उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग की सनक से पूरी दुनिया वाकिफ है. एक बार फिर किम जोंग उन ने बेखौफ होकर वही काम किया है, जिसके लिए अमेरिका हर बार उसे रोकता है. उत्तर कोरिया ने मंगलवार को पूर्वी सागर की ओर कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. दक्षिण कोरियाई सेना ने यह दावा किया. यह कार्रवाई अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से कुछ ही दिन पहले की गई है. वह 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने उत्तर कोरिया के जगांग प्रांत के गंग्ये इलाके से सुबह करीब 9:30 बजे मिसाइलें दागी गईं. मिसाइलें समुद्र में गिरने से पहले करीब 250 किलोमीटर तक उड़ीं. जेसीएस ने दागी गई मिसाइलों की संख्या नहीं बताई. मंगलवार के प्रक्षेपण प्योंगयांग की तरफ से दूसरी उकसावे वाली कार्रवाई है.
इससे पहले 6 जनवरी को उसने हाइपरसोनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी. छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज को देखते हुए आमतौर पर इन्हें दक्षिण कोरिया के लिए खतरा मना जाता है. उत्तर कोरिया ने पिछले साल 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से कुछ ही घंटे पहले कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं.
साल के अंत में आयोजित पार्टी बैठक में उत्तर कोरिया ने ऐलान किया कि वह अमेरिका के प्रति 'सबसे कठोर' जवाबी कार्रवाई की रणनीति अपनाएगा. उसने दावा किया कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के बीच सैन्य सहयोग दरअसल 'आक्रामकता के लिए एक सैन्य गुट' है. जेसीएस ने नवीनतम प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे 'स्पष्ट' उकसावे वाला कदम बताया, जो कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता के लिए खतरा है.
जेसीएस ने कहा, "हमारी सेना ने अपनी निगरानी और सतर्कता को मजबूत कर दिया है, साथ ही उत्तर कोरियाई मिसाइल के बारे में जानकारी को अमेरिका और जापानी पक्षों के साथ साझा किया है और पूरी तरह से तैयार रहने की मुद्रा बनाए रखी है." दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने उत्तर कोरिया के नवीनतम प्रक्षेपण की निंदा की. उन्होंने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन बताया. इनपुट आईएएनएस से भी