Last Updated:January 17, 2025, 22:59 IST
Bank Fraud Case: टेक्नोलॉजी का विकास होने के साथ ही कई तरह की समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. कई बार लोग गंभीर समस्या में फंस जा रहे हैं. एक बार फिर से ऐसा ही मामला सामने आया है.
बैंक खाते से बड़ी मात्रा में पैसे की निकासी की घटना सामने आई है.
गुरुग्राम. जल्द पैसे कमाने के चक्कर में लोग कानून को ताक पर रखकर काम को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे लोगों के चलते आमजन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. भोले-भाले लोग ऐसे शातिर अपराधियों के चक्कर में फंस जाते हैं और अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा बैठते हैं. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. बैंक खाते में गड़बड़ी का आभास होते ही पीड़ित शख्स संबंधित बैंक की शाखा में गया. हकीकत जानकर बैक के अधिकारी भी भौंचक्के रह गए. इसकी सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस को दी गई. इस मामले में कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर जन-धन योजना के तहत बैंक खाते खोलकर उन्हें साइबर ठगों को उपलब्ध कराते थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को इसके बारे में जानकारी दी. यह मामला 14 जनवरी को सामने आया जब एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि दो लोग उनके पास आए और जन-धन योजना के तहत बैंक खाता खोलने के लिए कहा. आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ित को बताया कि सरकार हर महीने 7,000 रुपये देगी.
ATM कार्ड तक ले लिए
आरोपियों ने शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी के एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम कार्ड ले लिए. उनसे कहा कि खाता खोलने के बाद वे उन्हें वापस कर देंगे. हालांकि, जब वे कुछ दिनों बाद भी नहीं लौटे, तो शिकायतकर्ता बैंक पहुंचा और पाया कि उसके खाते से बड़ी रकम का लेन-देन हो चुका है. इसके बाद शिकायतकर्ता ने तत्काल पुलिस को इसकी जानकारी दी. उसकी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और गुरुवार को सेक्टर-10 क्षेत्र से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
सनसनीखेज खुलासा
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे लोगों से जन-धन योजना के तहत बैंक खाते खुलवाते थे और उनसे पैसे जमा करवाते थे. बैंक खाता खोलने के लिए आरोपी नकली कॉन्ट्रैक्ट और बिजली के बिल का उपयोग करते थे. एसीपी (साइबर ब्रांच) प्रियांशु देव ने बताया कि बैंक खाता खोलने के बाद आरोपी एटीएम कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को खाता धारक से सरकारी कार्यालय में खाता पंजीकृत करने के नाम पर ले लेते थे. इसके बाद वे उन बैंक खातों को 10,000 रुपये में अन्य आरोपियों को बेच देते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच पासबुक, एक नकली रेंट एग्रीमेंट और एक बिजली का बिल बरामद किया है. मामले में आगे की जांच की जा रही है.
Location :
Gurgaon,Gurgaon,Haryana
First Published :
January 17, 2025, 22:59 IST