Last Updated:April 22, 2025, 09:07 IST
सूबेदार बलदेव सिंह सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हो गए. सिरसा के गांव झोंपड़ा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सेना और प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी.

सियाचीन ग्लेशियर में सूबेदार पद पर तैनात ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए.
सिरसा. हरियाणा के सिरसा के गांव झोंपड़ा के सूबेदार बलदेव सिंह सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे. सोमवार को उनके पैतृक गांव झोपड़ा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सेना और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. झोपड़ा और आसपास के क्षेत्र के लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी. उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. देश के लिए उनकी शहादत को गर्व की बात बताया गया. पिछले साल प्रमोशन मिलने के बाद वे सूबेदार बने थे और एक साल से लद्दाख में तैनात थे. सिरसा जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राजेन्द्र कुमार और तहसीलदार भुवनेश ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
सियाचीन ग्लेशियर में सूबेदार पद पर तैनात ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे और अब उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. वे पिछले एक साल से लद्दाख में तैनात थे. इससे पहले वे जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में थे. पिछले वर्ष प्रमोशन मिलने के बाद सूबेदार बने और सियाचीन में ड्यूटी पर पहुंचे थे. हाल ही में उन्होंने अंतिम सांस ली. सोमवार को सुबह उनकी पार्थिव देह को लद्दाख से वायुमार्ग से दिल्ली लाया गया. यहां से सड़क मार्ग के रास्ते शाम को शहीद बलदेव की पार्थिव देह सिरसा में मीरपुर स्थित अपने आवास पर पहुंची. घर में सुबह से रिश्तेदारों, परिचितों और शहीद बलदेव के चाहवानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था.
पार्थिव देह के घर में पहुंचते ही उपस्थितजनों ने ‘बलदेव सिंह अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ के जयकारों से आसमान गुंजायमान कर दिया. उपस्थित लोगों और परिजनों ने शहीद बलदेव के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद गांव झोंपड़ा की शिवपुरी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद बलदेव की शवयात्रा में भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों ने भाग लिया. सिरसा प्रशासन की ओर से एसडीएम राजेन्द्र कुमार और तहसीलदार भुवनेश ने पुष्प गुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
सिरसा जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राजेन्द्र कुमार और तहसीलदार भुवनेश ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
गौरतलब है कि सूबेदार बलदेव सिंह के पिता बलवंत सिंह का पहले ही निधन हो चुका है. अब उनके परिवार में उनकी माता रचना कौर, बड़ा भाई हरदेव सिंह, शहीद की पत्नी गुरविन्द्र कौर, एक बेटा उपराज सिंह और बेटी मनरीत कौर हैं. परिवार में बलदेव सिंह के चाचा-ताऊ के बच्चे भी देशसेवा के लिए भारतीय सेना में अलग-अलग पदों पर तैनात हैं.
पिछले साल प्रमोशन मिलने के बाद वे सूबेदार बने थे और एक साल से लद्दाख में तैनात थे.
शहीद बलदेव सिंह के भाई हरदेव सिंह, गुरप्रीत सिंह और गुरदीप सिंह ने बताया कि बलदेव सिंह पिछले 22 साल से भारतीय सेना में थे. पिछले वर्ष नवंबर में वह सिरसा आए थे. वह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे और सभी से मिलजुल कर रहते थे. नवंबर माह में वह छुट्टी पर आए और सभी से मिलकर गए थे. पिछले वर्ष ही प्रमोशन के बाद से वह सियाचीन में तैनात थे. दो दिन पूर्व ड्यूटी पर तैनाती के दौरान तापमान -35 डिग्री होने के कारण तबीयत बिगड़ गई.
ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत
ऑक्सीजन की कमी के कारण बलदेव को सांस लेने में दिक्कत आने लगी. उपचार दिया जा रहा था, लेकिन अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उनकी मौत हो गई. आज सुबह उन्हें बलदेव के शहीद होने की सूचना मिली, जिसके बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. परिवारजनों को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि बलदेव उन्हें छोड़कर जा चुके हैं. इसके बाद पार्थिव देह को वायुमार्ग से आज लद्दाख से दिल्ली लाया गया. यहां से सड़क मार्ग से शव सिरसा पहुंचा. यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
Location :
Sirsa,Sirsa,Haryana
First Published :
April 22, 2025, 09:05 IST