Last Updated:July 10, 2025, 11:22 IST
India Counter Turkey Strategy: भारत ने तुर्की को सबक सिखाने के लिए ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें ग्रीस और साइप्रस को देने की योजना पर काम कर रहा है. भारत ग्रीस, साइप्रस और आर्मेनिया के साथ रक्षा संबंध मजबूत कर तुर्...और पढ़ें

भारत ने दुश्मन नंबर तीन को घेरने के लिए चक्रव्यूह रच दिया है.
हाइलाइट्स
भारत ने ग्रीस को LR-LACM मिसाइल की पेशकश की.भारत ने तुर्की को घेरने के लिए ग्रीस, साइप्रस से सहयोग बढ़ाया.भारत ने साइप्रस को ब्रह्मोस और आर्मेनिया को आकाश मिसाइल दी.India Counter Turkey Strategy: पाकिस्तान और चीन के साथ भारत की दुश्मनी की बात हर किसी को पता है. ये दोनों मिलकर भारत को हमेशा से अस्थिर करने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन, भारत की ताकतवर सेना इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देती. पाकिस्तान बीते 75 सालों में बार-बार मात खाता रहा है, लेकिन बावजूद इसके वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. खैर, आज हम पाकिस्तान और चीन से दुश्मनी की बात नहीं कर रहे हैं. हम बात एक तीसरे दुश्मन देश की. पाकिस्तान और चीन तो हमारे जानी दुश्मन हैं ही. ये तीसरा मुल्क भी इनके साथ मिलकर हमारे खिलाफ साजिश में शामिल रहा है. ऐसे में भारत ने अब उसको भी चोट देने की तैयारी कर ली है. इस तैयारी मात्र से ही वह बाप-बाप करने लगा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस देश ने पाकिस्तान की खूब मदद की. उसने चीन से भी आगे बढ़कर भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई की. इससे इस मुल्क का असली चेहरा सामने आ गया है.
अब आप समझ ही गए होंगे कि हम जिस दुश्मन नंबर-3 की बात कर रहे हैं वो कौन है. दरअसल, उसका नाम है तुर्की. यह इस्लाम के नाम पर भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ मिलकर ऐसी हरकतें कर रहा है, जिससे उसको सबक सिखाने की जरूरत पड़ गई है. यह वही तुर्की है जब उसके यहां भयानक भूकंप आया था तो भारत ने सबसे पहले राहत सामग्री भेजी थी. वहां पहुंचने वाली पहली राहत टीम भारत की थी.
भारत की रणनीति
तुर्की की धोखेबाजी से भारत भी अपने घोड़े खोल दिए हैं. उसने उसको सबक सिखाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए भारत ने उसे चौतरफा घेरने की नीति बनाई है. इससे अब तुर्की बाप-बाप करने लगा है. भारत ने ग्रीस, साइप्रस और आर्मेनिया जैसे तुर्की के प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ रक्षा और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की रणनीति पर फोकस बढ़ा दिया है. तुर्की के मीडिया में हाल में ऐसी खबरें छपी हैं जिसमें दावा किया गया है कि भारत ने विशेष रूप से ग्रीस को लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) की अनौपचारिक पेशकश की है. इन खबरों ने तुर्की में हलचल मजा दी है.
ब्रह्मोस और आकाश दुनिया के सबसे बेहतरीन और घातक हथियारों में शामिल हैं.
ग्रीस को मिसाइल की पेशकश
तुर्की के न्यूज आउटलेट TRHaber ने दावा किया कि भारत ने ग्रीस को LR-LACM की पेशकश की है, जिसकी रेंज 1,000-1,500 किमी है और यह तुर्की के S-400 वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है. इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है. मई 2025 में एथेंस में एक रक्षा प्रदर्शनी के दौरान इसे प्रदर्शित भी किया गया था. ग्रीस, तुर्की के साथ ऐजियन सागर में क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है. ग्रीस इस मिसाइल से तुर्की के सैन्य ठिकानों, जैसे इजमिर और कनाक्कले के हवाई अड्डों को निशाना बना सकता है. तुर्की मीडिया ने इसे भारत की ओर से ऑपरेशन सिन्दूर में पाकिस्तान का समर्थन करने का बदला माना है.
साइप्रस और आर्मेनिया के साथ सहयोग
भारत ने साइप्रस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की पेशकश की है, जो तुर्की के समुद्री प्रभुत्व को चुनौती दे सकती है. दरअसल, तुर्की अपनी ब्लू होमलैंड नीति पर चलता है. इसके तहत वह ऐजियन और पूर्वी भूमध्य सागर में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता है. इसके खिलाफ साइप्रस और ग्रीस भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को महत्व दे रहे हैं. इसके अलावा भारत, आर्मेनिया को आकाश मिसाइल डिफेंस प्रणाली और अन्य रक्षा उपकरणों की भी आपूर्ति कर रहा है.
तुर्की को घेरने की रणनीति
भारत ने ग्रीस और साइप्रस के साथ रक्षा सहयोग को काफी महत्व दे रहा है. हाल ही में भारतीय वायु सेना प्रमुख एपी सिंह ग्रीस का दौरा किया. भारत तुर्की के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों को रणनीतिक हथियार प्रदान कर न केवल तुर्की पर दबाव बना रहा है, बल्कि NATO के भीतर तुर्की की स्थिति को भी कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. तुर्की के रूस से S-400 खरीदने से NATO सहयोगियों के साथ तनाव पहले से ही मौजूद है और भारत इस स्थिति का लाभ उठा रहा है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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