालांकि आपको बता दें कि राफेल को उड़ाने में बहुत आसान विमान नहीं माना जाता.

बहुत कम समय में ही भारत के फाइटर पायलट ने दुनिया के इस शानदर फाइटर जेट पर अपना कंट्रोल स्थापित कर दिखा दिया कि वो इसे उड़ाने में भी जबरदस्त हैं. भारत के राफेल फाइटर पायलट्स ऐसे  अनुभवी, दक्ष और स्पेशल ट्रेनिंग प्राप्त पायलट्स में गिने जाते हैं, जो देश के दूसरे फाइटर जेट को उड़ाने में महारथी माने जाते रहे हैं. इनका सेलेक्शन कड़े मानकों पर होता है.

भारत के पायलट्स को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलट्स में माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्रांस और अन्य देशों ने भारतीय पायलटों के कौशल की सराहना की है. भारत के राफेल पायलट्स इंटरनेशऩल रिहर्सल में हिस्सा लेते हैं. जिसमें रेड फ्लैग एक्सरसाइज (अमेरिका) और इंडो-फ्रेंच वारगेम्स शामिल हैं.

फ्रांस और अमेरिका के सामने साबित कर चुके हैं
फ्रेंच वायुसेना के पास राफेल का अधिक अनुभव है, लेकिन IAF के पायलट्स ने कम समय में ही इस पर भरपूर पकड़ बना ली. वैसे राफेल को हमारे यहां की स्थितियों के हिसाब से भी मोडिफाई किया गया है, जिसमें हिमालय जैसे दुर्गम और ठंडे इलाकों में उड़ना और आपरेशन को अंजाम देना है तो राजस्थान के तपते हुए रेगिस्तान भी हैं.

कम संसाधनों में बेहतरीन रिजल्ट देते हैं
भारतीय पायलट्स हमेशा से कम संसाधनों में भी जबरदस्त रिजल्ट देते रहे हैं. वो दिखा चुके हैं कि कैसे वो मिग-21 के साथ भी ताकतवर F-16 को मात दे सकते हैं. फिर राफेल + सुखोई-30MKI + तेजस का मिलाजुला उपयोग IAF को एक अनोखी रणनीतिक शक्ति देता है.

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आपरेशन की तैयार बेस पर खड़े भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट. मिशन के लिए पूरी तरह तैयार. (News18 AI)

दुनिया के टॉप 5 लडाकू पायलटों में
भारत के राफेल पायलट्स दुनिया के टॉप-5 लड़ाकू पायलटों में गिने जाते हैं. राफेल स्क्वाड्रन के लिए वही पायलट चुने जाते हैं जो पहले से ही Su-30MKI, Mirage-2000, या MiG-29 जैसे मल्टी-रोल फाइटर जेट्स में मास्टरी रखते हों. साथ ही जिनके पास हाई-ऑल्टिट्यूड, एयर-टू-एयर कॉम्बैट, और एयर-टू-ग्राउंड मिशन का अनुभव हो.

सवाल – क्या राफेल पायलट्स भारत के सर्वश्रेष्ठ हैं?
– हां ये IAF के टॉप-क्रीम पायलट्स हैं, जिन्हें सख्त चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

सवाल – क्या नए पायलट सीधे राफेल उड़ा सकते हैं?
– नहीं. पहले उन्हें मिग-21, हॉक ट्रेनर या तेजस पर अनुभव लेना होता है.

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भारत के राफेल फाइटर पायलट्स को दुनिया के बेस्ट फाइटर पायलट्स में गिना जाता है. (News18AI)

भारत के पास कितने राफेल फाइटर पायलट
भारतीय वायुसेना के पास इस समय 36 राफेल विमान हैं. अभी करीब 36 राफेल जेट और आने हैं. इन्हें उड़ाने वाले पायलटों की संख्या करीब 50-60 के आसपास है. भारतीय वायुसेना आमतौर पर हर फाइटर जेट के लिए 1.5 से 2 पायलट ट्रेन करती है ताकि ऑपरेशनल लचीलापन बना रहे.

फ्रांस में होती है बेसिक ट्रेनिंग
राफेल के लिए हर पायलट को फ्रांस में बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है. वहां मेरिग्नेक एयर बेस (फ्रांस) पर 5-6 महीने का प्रशिक्षण मिलता है. अब तक हमारे ज्यादातार पायलट ये ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं. उसके बाद वो भारत आकर एडवांस्ड ट्रेनिंग में शिरकत करते हैं. यहां भी ट्रेनिंग की वो सुविधाएं और संरचना विकसित की गई है, जैसी फ्रेंच मेरिग्नेक बेस पर है. ये ट्रेनिंग नियमित तौर पर अंबाला एयर बेस (17 स्क्वाड्रन गोल्डन ऐरोज़) और हसीमारा एयर बेस (101 स्क्वाड्रन फाल्कन्स) में चलती रहती है.

महिलाएं भी इस स्क्वाड्रन में
भारत के जो फाइटर पायलट राफेल उड़ा रहे हैं, उनमें से ज्यादातर सुखोई-30MKI, मिराज-2000 या मिग-29 उड़ाने का जबरदस्त अनुभव पहले से रखते हैं. चूंकि भारत को अभी करीब 36 राफेल फाइटर जेटऔर मिलेंगे, लिहाजा इस साल के आखिर तक भारत राफेल को उड़ाने वाले पायलटों की संख्या में 80 से 100 की बढ़ोत्तरी कर लेगा. केवल पुरुष ही नहीं बल्कि हमारी वायुसेना की कुछ महिलाएं भी राफेल उड़ाने में सक्षम हैं.

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भारतीय वायुसेना पहले अपने पायलटों को राफेल की बेसिक ट्रेनिंग फ्रांस में दिलाता है और फिर भारत के दो एयरबेस पर उनकी एडवांस ट्रेनिंग चलती रहती है. (News18 AI)

कैसे मिलती है ट्रेनिंग
पहले फ्रांस में बेसिक ट्रेनिंग
– भारतीय पायलटों को फ्रांस के मेरिग्नेक एयर बेस पर डसॉल्ट एविएशन के विशेषज्ञों द्वारा ट्रेंड किया गया है. इसमें सिमुलेटर सेशन, लड़ाकू मिशन प्लानिंग और एडवांस्ड डॉगफाइटिंग तकनीक शामिल थीं.
– पायलटों ने 200+ घंटे की उड़ान भरकर राफेल की सभी क्षमताओं को समझना होता है और उन पर पकड़ हासिल करनी होती है.

फिर भारत में एडवांस्ड ट्रेनिंग
– IAF ने अंबाला एयर बेस और हसीमारा एयर बेस में राफेल पायलट्स के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलता रहता है
– इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, बेयॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल ऑपरेशन और मल्टी-रोल मिशन पर फोकस किया जाता है
– राफेल एक मल्टी-रोल फाइटर है, इसलिए पायलट्स को एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और रिकॉन मिशन के लिए तैयार किया जाता है
– स्पेक्ट्रा EW सिस्टम का उपयोग करके दुश्मन के रडार से बचने की ट्रेनिंग दी जाती है
– राफेल कम रडार सिग्नेचर वाला विमान है, इसलिए पायलट्स को लो-अल्टीट्यूड पैठ (Terrain Masking) और सुपरसोनिक स्पीड का उपयोग करने का प्रशिक्षण मिलता है.
– मीटियोर मिसाइल (150+ km रेंज) का उपयोग करते हुए “शूट-एंड-स्कूट” रणनीति अपनाई जाती है।
– डॉगफाइटिंग के लिए हाई-जी मैन्युवर्स और ऑफ-बोरस साइट (HOBS) मिसाइल तकनीकें सिखाई जाती हैं.

क्या है भारतीय राफेल पायलट्स की खासियत
– आपरेशन सिंदूर में भारत के राफेल पायलट्स ने 100 फीसदी मिशन सफलता दर हासिल की
– ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन चीन स्टैंडऑफ में राफेल ने लद्दाख में चीन के साथ तनाव के दौरान एयर डोमिनेंस साबित किया.
– नाइट ऑपरेशन्स में माहिर हैं. लांग रेंज नाइट स्ट्राइक करने की क्षमता उनके अंदर है.ये बात भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में साबित कर दी.

आसान नहीं राफेल उड़ाना
राफेल एक मध्यम-कठिनाई वाला फाइटर जेट है, जो नए पायलटों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अनुभवी पायलटों के लिए यह एक “ड्रीम मशीन” की तरह है. राफेल का FBW सिस्टम स्वचालित रूप से विमान को स्थिर रखता है, जिससे पायलट को बेसिक फ्लाइंग में कम मेहनत करनी पड़ती है. F-16 और ग्रिपेन की तरह ही यह यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करता है.
– स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम दुश्मन के थ्रेट्स को ऑटोमेटिकली हैंडल करता है, जिससे पायलट का काम आसान हो जाता है।
– एक ही सॉर्टी में एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशन स्विच करना आसान है.
– इसकी हाई-स्पीड और एग्रेसिव मैन्युवर्स इसे काबू करना मुश्किल बनाते हैं.
– एक साथ मल्टीपल टारगेट्स को ट्रैक करना नए पायलटों के लिए आसान नहीं होता, क्योंकि थ्रॉटल और स्टिक (HOTAS) कंट्रोल्स को मास्टर करने में समय लगता है.
– राफेल एक “Omnirole” फाइटर है, मतलब एक ही मिशन में ये एयर डॉमिनेशन, इंटरसेप्शन, प्रिसिशन स्ट्राइक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और रीकॉन सभी कर सकता है.

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