Last Updated:May 18, 2025, 14:50 IST
Bihar Politics: पटना की सड़कों पर चिराग पासवान की तस्वीरों के साथ लगे पोस्टर ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है.इसमें उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया गया है जिससे एनडीए की अंदरूनी राजनीति पर सव...और पढ़ें

चिराग पासवान को सीएम प्रोजेक्ट करते हुए पटना की सड़कों पर पोस्टर लगे.
हाइलाइट्स
चिराग पासवान के पोस्टर से बिहार की राजनीति में उठ रहे सवाल.लोजपा के पोस्टर में चिराग को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया.एनडीए की अंदरूनी राजनीति और चिराग की मंशा पर सवाल उठे.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के नेता चिराग पासवान का राजनीतिक रुख सबको चौंका रहा है. उन्होंने बिहार की ओर अपनी राजनीति को शिफ्ट करने के संकेत जब से दिए हैं, तब से ही बिहार के राजनीतिक वातावरण में कई तरह की कयासबाजियां हैं. ऐसे में पटना के वीरचंद पटेल मार्ग के अतिरिक्त अन्य सड़कों पर लगाए पोस्टर पर भी चर्चा होने लगी है. दरअसल, इसमें चिराग पासवान को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश की गई है.साफ तौर पर एनडीए की अंदरूनी राजनीति को देखते हुए इस पोस्ट को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. आइये पहले समझते हैं कि इस पोस्टर को किसने लगाया है, इसमें क्या लिखा गया है और इसके माध्यम से क्या संकेत देने की कोशिश की गई है? इसके बाद इसके राजनीतिक निहितार्थ की भी समझेंगे.
पटना की सड़कों पर इस पोस्टर को लगाने वाले का नाम से इमाम गजली है. इनका परिचय लोजपा (आर) के शेखपुरा जिला अध्यक्ष के तौर पर दिया गया है. चिराग पासवान की तस्वीरों के साथ लगाए गए पोस्टर में चिराग पासवान के स्वागत की बात लिखी गई है. ऐसा लगता है कि उनको एक मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया है. पोस्टर में लिखा है- बिहार ताजपोशी का इंतजार कर रहा है! चिराग के स्वागत के लिए बिहार तैयार है! शेर का कलेजा लेकर ऊपर वाला भेजा है! दंगा फसाद ना बवाल चाहिए, बिहार का सीएम चिराग चाहिए! जाहिर है पोस्टर लगाने वाला बेहद उत्साहित है. उनकी मंशा जो भी रही हो, लेकिन बिहार की सियासत को यह एक नया संदेश तो जरूर दे रहा है. बता दें कि चिराग पासवान की तस्वीर लगाकर मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने को लेकर सियासी गलियारों में अलग तरह की चर्चा छिड़ गई है.
शेखुपरा के जिलाध्यक्ष इमाम गजाली ने लगवाया है चिराग पासवान का पोस्टर.
चिराग थे वजह और जदयू बन गई थी तीसरे नंबर की पार्टी
दरअसल, वर्ष 2020 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर लड़े थे, तब उनकी इस क्रिया से नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को काफी नुकसान पहुंचा था. कहा जाता है कि चिराग पासवान के कारण ही जदयू महज 43 सीटें जीत पाई और तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. इतना ही नहीं, इसको एनडीए के अंदर की एक साजिश के तौर पर देखा गया था जिसमें चिराग पासवान को भाजपा के साथ होने की बात कही गई थी.
चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को अपना नेता माना है!
राजनीति के जानकारों की दृष्टि से समझें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डैमेज करने के लिए चिराग पासवान को खड़ा किया गया था. हालांकि, 2020 के बाद से बिहार में राजनीतिक राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव हुए हैं और अब चिराग पासवान एनडीए में हैं. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना नेता मान चुके हैं और इसको लेकर उन्होंने कई बयान भी दिये हैं. बावजूद इसके इस पोस्ट के लगने के बाद वह बिहार की राजनीति में फिर चर्चा छिड़ गई है कि क्या चिराग पासवान कोई नया दांव खेलने जा रहे हैं?
बिहार एनडीए की अंदरुनी राजनीति को लेकर सवाल
हालांकि, चिराग पासवान ने बीते दिनों मीडिया से बात करते हुए इसको लेकर साफ तौर पर इनकार किया था. तब चिराग पासवान ने कहा था कि उनके नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं और वह एनडीए में ही बने रहेंगे.लेकिन, ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ का नारा देते हुए चिराग पासवान ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि यह उनके उनका मुख्य उद्देश्य है और बिहार ही उनकी राजनीति के केंद्र में है. बहरहाल, चिराग पासवान के दावों से इतर राजनीतिक गलियारों में इस पोस्टर की खूब चर्चा हो रही है और एनडीए की अंदरूनी राजनीति को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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