Who is Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ करने वाले पुलिस अधिकारियों ने कई खुलासे किए हैं. अधिकारियों ने ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : October 16, 2024, 18:42 ISTहाइलाइट्स
साल 2022 में पंजाब के मानसा गांव में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्यासाल 2023 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या लॉरेंस कभी जेलों के अंदर अकेले नहीं रखा गया, इसलिए वह अपने साथी कुख्यात गैंगस्टरों के साथ घुलमिल गया.
चंडीगढ़. बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में एजेंसियों से लेकर आम आदमी में जुबान पर बस एक ही नाम है वो है लॉरेंस बिश्नोई. लॉरेंस बिश्नोई इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है और बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में ये तो साफ हो चुका है कि इस क्राइम के पीछे भी लॉरेंस बिश्नोई ही है. लॉरेंस बिश्नोई दो सालों में 3 बड़े मर्डर केस की वजह से देश में ही नहीं कनाडा में भी वॉन्टेड है. साल 2022 में पंजाब के मानसा गांव में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, 2023 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और हाल ही में मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या करवाने का आरोप लॉरेंस बिश्नोई पर ही है.
अब लोग ज्यादा से ज्यादा लॉरेंस बिश्नोई के बारे में जानना चाहते हैं. लोगों के सबसे ज्यादा जो सवाल हैं कि यह है कि क्या लॉरेंस बिश्नोई का कोई गुरु है? और लॉरेंस बिश्नोई किसे सबसे बड़ा हीरो मानता है. हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, उसने लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ करने वाले अफसरों से बात की है. एक डीएसपी ने नाम न छापने की शर्ते पर बताया है कि पूछताछ के दौरान जब भी वह नए चेहरे वाले गैंगस्टर के पास पूछताछ के लिए जाता था तो उसे हमेशा से पता होता था कि उसे क्या बनना है? उन्होंने एचटी को बताया कि कई अन्य गैंगस्टर के उलट बिश्नोई का अपराध की दुनिया में कोई गुरु नहीं है. वह खुद को ही अपना सबसे बड़ा हीरो मानता है.
गैंगस्टरों के साथ घुलमिल गया बिश्नोई
वहीं बिश्नोई से तीन बार पूछताछ करने वाले एक एसएसपी रैंक के अधिकारी ने कहा कि उसने बुड़ैल, बठिंडा, पटियाला, तिहाड़ और राजस्थान और गुजरात की जेलों में काफी समय बिताया है, क्योंकि उसे कभी जेलों के अंदर अकेले नहीं रखा गया, इसलिए वह अपने साथी कुख्यात गैंगस्टरों के साथ घुलमिल गया. नाम न बताने की शर्त पर इस अधिकारी के अनुसार, पंजाब के बहुत से युवा विदेश में बसे हुए हैं और बिश्नोई ने उन्हें अपने काम में लगाने का तरीका निकाल लिया है.
बिश्नोई किसी देश में कोई भी काम कर सकता है
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि बिश्नोई के गिरोह में निश्चित संख्या में सदस्य हैं. मुझे याद है कि बिश्नोई ने हमसे कहा था कि वह किसी भी देश में कोई भी काम कर सकता है, जहां भारत के युवा बसे हुए हैं. पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, बिश्नोई के करीबी सहयोगी संपत नेहरा हरियाणा में ऑपरेशन की देखरेख करता है, जबकि गोल्डी बरार, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में रहता है. भारत के बाहर और पंजाब में ऑपरेशन की देखरेख करता है. दीपक कुमार उर्फ टीनू, रविंदर उर्फ काली राजपूत और संदीप उर्फ काला जठेरी, बिश्नोई के अन्य करीबी सहयोगी हैं. बरार को छोड़कर बाकी सभी जेल में हैं.
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लॉरेंस बिश्नोई ने क्यों की मूसेवाला की हत्या
माना जा रहा है कि मूसेवाला की हत्या 2021 में बिश्नोई के एक दोस्त की हत्या का बदला है. रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस का आरोप है कि निज्जर की हत्या भारतीय राज्य के इशारे पर की गई थी और पुलिस सिद्दीकी की हत्या में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के पहलू की जांच कर रही है. यह बात दिलचस्प है कि 32 साल का बिश्नोई, जो अभी जेल में है दो देशों में 3 क्राइम केस में शामिल रहा है, लेकिन यह बात उतनी दिलचस्प नहीं है, जितनी यह कि उसने यह सब जेल में रहते हुए किया है. जहां वह पिछले 10 सालों से है, जब वह 22 वर्ष का था.
छात्र नेता से बना गैंगस्टर
10 सालों में बिश्नोई एक छात्र नेता से एक छोटे गैंगस्टर बन गया. जो देखते ही देखते दुनियाभर के एक गिरोह का नेता बन गया, जिसका नेटवर्क कनाडा, जर्मनी और अमेरिका तक फैला हुआ माना जाता है. यह एक ऐसा दशक है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और मध्य प्रदेश में उसके खिलाफ लगभग चार दर्जन मामले दर्ज किए गए हैं. लॉरेंस एक संपन्न जमींदार परिवार में जन्मा. बिश्नोई 19 साल की उम्र में फाजिल्का के सीमावर्ती गांव से चंडीगढ़ आ गया. वह वहां पढ़ाई करने गया था और जल्द ही छात्र राजनीति में आ गया. छात्र राजनीति में आते ही लॉरेंस का कानून व्यवस्था के साथ टकराव शुरू हो गया था. उसी साल लॉरेंस के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया. बेशक, चंडीगढ़ और मोहाली में उनके खिलाफ पहले मामले छात्र राजनीति का नतीजा थे, लेकिन उन्होंने ही लॉरेंस की क्राइम की दुनिया में एंट्री की नींव रखी.
लॉरेंस की क्राइम हिस्ट्री
साल 2011 में, युवा अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा (अब दिवंगत) ने पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (एसओपीयू) के अध्यक्ष के रूप में लॉरेंस बिश्नोई के नाम की घोषणा की. बिश्नोई ने साल 2021 में हुई अपने दोस्त की हत्या का बदला मूसेवाला को निशाना बनाकर लिया. हालांकि लॉरेंस के दोस्त की हत्या के मामले में पुलिस जांच में गायक की भूमिका की ओर इशारा नहीं किया गया था. साल 2013 तक बिश्नोई संगठित अपराध की दुनिया में पैठ बना चुका था. खास तौर पर सुरक्षा देना और जबरन वसूली के रैकेट के साथ टारगेट किलिंग के मामले शामिल थे. लेकिन 2014 तक वह जेल में था.
वास्तव में, उसका अधिकांश जीवन सलाखों के पीछे ही बना. इसमें से कुछ बड़े नामों के पीछे जाने की उसकी इच्छा से भी मदद मिली है. साल 2018 में, वह काले हिरण के शिकार के लिए अभिनेता सलमान खान को मारने की धमकी देकर राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था. बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 16, 2024, 18:42 IST