जम्मू-कश्मीर में आज इंडिया गठबंधन की सरकार बन गई. उमर अब्दुल्ला भी दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए. कश्मीर घाटी में 70 साल बाद अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार किसी सीएम ने भारत के संविधान की शपथ ली है. हालांकि इस दौरान सबके मन में सवाल यह उठा रहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस सरकार में क्यों नहीं है? कांग्रेस का उमर सरकार से बाहर होना क्या गठबंधन में खटपट की आहट है?
मतलब सोचिए जो कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने का जश्न मना रही थी, वह सरकार में शामिल क्यों नहीं हुई? बीजेपी कह रही है कि क्षेत्रीय पार्टियां भी अब कांग्रेस को जगह दिखा रही है. आज ये सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. राज्य की 90 सीटों में दोनों के बीच 83 सीटों पर गठबंधन हुआ था. आज गठबंधन की सरकार भी बन गई. उमर अब्दुल्लाह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. राज्य में गैर भाजपा सरकार में पहली बार एक हिंदू को उप मुख्यमंत्री भी बनाया गया.
उमर अब्दुल्लाह कैबिनेट में हर समीकरण को जगह दी गई है. हर क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिला है. अगर किसी को कुछ नहीं मिला है, तो वो है कांग्रेस… यानी सरकार के शपथ समारोह में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ राहुल, प्रियंका और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तो दिखे, लेकिन सरकार में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं दिखा.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर उमर अब्दुल्ला को बधाई देते हुए पोस्ट किया, लेकिन इसमें उनकी एक टीस भी दिखाई दी. राहुल गांधी ने लिखा, ‘मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई. हालांकि, राज्य का दर्जा दिए बिना सरकार का गठन आज अधूरा लग रहा था. जम्मू-कश्मीर के लोगों से लोकतंत्र छीन लिया गया था और आज हम राज्य का दर्जा पूरी तरह से बहाल होने तक अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेते हैं.’
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FIRST PUBLISHED :
October 16, 2024, 22:07 IST