कौन सी देवी भाई पर हुई मोहित, चाहती थी शादी और बच्चे पैदा करना,क्यों हुआ इनकार

2 weeks ago

Last Updated:August 08, 2025, 12:08 IST

River Yamuna Love Story: हिंदू धर्म में एक ऐसे देवी देवता भी थे, जो आपस में जुड़वां भाई-बहन थे. बहन अपने भाई पर ही मुग्ध हो गई. उससे शादी करना चाहती थी और बच्चे भी पैदा करना लेकिन भाई ने मना कर दिया.

कौन सी देवी भाई पर हुई मोहित, चाहती थी शादी और बच्चे पैदा करना,क्यों हुआ इनकार

भारतीय पुराणों में एक हिंदू देवी देवता की ऐसी कहानी है, जो हैरान कर देती है. ये कहानी यम और यमी की है. दोनों भाई बहन थे लेकिन यमी अपने भाई पर ही मोहित हो गई. वो उससे शादी करना चाहती थी. ताकि भाई से कई बच्चे पैदा कर सके. उसने भाई को लुभाया, शादी का प्रस्ताव दिया. उससे मनुहार किया वो उससे शादी कर ले लेकिन भाई ने इनकार कर दिया. जानते हैं क्या थी कहानी

सृष्टि के शुरुआती समय में धरती अभी बनी ही बनी थी. आसमान तारों से सजा हुआ था. सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के दो बच्चे हुए – यम और यमी. यम शांत और गंभीर था. उसका काम था मानवजाति के कर्मों का हिसाब रखे. जब यम पैदा हुआ तो उसके साथ जुड़वां बहन भी पैदा हुई. उसका नाम था यमी. उत्साह और उमंग से भरी हुई . यमुना की तरह प्रवाहमयी.

दोनो भाई – बहन एक ही गर्भ से पैदा हुए

दोनों भाई बहन एक ही गर्भ से जन्मे. लेकिन उनके हृदय अलग-अलग धुन पर नाचते थे. यमी ने यम को हमेशा से एक अलग नजरिए से देखा. वह उसके गंभीर स्वभाव, निष्पक्षता, और सृष्टि के प्रति जिम्मेदारी से आकर्षित थी.

यमी शुरू से भाई यम से आकर्षित थी 

सृष्टि जब बनी तब मानवजाति का कोई नामोनिशान नहीं था. तब भाई के प्रति आकर्षित यमी ने सोचा कि उनके और यम के मिलन से एक नई शुरुआत हो सकती है. वह तब अपने भाई को अपने जीवनसाथी के रूप में देखने लगी. ये सपना देखती थी – वह और यम मिलकर ऐसी दुनिया रचेंगे जो प्रेम से भरी होगी और उनके प्रेम से उत्पन्न संतानें धरती को जीवन और प्रेम से भर देंगी.

एक दिन यमी ने यम से शादी का प्रस्ताव रखा

एक दिन यमी ने यम के सामने अपने दिल की बात कह ही दी. उसने कहा कि अगर हम दोनों जीवनसाथी बन जाएं. शादी कर लें तो हमारा मिलन सृष्टि को आगे ले जाएगा. मेरे साथ आओ, मेरे प्रिय. इस खाली धरती को प्रेम और जीवन से भर दें. यमी को लगा कि यम उसके प्रस्ताव को जरूर स्वीकार कर लेगा तब दोनों दुनिया को आगे ले जाएंगे.

यम ने कहा – ऐसा नहीं हो सकता

यम जैसे ही यमी की बातें सुनीं, वो स्तब्ध रह गया. वह हमेशा धर्म के रास्ते पर चलता था. वह अपनी बहन के प्रेम को समझता था, लेकिन उसे मालूम था कि ऐसा नहीं हो सकता. लिहाजा उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, “यमी”, “हम भाई-बहन हैं. हमारा प्रेम शुद्ध है, लेकिन यह वह प्रेम नहीं जो सृष्टि की नींव बनाए. ये धर्म के खिलाफ होगा, इसलिए ये नहीं हो सकता.

यम अपनी बहन यमी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे, लेकिन धर्म का रास्ता ही पकड़े रखना चाहते थे, लिहाजा बहन के प्रस्ताव को मानना असंभव था. यमी की आंखें नम हो गईं. इसके बाद भी प्रेम का तर्क देकर यमी कई दिनों तक यम को मनाती रही.

यमी कई दिनों तक भाई को शादी के लिए मनाती रही

यमी ने तर्क दिया, “देखो, यम, यह संसार अभी शून्य है. हमारी संतानें इसे रंगों से भर देंगी. अगर ये सृष्टि की भलाई के लिए है तो इसमें कोई पाप नहीं. लेकिन यम अडिग रहे.

फिर यमी के आंसू यमुना नदी बन गए

जब यमी ने देखा कि यम का हृदय नहीं बदलेगा. उनकी आंखों से आंसुओं की धारा बही, जो धरती पर गिरकर एक पवित्र नदी बन गई – यमुना. उसने कहा, “अगर तुम मेरे प्रेम को स्वीकार नहीं कर सकते, तो मैं इस धरती को अपने प्रेम से सींचूंगी.” “मैं यमुना बनकर बहूंगी, और हर जीव को जीवन दूंगी.”

यम ने यमी के बलिदान को देखा. उसका हृदय दुख से भर गया. उसने तब संकल्प लिया कि वो मानवजाति के कर्मों का रक्षक बनेंगे. “मैं धर्मराज बनूंगा, यमी,” उसने कहा, तुम्हारी यमुना जीवन देगी और मैं मृत्यु का मार्ग संभालूंगा.”

यम फिर धर्मराज बन गए और यमी की आंखों से आंसू से यमुना नदी बन गई. (NEWS18)

यमी की प्रेम कहानी आज भी कुछ कहती है

यम और यमी की कहानी प्रेम और धर्म के बीच की जटिलता को दिखाती है. धरती पर जब भी यमुना की लहरें चमकती हैं, तो वो यमी के अनकहे प्रेम की कहानी भी सुनाती हैं. जब यम की छाया मृत्यु के रूप में आती है, वह धर्म की दृढ़ता को याद दिलाती है, जिसने सृष्टि को एक नींव दी.

ऋग्वेद में भी मिलता है इसका जिक्र

यम और यमी का सबसे प्राचीन उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है, विशेष रूप से ऋग्वेद 10.10 में, जो “यम-यमी संवाद” के रूप में प्रसिद्ध है. यहां यम और यमी को भाई-बहन के रूप में बताया गया है. उनके बीच एक संवाद होता है जिसमें यमी भाई यम को प्रजनन और संसार की रचना के लिए उनके साथ संबंध स्थापित करने का प्रस्ताव देती है. यह संवाद प्रतीकात्मक और दार्शनिक स्तर पर गहरा अर्थ रखता है.

Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

August 08, 2025, 12:06 IST

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