जाल में फंसी 200KG की मर्लिन फिश, देखकर ललचा गया मछुआरे का मन, फिर...

6 hours ago

Agency:एजेंसियां

Last Updated:July 09, 2025, 11:14 IST

Merlin Fish: 28 साल के बॉडी बिल्डर मछुआरे चोडापल्ली येरया को 200 किलोग्राम वजनी मार्लिन मछली ने समुद्र में खींच लिया. छह दिन बाद भी उसका सुराग नहीं मिला.

जाल में फंसी 200KG की मर्लिन फिश, देखकर ललचा गया मछुआरे का मन, फिर...

28 साल के मछुआरे चोडापल्ली येरया को विशाल मार्लिन मछली ने समुद्र की गहराइयों में खींच लिया.

हाइलाइट्स

चोडापल्ली येरया को मार्लिन मछली ने समुद्र में खींचा.छह दिन बाद भी येरया का कोई सुराग नहीं मिला.बाजार में इस मछली की कीमत 1,000 रुपये किलो तक होती है.

आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले के पुडिमडका गांव से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. यहां 28 साल के एक मछुआरे चोडापल्ली येरया को एक विशाल मार्लिन मछली ने समुद्र की गहराइयों में खींच लिया. यह हादसा 3 जुलाई को सुबह 9 बजे के आसपास हुआ. उस दिन येरया अपने छोटे भाई कोरलया और दो अन्य मछुआरों के साथ गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए थे. तट से 20-30 समुद्री मील की दूरी पर 200 किलोग्राम वजनी मार्लिन मछली उनके जाल में फंस गई. येरया ने इस बेशकीमती मछली को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उल्टा उसी मछली ने उसे खींच लिया. येरया की तलाश में कोस्ट गार्ड और स्थानीय मछुआरों की टीमें लगी हुई हैं, लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला है.

येरया, अपने भाई कोरलया और दो अन्य मछुआरों वासुपल्ली येल्लाजी और गंगाला अप्पलाराजू के साथ 3 जुलाई को तड़के 2 बजे पुडिमडका तट से नाव में मछली पकड़ने निकले थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरलया ने बताया, सुबह 9 बजे के आसपास उनकी रस्सी में एक विशाल मार्लिन मछली फंस गई, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम के करीब था. दूसरे मछुआरों ने सुझाव दिया कि जाल को काट दिया जाए, लेकिन येरया ने इसे पकड़ने का फैसला किया.

कोरलया ने बताया, ‘वह एक मजबूत और अनुभवी मछुआरा था. उसने सोचा कि वह इस मछली को काबू कर लेगा.’ मार्लिन मछली अपनी तेज गति और आक्रामकता के लिए जानी जाती है, ने जाल को जोर-जोर से खींचा. येरया ने रस्सी को खींचने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उनके पैर जाल में उलझ गए. मछली की ताकत इतनी जबरदस्त थी कि उसने येरया को समुद्र में खींच लिया. उनके साथी मछुआरे वी. येल्लाजी ने करीब 30 मिनट तक पानी में येरया की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला.

अब तक नहीं मिला कोई सुराग

4 जुलाई को अनकापल्ली पुलिस ने कोस्ट गार्ड की मदद से येरया की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की. अच्युतापुरम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एन. गणेश ने कहा, ‘कोस्ट गार्ड ने पूरे दिन तलाश की, लेकिन येरया का कोई पता नहीं चला. सह-मछुआरों के बयानों और कोस्ट गार्ड की जांच के आधार पर, यह एक मार्लिन मछली का हमला प्रतीत होता है. हमें किसी साजिश का शक नहीं है.’ जिला मत्स्य पालन अधिकारी पी. विजया ने भी पुष्टि की कि यह एक मार्लिन हमला था.

कोस्ट गार्ड और स्थानीय मछुआरों ने कई दिनों तक तलाश जारी रखी, लेकिन 9 जुलाई तक येरया का कोई सुराग नहीं मिला. येरया की बड़ी बहन सी. देवी ने दुखी मन से कहा, ‘छह दिन हो गए, और अब तक कोई खबर नहीं है. हमें डर है कि वह समुद्र में डूब गया.’

खतरनाक शिकारी है मार्लिन मछली

मार्लिन और खास तौर से ब्लैक मार्लिन समुद्र की सबसे तेज और आक्रामक मछलियों में गिनी जाती है. वह 109 किमी/घंटा की रफ्तार से तैर सकती है. इसका वजन 80 से 200 किलोग्राम तक हो सकता है, और इसकी तलवार जैसी नुकीली चोंच इसे और भी खतरनाक बनाती है. स्थानीय मछुआरों के बीच यह मछली ‘कोम्मु कोनम’ के नाम से मशहूर है और बाजार में इसकी कीमत 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है, जो इसे मछुआरों के लिए आकर्षक लेकिन जोखिम भरा शिकार बनाती है.

आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट पर मार्लिन मछलियों के हमले असामान्य नहीं हैं. फरवरी 2022 में, अनकापल्ली तट पर मछुआरे मोल्ली जोगन्ना की एक मार्लिन मछली ने चोंच से पेट में चोट मारकर हत्या कर दी थी. जोगन्ना का शव बरामद हो गया था, लेकिन येरया की बहन देवी कहती हैं, ‘कम से कम जोगन्ना का शव तो मिला था, मेरा भाई तो लापता है.’

बॉक्सिंग और बॉडी बिल्डिंग का शौकीन था येरया

पुडिमडका गांव के सरपंच और मछुआरे वेंकट रमना ने बताया कि येरया को समुद्र से बड़ा लगाव था. वब कहते हैं, ‘वह सात साल की उम्र से अपने पिता के साथ मछली पकड़ने जाता था. मार्लिन को जाल में फंसाना एक मछुआरे के लिए जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर माना जाता है. येरया ने इस चुनौती को स्वीकार किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.’

येरया की छोटी बहन भवानी ने बताया कि वह न केवल मछली पकड़ने में माहिर था, बल्कि उसे बॉक्सिंग और बॉडीबिल्डिंग का भी शौक था. वह फिल्म स्टार और राजनेता पवन कल्याण का बड़ा फैन था और उनका बाउंसर या सिक्योरिटी गार्ड बनने का सपना देखता था. 2019 में, वह पवन कल्याण से मिलने के लिए कडपा तक गया था, हालांकि वह सफल नहीं हो पाया.

पुडिमडका गांव में येरया के घर पर रिश्तेदार इकट्ठा हो चुके हैं. उसकी मां कोदंडम्मा गहरे सदमे में हैं. गांव में एक तरह से अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं, क्योंकि परिवार को अब येरया के लौटने की कोई उम्मीद नहीं है. देवी ने कहा, ‘कोई अब उसकी तलाश नहीं कर रहा. वे कहते हैं कि वह समुद्र में दफन हो चुका है.’

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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