UP उपचुनाव में दिखेंगे मोदी-शाह... या केवल CM योगी ही दिखाएंगे दम?

2 hours ago

लखनऊ. यूपी की 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कई नेताओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. यह उपचुनाव साल 2029 की राजनीति भी तय कर सकती है. क्योंकि, 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2029 में लोकसभा चुनाव होंगे. ऐसे में अगर 9 सीटों पर अपेक्षा के अनुरुप नंबर नहीं आए तो बीजेपी की प्रदेश की राजनीति में बड़ा फेरबदल से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. कहा तो ये भी जा रहा है कि राज्य की राजनीति में कई बीजेपी नेताओं की अग्निपरीक्षा यह चुनाव करने जा रही है. यह चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ राज्य के दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के लिए भी चुनौती वाला साबित हो सकता है.

यह उपचुनाव सीएम योगी की कार्यकुशलता के साथ-साथ उनकी राष्ट्रीय नेता के तौर पर भी स्थापित होने का शानदार मौका दे सकता है. अगर योगी कामयाब होते हैं तो आने वाले दिनो में सारे विरोध दब जाएंगे. लेकिन, पार्टी का प्रदर्शन आशा के मुताबिक नहीं रहता है तो केंद्रीय नेतृत्व सवाल-जवाब कर सकती है. क्योंकि, बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी की अपेक्षा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं होने पर काफी आलोचना हुई थी. लोकसभा में हुई गलती को सुधारने के लिए स्टेट बीजेपी लीडरशिप के पास यह बढ़िया मौका है. सीएम योगी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो दबी जुबान में हो रही आलोचनाओं पर विराम लग जाएगा.

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बीजेपी सूत्रों की मानें तो बीजेपी आलाकमान का इस उपचुनाव में सीधे तौर पर कोई दखल नहीं दे रही है. स्टेट लीडरशिप ही प्रत्याशी तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बीजेपी आलाकमान सिर्फ उन नामों को हरी झंडी दे रही है, जिसे स्टेट ने फाइनल किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि स्टेट बीजेपी की सिफारिश पर ही टिकट मिलेगा और हार की जिम्मेदारी भी स्टेट लीडरशिप पर ही तय होगी.

सीएम योगी और बीजेपी दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और रिजल्ट 23 नवंबर को आएंगे. यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने थे लेकिन, एक सीट मिल्कीपुर पर चुनाव नहीं हो रहे हैं. राज्य की सीसामऊ, कटेहरी, करहल, कुंदरकी, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर और मीरापुर विधानसभा सीटों पर पर जोर आजमाइश शुरू हो गई है. इन 9 सीटों में से 5 सीटें पर एसपी की कब्जा था. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद और खैर सीट पर बीजेपी का कब्जा था. एक सीट मीरापुर विधानसभा सीट आरएलडी की थी, जो एसपी के साथ रहकर जीती थी. लेकिन, लोकसभा चुनाव में अब बीजेपी के साथ आ गई. वहीं, झवां सीट निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

क्या कहते हैं जानकार
यूपी की राजनीति
को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘देखिए, यूपी की इन 9 सीटों पर चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए भी अहम साबित होगा. सीएम योगी जहां लोकसभा चुनाव की हार को 9 सीटों को जीताकर खुशी में बदलने के लिए उतावले हैं तो वहीं, सपा प्रमुख पर अपने रिश्तेदारों को जितवाने का दबाव होगा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कि पांच सीट एसपी के पास थी, ऐसे में दबाव बीजेपी पर है. लोकसभा चुनाव में 62 से 33 सीटों पर आने का गम सीएम योगी 9 की 9 सीट जीत दिलाकर धो सकते हैं. लेकिन, अगर अगर उसमें सीएम योगी कामयाब नहीं होते हैं तो बीजेपी में मंथन का दौर शुरू हो जाएगा.’

बीजेपी इन 9 सीटों में से 8 सिर्फ सीट पर चुनाव लड़ेगी. मीरापुर आरएलडी के खाते में गई है. बीते कई दिनों से यूपी के कई मंत्रियों का 10 सीटों पर दौरा चल रहा था. सीएम योगी आदित्यनाथ करहल और मिल्कीपुर की सीट को लेकर विशेष तैयारी कर रखी थी. हालांकि, मिल्कीपुर में तो चुनाव बाद में होंगे लेकिन, सीएम योगी की तैयारी परीक्षा करहल में जरूर होगी. करहल विधानसभा सीट यादव-मुस्लिम बहुल सीट है, जिस पर सीएम योगी की नजर है.

Tags: Assembly bypoll, Cm yogi adityanath news, UP Assembly Election

FIRST PUBLISHED :

October 16, 2024, 17:06 IST

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