केंद्र ने लद्दाख में क्यों बनाए 5 नए जिले, अब देश में कुल कितने डिस्ट्रिक्ट्स

3 weeks ago

हाइलाइट्स

लद्दाख का कुल क्षेत्रफल भारत के कई राज्यों से कहीं ज्यादा है. अब तक इसमें केवल दो जिले ही थेयहां बनने वाले सभी पांच जिलों का अपना महत्व है कोई पर्यटन के तौर पर बेहतर तो कई सांस्कृतिक लिहाज से कोई भी राज्य अपनी विधानसभा में प्रस्ताव पास करके नए जिले बना सकता है

– कश्मीर का क्षेत्रफल 42,241 (कुल 222,236 वर्ग किमी – लद्दाख का क्षेत्रफल 59,146 वर्ग किमी
(वैसे लद्दाख का कुल क्षेत्रफल 166,698 है, जिसका बड़ा हिस्सा अवैध तरीके से पाकिस्तान और चीन ने दबाया हुआ है. यही हाल कश्मीर का भी है, जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान ने कब्जाया हुआ है)
– जम्मू-कश्मीर 20 जिले – लद्दाख के पास अब 7 जिले (05 नए बने)
– मौजूदा क्षेत्रफल के लिहाज से भी लद्दाख कई भारतीय राज्यों से कहीं ज्यादा बड़ा है. मसलन – हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, केरल, दिल्ली और नार्थ ईस्ट के सभी राज्य

वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके उसे केंद्रशासित क्षेत्र घोषित किया था. अब केंद्र ने लद्दाख में 5 नए जिले बनाने की घोषणा की है, जिसकी मांग वहां लंबे से की जा रही थी. जाहिर सी बात है कि इससे लद्दाख के विकास को पंख लगेंगे. हाल फिलहाल लद्दाख में उसकी अनदेखी के कारण काफी नाराजगी थी. हालांकि नया जिला बनना अपने आपमें लंबी प्रक्रिया है. इसे हरकत में आते आते समय लग जाता है. अगर सियासी नफानुकसान के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को इसका लाभ मिलना चाहिए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 26 अगस्त को ये घोषणा की कि लद्दाख में 5 नए जिले बनाए जा रहे हैं. इसे जोड़कर अब वहां कुल सात जिले हो जाएंगे. अब तक वहां के दो जिले लेह और कारगिल थे. नए जिलों के नाम ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे, जो अभी यहां के कस्बे हैं.

सवाल – लद्दाख में 5 नए जिले बनाते हुए केंद्र सरकार ने इसके बारे में क्या कहा?
– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख में पांच नए जिलों के सृजन की घोषणा की गई. उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य क्षेत्र में शासन और विकास को बढ़ाना है, यह सुनिश्चित करना है कि प्रशासन के लाभ स्थानीय आबादी तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचें. इससे स्थानीय शासन को मजबूत होगा और लद्दाख के निवासियों के लिए प्रचुर अवसर पैदा होंगे.

सवाल – क्यों लद्दाख के लिए नए जिले बनाना बहुत जरूरी था?
–  लद्दाख भारत के कई राज्यों से क्षेत्रफल के लिहाज से बहुत बड़ा है. लिहाजा केवल दो जिलों के ही होने से यहां कामकाज से लेकर तमाम चीजों के लिए लोगों को काफी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता था. क्योंकि यहां दूरियां ज्यादा हैं और जीवन मुश्किल. लिहाजा नए जिले बनाना यहां की बड़ी जरूरत थी. ऐसा करने से यहां लोगों का जीवन ना केवल आसान होगा बल्कि विकास को भी तेजी मिलेगी.

सवाल – लद्दाख के लोग लंबे समय से इस क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे. वो क्या होती है?
– लद्दाख के स्थानीय नेता और संगठन लंबे समय से अधिक स्वायत्तता और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के साथ उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे. हालांकि ये मांग पूरी नहीं हुई है लेकिन नए जिलों के सृजन से अधिक स्वशासन और आदिवासियों की सुरक्षा मिलेगी.

फिलहाल भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में पूर्वोत्तर भारत के चार राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं. छठी अनुसूची को साल 1949 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244(2) और 275(1) के तहत लागू किया गया था. इसका मकसद, स्वदेशी और आदिवासी समूहों की रक्षा करना और उन्हें स्वायत्तता देना है. छठी अनुसूची के तहत कुछ जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्त संस्थाओं के रूप में प्रशासित किया जाता है. इन संस्थाओं को स्वायत्त ज़िला परिषद (ADC) कहा जाता है. इन परिषदों को राज्य के अंदर विधायी, न्यायिक, और प्रशासनिक स्वायत्तता दी जाती है.
– असम, मेघालय, और मिजोरम में तीन-तीन स्वायत्त ज़िला परिषदें हैं, जबकि त्रिपुरा में एक है.
– छठी अनुसूची के तहत, परिषदों को स्थानीय जनजातीय आबादी के प्रथागत कानूनों को संहिताबद्ध करने की ज़िम्मेदारी दी गई है.

सवाल – पांच नए जिले कब तक बनेंगे?
– अगर रिपोर्ट्स की मानें तो लद्दाख में इन पांच नए जिलों को हरकत में आने और प्रशासनिक इकाइयों के अनुसार काम करने में अभी 04 साल लगेंगे. यानि नए जिलों की योजना पूरी तरह से वर्ष 2028 से अमल में आ पाएगी. हालांकि इसके बाद अलग प्रशासनिक इकाइयों की स्थापना के साथ स्थानीय शासन को भी ताकत मिलेगी. ये इलाके में आर्थिक विकास कार्यक्रमों और लोक कल्याण योजनाओं को असरदार बनाएगा. लोगों तक सेवाओं की बेहतर पहुंच हो पाएगी. लोगों के काम जल्दी निपटाए जा सकेंगे. नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. बेहतर बुनियादी ढांचा बनने पर हर जिला निवेश आकर्षित कर पाएगा.

सवाल – इन नए बनने वाले पांच जिलों की अपनी क्या खासियतें हैं?
– लद्दाख में जो पांच नए जिले बनाए गए हैं. उन सबकी अपनी खासियतें हैं.
ज़ांस्कर- लद्दाख के दक्षिणी भाग में स्थित ज़ांस्कर अपने हैरान करने वाले दृश्यों और बौद्ध मठों के लिए जाना जाता है. यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है. मुख्य रूप से बौद्ध बहुलता वाला इलाका है.
द्रास – अक्सर दुनिया में सबसे ठंडे बसे हुए स्थानों में ये एक है. द्रास नियंत्रण रेखा के पास स्थित है. यह अपने सामरिक सैन्य महत्व और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है.
शाम – इस जिले में कई गांव शामिल हैं. यह अपनी कृषि गतिविधियों और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. शाम क्षेत्र को पर्यटन और कृषि क्षमता के लिए पहचाना गया है.
नुब्रा – लद्दाख के उत्तरी भाग में स्थित, नुब्रा रेत के टीलों और नुब्रा घाटी सहित अपने अद्वितीय नजारों के लिए प्रसिद्ध है. ये लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है.
चांगथांग – इस जिले की विशेषता इसके उच्च ऊंचाई वाले पठार हैं. यह चांगपा खानाबदोश समुदाय का घर है. यह क्षेत्र अपनी जैव विविधता और पारंपरिक देहाती जीवन शैली के लिए जाना जाता है.

सवाल – लद्दाख कब से कब तक जम्मू कश्मीर का हिस्सा रहा?
– लद्दाख 1947 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था, उसके बाद ये अलग प्रशासनिक इकाई बन गया. लद्दाख भारत का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है. साथ ही सबसे कम आबादी वाला क्षेत्र भी. इसका अधिकतर हिस्सा 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर है. अब तक यहां दो जिले कारगिल और लेह थे. लेह बड़ा शहर है. यहां मुख्य तौर पर मुस्लिम, बौद्ध और हिंदू रहते हैं.

सवाल – देश में नए जिलों को बनाने की प्रक्रिया क्या है, इसका अधिकार राज्य के पास है या देश के पास?
– अगर किसी राज्य में नए जिले बनाना है कि इसके लिए राज्य विधानसभा में कानून पारित करके इसे बनाया जा सकता है. केंद्र शासित प्रदेश में ऐसा करने का काम केंद्र सरकार करती है. राज्यों में नए जिलों के निर्माण में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है. हालांकि जब कोई राज्य किसी जिले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है तो इसमें गृह मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होती है. ऐसे मामलों में राज्य सरकार गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजती है, जो फिर कई मंत्रालयों और विभागों से इसकी मंजूरी मांगता है. जब मंत्रालयों और विभागों से जवाब आ जाते हैं तो केंद्र सरकार एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करती है, जिससे राज्य को जिले का नाम बदलने की अनुमति मिल जाती है.

सवाल – लद्दाख में पांच नए जिलों के सृजन के बाद देश में कुल कितने जिले हो जाएंगे?
– 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 593 जिले थे. 2001-2011 के बीच राज्यों द्वारा 46 नए जिले बनाए गए. 21 जून 2024 तक देश में 788 जिले थे. अगर लद्दाख के पांच जिले हरकत में आ गए तो कुल जिलों की संख्या 793 हो जाएंगे. इसमें सबसे अधिक जिले उत्तर प्रदेश में हैं, इनकी संख्या 75 है. जिलों की संख्या में बढोतरी मुख्य तौर पर 2014 में आंध्र प्रदेश के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजन के कारण हुई.

Tags: Eastern Ladakh, Kargil day, Ladakh Border, Ladakh News, Leh Airport

FIRST PUBLISHED :

August 27, 2024, 19:38 IST

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