पंजाब नेशनल बैंक को 13850 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले भगोड़े आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे अब भारत लाने की बड़ी तैयारी है. चोकसी बेल्जियम में अपना इलाज करवा रहा था. वहां की पुलिस ने ईडी और सीबीआई की रिक्वेस्ट पर उसे अस्पताल से ही हिरासत में ले लिया.
हीरा कारोबारी और गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चोकसी पर PNB से 13 हजार करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है. बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी ने एक बार फिर देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की यादें ताजा कर दी हैं. क्या आप जानते हैं कि इस घोटाले की बुनियाद 2011 में ही रख दी गई थी और इसे उजागर होने में पूरे सात साल लग गए? और सबसे बड़ा सवाल – आखिर वो कौन था, जिसने 2018 में इस बहुचर्चित घोटाले के सारे धागे खोल दिए, जिसके बाद चोकसी को भारत छोड़कर भागना पड़ा?
चोकसी ने PNB को कैसे लगाया इतना बड़ा चूना?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चोकसी की कंपनियों ने 2011 से ही बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर पंजाब नेशनल बैंक से फर्जी लेन-देन शुरू कर दिए थे. पीएनबी के ही कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से उसने लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिये अरबों रुपये का कर्ज उठाया गया, जिसका कोई पुख्ता गारंटी या बैकअप नहीं था.
इन LoUs के आधार पर चोकसी की गीतांजलि ग्रुप और उसके सहयोगी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बैंकों से कर्ज मिला, जिसे न तो चुकाया गया और न ही सही तरीके से बही खातों में दिखाया गया.
2015 में मिली थी पहली चेतावनी
बेंगलुरु के उद्यमी हरिप्रसाद एसवी इस घोटाले के पहले व्हिसल-ब्लोअर माने जाते हैं. 2015 में ही उन्होंने चोकसी और गीतांजलि ग्रुप के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया गया कि उन्हें इस कंपनी की तरफ से 10 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया.
हरिप्रसाद को कंपनी की बैलेंस शीट्स और खातों में गड़बड़ नजर आई, जिसके बाद उन्होंने 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय, CBI, ED, SEBI और कंपनी मामलों के मंत्रालय को इस घोटाले की आशंका से अवगत कराया.
2018 में कैसे खुला सारा खेल?
हालांकि हरिप्रसाद की शिकायत को उस वक्त गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन 2018 में पीएनबी ने खुद इस घोटाले का खुलासा किया, जो पूरे देश को हिला देने वाला था. करीब 13,850 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई, जिसके मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी थे.
घोटाले के खुलासे से कुछ ही दिन पहले, 2 जनवरी 2018 को चोकसी भारत छोड़कर भाग गया था. वह पहले अमेरिका, फिर वहां से कैरेबियन देश एंटिगुआ चला गया और वहां की नागरिकता हासिल कर ली.
अब बेल्जियम में गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, चोकसी बेल्जियम के एंटवर्प शहर में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था, जहां उसने ‘रेजीडेंसी कार्ड’ हासिल कर लिया था. लेकिन भारत सरकार की ओर से CBI के प्रत्यर्पण अनुरोध पर बेल्जियम की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
हालांकि चोकसी के वकील अब स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन भारत सरकार की कोशिश है कि उसे जल्द से जल्द वापस लाकर कानून के हवाले किया जाए.
‘यह बस गिरफ्तारी नहीं, विश्वास की जीत’
घोटाले की शुरुआती चेतावनी देने वाले हरिप्रसाद एसवी ने इस गिरफ्तारी को ‘देश के लिए बहुत बड़ी जीत’ बताया. उन्होंने कहा, ‘जो भी मेहुल चोकसी से ठगा गया, उनके लिए यह खबर राहत की सांस है. अब जरूरी है कि भारत सरकार उसे वापस लाकर न्याय दिलाए और देश का पैसा भी वसूल करे.’
गीतांजलि जेम्स के पूर्व एमडी संतोष श्रीवास्तव, जो खुद इस घोटाले के खिलाफ शिकायतकर्ता रहे हैं, ने भी कहा, ‘अब समय है कि उसे भारत लाकर कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा दी जाए और जनता का पैसा लौटाया जाए.’